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नियमों को ठेंगा दिखाकर ठेकेदार कर रहे रेत उत्खनन

बरपाली क्षेत्र में खनिज विभाग ने खदानों से रेत निकासी के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इसका ठेका ठेकेदारों को दे दिया है, जिसका फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं और रेत की ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं.

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Published : Jan 25, 2020, 10:30 AM IST

Updated : Jan 25, 2020, 1:32 PM IST

ठेकेदार कर रहे रेत उत्खनन
ठेकेदार कर रहे रेत उत्खनन

कोरबा: बदली हुई व्यवस्था के मद्देनजर खनिज विभाग ने रेत खदानों से रेत निकासी के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इसका ठेका ठेकेदारों को दे दिया है, जिसके बाद ठेकेदारों ने मनमानी शुरू कर दी है. गांव में रॉयल्टी की शर्तों दरकिनार कर ठेकेदार लोगों से रेत की ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं, जिससे रेत की कीमत आसमान छू रही है.

करतला तहसील के अंतर्गत बरपाली क्षेत्र में खनिज विभाग ने रेत निकासी के लिए खदानों को ठेके पर दे दिया है. इसके लिए विभाग ने शुल्क भी निर्धारित कर दिया है, लेकिन नियमों का पालन करने में ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

ट्रैक्टर ड्राइवर लैप्स पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे है

जब हालात का जायजा लेने के लिए ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची और यहां मौजूद रेत घाट का जायजा लिया. इस दौरान उन्हें पता चला कि यहां से रेत लेकर जाने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर एक्पायरी डेट की पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे हैं, जिसमें 400 और 600 रुपए शुल्क अदा करने का जिक्र है.

खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत लिया ठेका

इस बारे में ड्राइवरों से जब सवाल किया गया तो उन्होंने इस बारे में अलग-अलग जानकारी दी. वहीं इस क्षेत्र से रेत निकासी का ठेका प्रमोद राठौर सहित तीन लोगों के पास है, उन्होंने खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत ठेका लिया है और इसी के अनुसार लोगों से निर्धारित राशि भी लेनी है, लेकिन अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ठेकेदार ने दूसरा रास्ता निकाल रखा है.

महंगी दरों पर मिल रही रेत

करतला के रहने वाले ट्रैक्टर मालिक ने भी इस करनामे को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने अपने पास रखें पीली और सफेद रंग की दो पर्चियां दिखाई और बताया कि इसमें 400 और 600 रुपये की राशि का उल्लेख है, लेकिन हाल में हुए अलग-अलग निर्माण कार्य करने वाले लोगों को रेत महंगी दरों पर मिल रही है. कुल मिलाकर इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

असली और फर्जी पर्ची की करनी चाहिए जांच

नियमानुसार एक बार रेत निकासी के लिए एक पर्ची देनी चाहिए अब इनमें असली कौन सी है और कौन सी पर्ची फर्जी है यह जांच का विषय है.

कोरबा: बदली हुई व्यवस्था के मद्देनजर खनिज विभाग ने रेत खदानों से रेत निकासी के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इसका ठेका ठेकेदारों को दे दिया है, जिसके बाद ठेकेदारों ने मनमानी शुरू कर दी है. गांव में रॉयल्टी की शर्तों दरकिनार कर ठेकेदार लोगों से रेत की ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं, जिससे रेत की कीमत आसमान छू रही है.

करतला तहसील के अंतर्गत बरपाली क्षेत्र में खनिज विभाग ने रेत निकासी के लिए खदानों को ठेके पर दे दिया है. इसके लिए विभाग ने शुल्क भी निर्धारित कर दिया है, लेकिन नियमों का पालन करने में ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

ट्रैक्टर ड्राइवर लैप्स पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे है

जब हालात का जायजा लेने के लिए ETV भारत की टीम मौके पर पहुंची और यहां मौजूद रेत घाट का जायजा लिया. इस दौरान उन्हें पता चला कि यहां से रेत लेकर जाने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर एक्पायरी डेट की पर्ची और रॉयल्टी पर्ची दिखा रहे हैं, जिसमें 400 और 600 रुपए शुल्क अदा करने का जिक्र है.

खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत लिया ठेका

इस बारे में ड्राइवरों से जब सवाल किया गया तो उन्होंने इस बारे में अलग-अलग जानकारी दी. वहीं इस क्षेत्र से रेत निकासी का ठेका प्रमोद राठौर सहित तीन लोगों के पास है, उन्होंने खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत ठेका लिया है और इसी के अनुसार लोगों से निर्धारित राशि भी लेनी है, लेकिन अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ठेकेदार ने दूसरा रास्ता निकाल रखा है.

महंगी दरों पर मिल रही रेत

करतला के रहने वाले ट्रैक्टर मालिक ने भी इस करनामे को लेकर अहम जानकारी दी. उन्होंने अपने पास रखें पीली और सफेद रंग की दो पर्चियां दिखाई और बताया कि इसमें 400 और 600 रुपये की राशि का उल्लेख है, लेकिन हाल में हुए अलग-अलग निर्माण कार्य करने वाले लोगों को रेत महंगी दरों पर मिल रही है. कुल मिलाकर इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है.

असली और फर्जी पर्ची की करनी चाहिए जांच

नियमानुसार एक बार रेत निकासी के लिए एक पर्ची देनी चाहिए अब इनमें असली कौन सी है और कौन सी पर्ची फर्जी है यह जांच का विषय है.

Intro:बदली हुई व्यवस्था के तहत खनिज विभाग ने रेत खदानों से रेत निकासी के लिए टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से इसका ठेका ठेकेदारों को ठेका दे दिया है इसके साथ ही ठेकेदारों की मनमानी शुरू हो गई है ग्रामीण क्षेत्रों में रॉयल्टी की शर्तों को हास्य पर रखकर ठेकेदार लोगों से रेत की ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं इससे रेत की कीमत आसमान छू रहे हैं कोरबा जिले के करतला तहसील के अंतर्गत बरपाली क्षेत्र में खनिज विभाग ने रेत निकासी के लिए खदानों को ठेका पर दे दिया है इसके लिए विभाग ने शुल्क भी निर्धारित कर दिया है लेकिन इसका परिपारण करने में ठेकेदार रुचि नहीं दिखा रहे हैं हमारी न्यूज़ टीम ने बरपाली क्षेत्र में ऐसे घाटों का जायजा लिया यहां से रेत लेकर जाने वाले ट्रैक्टर चालकों ने यहां तो लैप्स हो चुके पर्ची दिखाई या उन रॉयल्टी पर्ची को दिखाया जिसमें ₹400 और 600 रुपए शुल्क अदा करने का उल्लेख थाBody:इस बारे में चालकों ने अलग-अलग जानकारी दी जिससे यह पता चलता है कि किस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है ठेका प्रमोद राठौर को इस क्षेत्र से रेत निकासी का ठेका प्रमोद राठौर सहित तीन लोगों ने ले रखा है उन्होंने खनिज विभाग से नियम और शर्तों के तहत ठेका प्राप्त किया है और इसी के अनुसार लोगों से निर्धारित राशि भी लेना है लेकिन अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ठेकेदार ने दूसरा रास्ता निकाल रखा है करतला के रहने वाले ट्रैक्टर मालिक आकाश सक्सेना ने भी इस करनामें को लेकर अहम जानकारी दीConclusion:उन्होंने अपने पास रखें पीली और सफेद रंग की दो पर्चियां दिखाई बताया गया कि इनमें ₹400 और ₹600 की राशि का उल्लेख है लेकिन वर्तमान में विभिन्न निर्माण कार्य करने वाले लोगों को रेत काफी महंगी दरों पर मिल रही है कुल मिलाकर इससे सरकार के राजस्व की हानि हो रही है इस बार पर्ची काटने पर अनेक बार रेत निकासी की जा रही है दो अलग-अलग दाम वाली पर्ची सवालों के घेरे में है नियम अनुसार एक बार रेत निकासी के लिए एक पर्ची देनी चाहिए अब इनमें असली कौन सी है और कौन सी पर्ची फर्जी है यह जांच का विषय है कब से है एक पर्ची से एक बार ही रेत निकासी की जा सकती है लेकिन बरपाली में पुरानी हो चुकी पर्ची से एक तरफ से बिना पर्ची के ही रेत उत्खनन किया जा रहा है जो कि नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन है

बाइट - आकाश सक्सेना ( ट्रैक्टर मालिक जो वाइट कलर का फुल शर्ट पहना है और ब्लैक कलर का हाफ जैकेट पहना हुआ है
बाइट - रेत ठेकेदार का कर्मचारी( जो चेक कलर का शर्ट और दोनों हाथ में अलग-अलग रंग की पर्ची रखा हुआ है
बाइट- ट्रैक्टर चालक ( जो रेत लेकर जा रहा है )
Last Updated : Jan 25, 2020, 1:32 PM IST
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