कोरबाः पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल लाते वक्त 21 मई को एक युवक की मौत हो गई. युवक का नाम सुखराम यादव बताया जा रहा है, जो ग्राम गुरसिया का रहने वाला है. युवक की मौत कोरोना संक्रमण काल में होने की वजह से परिजनों को दूसरे दिन भी शव नहीं दिया गया और कोविड 19 की जांच के लिए शवघर में रख लिया है.
परिजन का कहना है कि मृतक बहुत समय से बीमार था, जिसे पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लेकर गए थे, लेकिन डॉक्टरों ने युवक को जिला अस्पताल रेफर कर दिया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
शव का कोविड-19 टेस्ट
परिजन को जिला अस्पताल ने एक पर्ची दी गई है, जिसमें शव के कोविड-19 टेस्ट किए जाने का उल्लेख है. पर्ची के आधार पर जब तक टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक परिजनों को इंतजार करना होगा. टेस्ट रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आने पर ही परिजनों को शव सौंपा जाएगा. और कोरोना पॉजिटिव आने की स्थिति में, शव को कोरोना वायरस के तहत निर्धारित मापदंडों के अनुसार डिस्पोज कर दिया जाएगा.
ट्रैवल हिस्ट्री क्लियर
इस विषय में जिला अस्पताल के प्रबंधन का कहाना है कि युवक की ट्रैवल हिस्ट्री का पता लगाई गया है, जिसमें उसके कहीं बाहर नहीं जाने की बात पता चला है. युवक की मौत भी संदिग्ध अवस्था में होने की वजह से कोविड 19 की जांच के लिए रखा गया है. परिजन के मुताबिक युवक बहुत दिनों से बीमार चल रहा था और उसका इलाज वे झोलाछाप डॉक्टरों से करवा रहे थे. इसलिए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने युवक का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला जरूर लिया है. जब तक मृतक की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी.
एहतियातन रखा गया शव
मामले में एडीएम संजय अग्रवाल का कहना है कि उन्हें शुक्रवार की शाम इसकी जानकारी मिली थी. युवक के संदिग्ध मौत जैसी कोई बात नहीं है. फिर भी शव को एहतियातन मुर्दाघर में रखा गया है.