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कोरबा: विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर को देखने के लिए जुट रहे लोग - सुतर्रा बायपास

उत्तर प्रदेश के बनारस जिले के लिए निकला एक भारीभरकम ट्रक और विशालकाय मशीन लोगों के बीच चर्चा का वजह बन गया. वजन करीब 350 टन से ज्यादा है. इसकी लंबाई 200 फ़ीट से ज्यादा बताई जा रही है. लिफ्टर पर इस मशीन को रखा गया है. उनमें हाइड्रोलिक प्रणाली के 276 पहिये लगे हुए हैं.

Crowds of people gathered to see giant machine
विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर
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Published : Feb 24, 2021, 3:16 AM IST

कोरबा: उत्तर प्रदेश के बनारस जिले के लिए निकला एक भारीभरकम ट्रक लोगों के बीच चर्चा का वजह बन गया. लिफ्टर ट्रेलर के जरिए मशीन (स्टार्टर) को बनारस भेजा जा रहा है. इसका वजन करीब 350 टन से ज्यादा है. इसकी लंबाई 200 फ़ीट से ज्यादा बताई जा रही है. मशीन गुजरात राज्य के अहमदाबाद से रवाना होकर सोनभद्र जिले के ओबरा जा रही है. ओबरा में स्थित पावर प्लांट के लिए यह मशीन मंगाई गई है.

Crowds of people gathered to see giant machine
विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर

मशीन को पहुंचाने का जिम्मा देश की सबसे बड़ी परिवहन कम्पनियों में से एक एनटीसी यानी नामक्कल ट्रांसपोर्ट कैरियर को दिया गया है. लिफ्टर पर इस मशीन को रखा गया है. उनमें हाइड्रोलिक प्रणाली के 276 पहिये लगे हुए हैं. इन्ही की मदद से मशीन को खींचा जा रहा है. इस वाहन की अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है. एनटीसी कंपनी को उम्मीद है कि अप्रैल-मई में मशीन के पहुंचाया जा सकेगा. फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कटघोरा और अंबिकापुर राजमार्ग में मौजूद छोटे पुल-पुलिया हैं.

कोरबा: बारातियों से भरी ऑटो पलटने से 3 की मौत, 13 घायल

अस्थाई पुल का निर्माण

कंपनी के प्रबंधक ने बताया कि 3 हजार किलोमीटर का सफर करके यह वाहन छत्तीसगढ़ में दाखिल हुआ है. एक महीने से कोरबा जिले में ही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और जिला प्रशासन के विशेष अनुमति के बाद पर कटघोरा-ढेलवाडीह बायपास पुल पर वाहन को गुजारने के लिए पुल का निर्माण किया गया है. इसी अस्थाई पुल की मदद से वाहन को पार कराया जाएगा. फिलहाल एनटीसी के 30 स्टाफ इस काम को अंजाम देने में जुटे हुए है. सुतर्रा बायपास पर खड़े लिफ्टर और मशीन को ढेलवाडीह लाया गया था. लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह काम रोक दिया गया.

Crowds of people gathered to see giant machine
विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर

बायपास से जाने की नहीं मिली इजाजत

बायपास का पुल पहले ही कमजोर स्थिति में है. लिहाजा प्रशासन ने उन्हें मुख्य पुल से गुजरने की इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद कंपनी ने वाहन को गुजारने मिट्टी का एक बड़ा रपटा तैयार कराया है. अंबिकापुर पहुंचने पर इस मशीन को दो हिस्सों में अलग किया जायेगा जिससे इसकी ढुलाई करने में आसानी होगी. सुबह इस मशीन को देखने सैकड़ो की संख्या में लोग पुल के पास पहुंचे थे.

कोरबा: उत्तर प्रदेश के बनारस जिले के लिए निकला एक भारीभरकम ट्रक लोगों के बीच चर्चा का वजह बन गया. लिफ्टर ट्रेलर के जरिए मशीन (स्टार्टर) को बनारस भेजा जा रहा है. इसका वजन करीब 350 टन से ज्यादा है. इसकी लंबाई 200 फ़ीट से ज्यादा बताई जा रही है. मशीन गुजरात राज्य के अहमदाबाद से रवाना होकर सोनभद्र जिले के ओबरा जा रही है. ओबरा में स्थित पावर प्लांट के लिए यह मशीन मंगाई गई है.

Crowds of people gathered to see giant machine
विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर

मशीन को पहुंचाने का जिम्मा देश की सबसे बड़ी परिवहन कम्पनियों में से एक एनटीसी यानी नामक्कल ट्रांसपोर्ट कैरियर को दिया गया है. लिफ्टर पर इस मशीन को रखा गया है. उनमें हाइड्रोलिक प्रणाली के 276 पहिये लगे हुए हैं. इन्ही की मदद से मशीन को खींचा जा रहा है. इस वाहन की अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है. एनटीसी कंपनी को उम्मीद है कि अप्रैल-मई में मशीन के पहुंचाया जा सकेगा. फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कटघोरा और अंबिकापुर राजमार्ग में मौजूद छोटे पुल-पुलिया हैं.

कोरबा: बारातियों से भरी ऑटो पलटने से 3 की मौत, 13 घायल

अस्थाई पुल का निर्माण

कंपनी के प्रबंधक ने बताया कि 3 हजार किलोमीटर का सफर करके यह वाहन छत्तीसगढ़ में दाखिल हुआ है. एक महीने से कोरबा जिले में ही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और जिला प्रशासन के विशेष अनुमति के बाद पर कटघोरा-ढेलवाडीह बायपास पुल पर वाहन को गुजारने के लिए पुल का निर्माण किया गया है. इसी अस्थाई पुल की मदद से वाहन को पार कराया जाएगा. फिलहाल एनटीसी के 30 स्टाफ इस काम को अंजाम देने में जुटे हुए है. सुतर्रा बायपास पर खड़े लिफ्टर और मशीन को ढेलवाडीह लाया गया था. लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह काम रोक दिया गया.

Crowds of people gathered to see giant machine
विशालकाय मशीन और लिफ्टर ट्रेलर

बायपास से जाने की नहीं मिली इजाजत

बायपास का पुल पहले ही कमजोर स्थिति में है. लिहाजा प्रशासन ने उन्हें मुख्य पुल से गुजरने की इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद कंपनी ने वाहन को गुजारने मिट्टी का एक बड़ा रपटा तैयार कराया है. अंबिकापुर पहुंचने पर इस मशीन को दो हिस्सों में अलग किया जायेगा जिससे इसकी ढुलाई करने में आसानी होगी. सुबह इस मशीन को देखने सैकड़ो की संख्या में लोग पुल के पास पहुंचे थे.

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