कोरबा: छत्तीसगढ़ में 15 साल के भाजपा राज के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार आई, लेकिन अब कांग्रेस के राज में कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की पूछ-परख नहीं हो रही है. शुक्रवार को जिले के जिला पंचायत में हुई सामान्य सभा की बैठक से कांग्रेसी जिला पंचायत सदस्य नदारद रहे. सामान्य सभा से नदारद रहने वाले सदस्य जो कि पंचायत की स्थायी समितियों के सभापति भी हैं. वह अध्यक्ष और जिला पंचायत के सीईओ पर मनमानीपूर्वक अपने एजेंडे को उनपर थोपने और समय पर सूचना नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि अध्यक्ष ने इन सभी बातों से इनकार किया है.
क्षेत्र क्रमांक 12 पोड़ी उपरोड़ा से जिला पंचायत सदस्य प्रीति कंवर जो महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य समिति की सभापति हैं. उनका कहना है कि तय समय पर हमें सूचना ही नहीं दी गई. 19 अक्टूबर की शाम को व्हाट्सएप के जरिए एजेंडों की सूची मुझे दी गई, जिसमें 14 अक्टूबर का उल्लेख है. बैक डेट में एजेंडा की सूची तैयार कर प्रेषित किया गया है, जबकि हमारा यह अधिकार है कि एजेंडा हमारी मर्जी से तय होने चाहिए. सूचना काम से कम 7 दिन पहले दी जानी चाहिए. इसके बावजूद हमें सामान्य सभा की ना तो कोई सूचना समय पर दी गई, ना ही एजेंडा तय करने के पहले हमसे सहमति ली गई. पंचायत में कोई भी काम नियम से नहीं हो रहा है. मनमानीपूर्वक कार्य किए जा रहे हैं.
हो रहा अधिकारों का हनन
क्षेत्र क्रमांक 3 करतला से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य और स्थायी समिति की सभापति कमला राठिया का कहना है कि सूचना तो देर से भेजी गई. एजेंडा तय करते वक्त भी हमसे सहमति नहीं ली गई, जबकि चर्चा के लिए कई तरह के विषय होते हैं. अधिकारी हमें जानकारी भी नहीं देते और अपनी मर्जी से कार्य कर लेते हैं. जिला पंचायत में सीधे तौर पर हमारे अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
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7 सदस्य रहे मौजूद, 5 नदारद
जिला पंचायत के सामान्य सभा की बैठक में शुक्रवार को 12 में से केवल 7 सदस्य ही मौजूद थे, जिसमें अध्यक्ष शिवकला कंवर भी शामिल रही. हालांकि 12 सदस्यों वाले जिला पंचायत कोरबा में सभा का कोरम पूरा करने के लिए एक तिहाई सदस्य मतलब 4 सदस्य ही पर्याप्त हैं, लेकिन शुक्रवार को हुई बैठक से 5 सदस्य नदारद रहे. जिनमें से कुछ ने सभा में शामिल ना होकर विरोध जताने की बात कही.
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पहली बार सामान्य प्रशासन के सभा पहले जताई आपत्ति
जिला पंचायत में निर्वाचित सदस्यों की अवहेलना कोई नई बात नहीं है. इस पर पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर के बेटे और वर्तमान में करतला क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य संदीप कुमार का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ. जब सामान्य प्रशासन समिति की बैठक पहले कर दी गई और सामान्य सभा की बैठक बाद में की गई. जबकि नियमानुसार पहले सभी स्थाई समितियों की बैठक होती है, फिर सामान्य सभा और अंत में सामान्य प्रशासन की सभा का आयोजन होता है. इसमें गड़बड़ी की आशंका है. सांसद आदर्श ग्राम में 4 करोड रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन वहां अब भी कोई विकास कार्य दिखता नहीं है. कई मुद्दों पर हमने असहमति जताई है. जिला पंचायत सीईओ ने जांच का आश्वासन दिया है.
सदस्यों की तबीयत खराब है, इसलिए नहीं आए बैठक में
सदस्यों के नाराजगी और जिला पंचायत की मनमानी के सवाल पर जिला पंचायत की अध्यक्ष शिवकला कंवर का कहना है कि कुछ सदस्य उपवास हैं. कुछ की तबीयत ठीक नहीं थी. इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हुए. नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है. सामान्य सभा की बैठक में वन, कृषि के साथ ही निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई. सभी अफसरों ने जानकारी दी है.
4 घंटे देर से शुरू हुई सभा, 4 एजेंडे पारित
विरोध और खींचतान के बीच सुबह 11 बजे निर्धारित सभा दोपहर के लगभग 3 बजे शुरू हुई, जिसमें शिक्षक पंचायत संवर्ग के स्थानांतरण और नियमितीकरण, महिला एवं बाल विकास विभाग के विभागीय कार्यों की समीक्षा, कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा. साथ ही विभिन्न निर्माण एजेंसियों द्वारा संचालित निर्माण कार्यों की समीक्षा के एजेंडा रखे गए थे. सभी एजेंडों पर चर्चा कर इन्हें पारित किया गया.