कोरबा: बदली हुई व्यवस्था के मद्देनजर खनिज विभाग ने रेत खदानों से रेत निकासी के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इसका ठेका ठेकेदारों को दे दिया है, जिसके बाद ठेकेदारों ने मनमानी शुरू कर दी है. गांव में रॉयल्टी की शर्तों दरकिनार कर ठेकेदार लोगों से रेत की ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं, जिससे रेत की कीमत आसमान छू रही है.
करतला तहसील के अंतर्गत बरपाली क्षेत्र में खनिज विभाग ने रेत निकासी के लिए खदानों को ठेके पर दे दिया है. इसके लिए विभाग ने शुल्क भी निर्धारित कर दिया है, लेकिन नियमों का पालन करने में ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
ट्रैक्टर ड्राइवर लैप्स पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे है
जब हालात का जायजा लेने के लिए ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची और यहां मौजूद रेत घाट का जायजा लिया. इस दौरान उन्हें पता चला कि यहां से रेत लेकर जाने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर एक्पायरी डेट की पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे हैं, जिसमें 400 और 600 रुपए शुल्क अदा करने का जिक्र है.
खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत लिया ठेका
इस बारे में ड्राइवरों से जब सवाल किया गया तो उन्होंने इस बारे में अलग-अलग जानकारी दी. वहीं इस क्षेत्र से रेत निकासी का ठेका प्रमोद राठौर सहित तीन लोगों के पास है, उन्होंने खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत ठेका लिया है और इसी के अनुसार लोगों से निर्धारित राशि भी लेनी है, लेकिन अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ठेकेदार ने दूसरा रास्ता निकाल रखा है.
महंगी दरों पर मिल रही रेत
करतला के रहने वाले ट्रैक्टर मालिक ने भी इस करनामे को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने अपने पास रखें पीली और सफेद रंग की दो पर्चियां दिखाई और बताया कि इसमें 400 और 600 रुपये की राशि का उल्लेख है, लेकिन हाल में हुए अलग-अलग निर्माण कार्य करने वाले लोगों को रेत महंगी दरों पर मिल रही है. कुल मिलाकर इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.
असली और फर्जी पर्ची की करनी चाहिए जांच
नियमानुसार एक बार रेत निकासी के लिए एक पर्ची देनी चाहिए अब इनमें असली कौन सी है और कौन सी पर्ची फर्जी है यह जांच का विषय है.