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मेडिकल कॉलेज के लिए चक्काजाम, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षद, मेडिकल कॉलेज को पश्चिम क्षेत्र में खोलने की मांग कर रहे हैं. मांग पूरी नहीं होने पर पार्षदों ने सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक रोड पर चक्काजाम किया. इस कारण सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.

korba
कोरबा
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Published : Feb 24, 2021, 8:09 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 8:42 PM IST

कोरबा : मेडिकल कॉलेज को जिले के पश्चिम क्षेत्र में स्थापित करने की मांग को लेकर कोरबा पश्चिम मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने दर्री में चक्काजाम किया. आंदोलन सुबह 11 बजे शुरु होकर शाम 4 बजे तक चला. प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास करते रहे. लेकिन आंदोनलकारी अपनी जगह से नहीं हटे. इस कारण सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
पश्चिम क्षेत्र में लगभग ढाई सौ करोड़ की लागत से एजुकेशन हब का निर्माण किया गया था. वर्तमान में यहां सरकारी छात्रावास और प्राइमरी स्कूल का संचालन हो रहा है. इसे लेकर पहले भी विवाद सामने आया था. पश्चिम क्षेत्र के निवासी यहां मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू करने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर आंदोलन जोर पकड़ने लगा है.
Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
प्रदर्शन की तस्वीरें

10 प्रशासनिक अफसरों का हुआ तबादला

मेडिकल कॉलेज के भवन को लेकर फंसा है पेंच
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिले में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज की मांग को पूरा किया था. इस सत्र से जिले में मेडिकल कॉलेज के संचालन की तैयारी थी. सबसे पहले कोरबा के आईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के बिल्डिंग को चिन्हित किया गया था. लेकिन तकनीकी पेंच फंसने के कारण यह भवन मेडिकल कॉलेज को नहीं मिला. आनन-फानन में कलेक्टोरेट के पास मौजूद लाइवलीहुड कॉलेज में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया गया. लेकिन यहां भी किसी कारण मेडिकल कॉलेज को शुरु नहीं किया गया. इसके बाद मुख्यालय के समीप ही 230 करोड़ रुपये की लागत से नए मेडिकल कॉलेज भवन बनाए जाने की घोषणा की गई है. लेकिन भवन का निर्माण का मामला अब भी अधर में लटका हुआ है.

Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
प्रदर्शन की तस्वीरें

क्या कहता है नियम
नियम के मुताबिक जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. आंदोलनकारियों का कहना है कि स्याहीमुड़ी भले ही 10 किलोमीटर वाले नियम से बाहर है. लेकिन यहां पहुंचने में 30 मिनट का समय लगता है. इसलिए यहां संचालन शुरू किया जा सकता है. सरकार ने कोरबा में मेडिकल कॉलेज के संचालन का वादा किया था. अब ये वादे अधर पर लटका है. भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षद मेडिकल कॉलेज पश्चिम क्षेत्र में खोलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
सड़क जाम

कोरबा : मेडिकल कॉलेज को जिले के पश्चिम क्षेत्र में स्थापित करने की मांग को लेकर कोरबा पश्चिम मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति ने दर्री में चक्काजाम किया. आंदोलन सुबह 11 बजे शुरु होकर शाम 4 बजे तक चला. प्रशासनिक अधिकारी आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास करते रहे. लेकिन आंदोनलकारी अपनी जगह से नहीं हटे. इस कारण सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
पश्चिम क्षेत्र में लगभग ढाई सौ करोड़ की लागत से एजुकेशन हब का निर्माण किया गया था. वर्तमान में यहां सरकारी छात्रावास और प्राइमरी स्कूल का संचालन हो रहा है. इसे लेकर पहले भी विवाद सामने आया था. पश्चिम क्षेत्र के निवासी यहां मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू करने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर आंदोलन जोर पकड़ने लगा है.
Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
प्रदर्शन की तस्वीरें

10 प्रशासनिक अफसरों का हुआ तबादला

मेडिकल कॉलेज के भवन को लेकर फंसा है पेंच
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जिले में बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज की मांग को पूरा किया था. इस सत्र से जिले में मेडिकल कॉलेज के संचालन की तैयारी थी. सबसे पहले कोरबा के आईटी इंजीनियरिंग कॉलेज के बिल्डिंग को चिन्हित किया गया था. लेकिन तकनीकी पेंच फंसने के कारण यह भवन मेडिकल कॉलेज को नहीं मिला. आनन-फानन में कलेक्टोरेट के पास मौजूद लाइवलीहुड कॉलेज में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया गया. लेकिन यहां भी किसी कारण मेडिकल कॉलेज को शुरु नहीं किया गया. इसके बाद मुख्यालय के समीप ही 230 करोड़ रुपये की लागत से नए मेडिकल कॉलेज भवन बनाए जाने की घोषणा की गई है. लेकिन भवन का निर्माण का मामला अब भी अधर में लटका हुआ है.

Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
प्रदर्शन की तस्वीरें

क्या कहता है नियम
नियम के मुताबिक जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज की दूरी 10 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए. आंदोलनकारियों का कहना है कि स्याहीमुड़ी भले ही 10 किलोमीटर वाले नियम से बाहर है. लेकिन यहां पहुंचने में 30 मिनट का समय लगता है. इसलिए यहां संचालन शुरू किया जा सकता है. सरकार ने कोरबा में मेडिकल कॉलेज के संचालन का वादा किया था. अब ये वादे अधर पर लटका है. भाजपा, कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षद मेडिकल कॉलेज पश्चिम क्षेत्र में खोलने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

Demonstration demanding opening of medical college in western region in korba
सड़क जाम
Last Updated : Feb 24, 2021, 8:42 PM IST
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