कोरबा : मेडिकल कॉलेज को जिले के पश्चिम क्षेत्र में स्थापित करने की मांग को लेकर कोरबा पश्चिम मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने दर्री में चक्काजाम किया. आंदोलन सुबह 11 बजे शुरु होकर शाम 4 बजे तक चला. प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास करते रहे. लेकिन आंदोनलकारी अपनी जगह से नहीं हटे. इस कारण सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.
10 प्रशासनिक अफसरों का हुआ तबादला
मेडिकल कॉलेज के भवन को लेकर फंसा है पेंच
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिले में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज की मांग को पूरा किया था. इस सत्र से जिले में मेडिकल कॉलेज के संचालन की तैयारी थी. सबसे पहले कोरबा के आईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के बिल्डिंग को चिन्हित किया गया था. लेकिन तकनीकी पेंच फंसने के कारण यह भवन मेडिकल कॉलेज को नहीं मिला. आनन-फानन में कलेक्टोरेट के पास मौजूद लाइवलीहुड कॉलेज में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया गया. लेकिन यहां भी किसी कारण मेडिकल कॉलेज को शुरु नहीं किया गया. इसके बाद मुख्यालय के समीप ही 230 करोड़ रुपये की लागत से नए मेडिकल कॉलेज भवन बनाए जाने की घोषणा की गई है. लेकिन भवन का निर्माण का मामला अब भी अधर में लटका हुआ है.
क्या कहता है नियम
नियम के मुताबिक जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. आंदोलनकारियों का कहना है कि स्याहीमुड़ी भले ही 10 किलोमीटर वाले नियम से बाहर है. लेकिन यहां पहुंचने में 30 मिनट का समय लगता है. इसलिए यहां संचालन शुरू किया जा सकता है. सरकार ने कोरबा में मेडिकल कॉलेज के संचालन का वादा किया था. अब ये वादे अधर पर लटका है. भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षद मेडिकल कॉलेज पश्चिम क्षेत्र में खोलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.