कोरबाः जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र अब ऑनलाइन नि:शुल्क जारी किए जाएंगे. इसके लिए संबंधित क्षेत्र के रजिस्ट्रार को जिम्मेदारी दी गई है. प्रशासन का प्रयास है कि जन्म और मृत्यु के शत प्रतिशत पंजीयन कराया जा सके. रजिस्ट्रार को हर हाल में प्रत्येक जन्म और मृत्यु की रिपोर्टिंग करनी होगी. चिकित्सकीय संस्थानों में भी जन्म और मृत्यु का पंजीयन किया जाएगा. पंजीयन में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं.
कलेक्टर ने दिए निर्देश
कलेक्टर ने इस संबंध में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के सभी रजिस्टरोंं की बैठक लिया था. बैठक में केंद्रीय सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की जानकारी दी गई थी. जन्म और मृत्यु का शत प्रतिशत ऑनलाइन पंजीयन करने का निर्देश दिया गया था. जन्म और मृत्यु की रिपोर्टिंग नहीं करने वाले रजिस्ट्रार अधिकारियों के खिलाफ अर्थदंड लगाने की कार्रवाई भी की जाएगी.
अंतर विभागीय समन्वय समिति भी बनी
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए अंतर विभागीय समन्वय समिति का गठन भी किया गया है. जन्म मृत्यु अधिनियम 1969 के अनुसार देश के प्रत्येक जन्म और मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन किया जाना अनिवार्य है. बावजूद इसके जिले के ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी जन्म और मृत्यु की रिपोर्टिंग गंभीरता पूर्वक नहीं की जा रही है.
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जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का उपयोग
जन्म प्रमाण पत्र जन्म स्थान का एक प्रमाणिक पैतृक दस्तावेज होता है. जिसका उत्तराधिकारी के निराकरण के लिए भी उपयोग किया जाता है. इसी तरह मृत्यु प्रमाण पत्र की भी उपयोगिता बेहद अहम है. कोर्ट के मामले, स्कूल में एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस, मताधिकार, पासपोर्ट, बीमा संबंधित मामलों में मुआवजे अनुकंपा नियुक्ति के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद जरूरी होता है.
यहां करा सकते हैं पंजीयन
शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतें जन्म और मृत्यु पंजीयन कराने के लिए अधिकृत हैं. जबकि सभी सरकारी चिकित्सकीय और सार्वजनिक उपक्रमों के अस्पताल में भी जन्म-मृत्यु का पंजीयन किया जाता है. जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र निशुल्क प्रदान करने का नियम है. इस कार्य में लापरवाही बरतने पर अधिकारी के साथ ही संबंधित संस्थान पर भी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.