कोरबा: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरबा नगर निगम में पारित बजट को जन विरोधी और विकास विरोधी करार देते हुए बांकी मोंगरा में बजट की प्रतियां जलाकर कड़ा विरोध जताया. बांकी मोंगरा क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज सैकड़ों नागरिकों और व्यापारियों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया. माकपा ने कांग्रेस से समर्थन वापस लेने पर भी विचार करने की बात कही है.
माकपा की ओर से कहा गया है कि विकास के नाम पर आउट सोर्सिंग और निजीकरण के किसी भी प्रस्ताव को माकपा का समर्थन न मिलने की घोषणा पार्टी ने पहले ही महापौर को दिए अपने ज्ञापन में कर दी थी. अब इसके खिलाफ पार्टी सड़क पर लड़ाई लड़ेगी. माकपा ने कड़े शब्दों में कहा है कि विपक्षी पार्षदों को सदन में घुसने से रोककर और सदन को गुमराह कर, बजट प्रस्तावों पर बिना किसी चर्चा के महापौर ने बजट पारित कराने की चालबाजी तो कर सकते हैं, लेकिन जनता का दिल नहीं जीत सकते.
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माकपा के जिला सचिव प्रशांत झा ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा है कि 850 करोड़ रुपयों के बजट में आम जनता के लिए न विकास है, न राहत, जबकि अधिकांश नागरिकों की आजीविका कोरोना संकट के कारण प्रभावित हुई है. उनकी आय में भयंकर गिरावट आई है. यही कारण है कि माकपा ने गरीब जनता और लघु व्यापारियों का संपत्ति कर सहित अन्य बकाया कर माफ करने की मांग की थी. साथ ही कर्मचारियों के नियमित पदों को भरने और सफाई कर्मियों को दैनिक वेतनभोगियों के रूप में नियमित करने और राजस्व भूमि और वन भूमि पर वर्षों से काबिज परिवारों को पट्टे और भू-अधिकार पत्र देने की मांग की थी.
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माकपा नेता ने कहा कि पिछड़े हुए बांकी मोंगरा क्षेत्र के विकास के लिए जिन कार्यों को करने की सार्वजनिक घोषणा जुलाई में महापौर ने खुद की थी, उसकी कोई भी झलक इस बजट में नहीं है. यह बांकी मोंगरा क्षेत्र के नागरिकों के साथ खुला विश्वासघात है. इस क्षेत्र की जनता इसका जवाब अपने प्रतिरोध आंदोलन के जरिये देगी. बिना किसी चर्चा के पारित किए जाने वाले बजट और जबरन कर वसूली के प्रस्तावों को निगम की जनता स्वीकार करने वाली नहीं है.