कोरबा: छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूल भवनों का निर्माण कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है, ताकि नौनिहालों का भविष्य उज्जवल रहे, लेकिन धरातल पर जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सरकारी योजना पर पानी फिर रहा है. रामपुर के पहंदा गांव में करीब 3 साल बीत जाने के बाद भी प्राथमिक शाला भवन का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, जिसका खामियाजा स्कूली छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.
रामपुर के पहंदा गांव में भवनों की सही मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से घटिया निर्माण और भवन का निर्माण भी पूरा नहीं हो पाया, जिसका खामियाजा स्कूली छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. 3 साल बीत जाने के बाद भी स्कूल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण पुराने प्राथमिक शाला भवन में ही कक्षा संचालित की जा रही है.
लोकार्पण से पहले जर्जर हुआ स्कूल, सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप
पहली से पांचवीं तक 70 बच्चे आते हैं स्कूल
पहंदा गांव में प्राथमिक शाला भवन के लिए 2018 में भवन स्वीकृति मिली थी. प्राथमिक शाला स्कूल के शिक्षिका संध्या दिवाकर ने बताया कि भवन की कमी होने के कारण हमारे शिक्षक विभाग से नए स्कूल भवन मांग किए थे, जो 2018 में स्वीकृत कर दी गई थी, लेकिन आजतक आधा अधूरा है. स्कूल की शिक्षिका संध्या दिवाकर यह भी बताया कि हमारे स्कूल पहली से पांचवीं तक 70 बच्चे अध्ययन करने आते हैं, जिनको बैठने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अभनपुर में तय समय के बाद भी नहीं पूरा हुआ स्कूल का निर्माण
बरसात के दिनों में छत से टपक रहा पानी
शिक्षिका ने बताया कि अगर नया स्कूल भवन बन जाता, तो हम लोगों को बहुत सुविधा मिल जाता, जो नवीन स्कूल भवन बहुत ही गुणवत्ता हीन बन रहा है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपक रहा है. छत का प्लास्टर अभी से नीचे गिर रहा है, जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकता है.
3 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका भवन
वहीं पंचायत के सरपंच धनसिंह कंवर ने बताया कि शिलान्यास मद से नवीन प्राथमिक शाला भवन 2018 में स्वीकृति हुआ था, जो लॉकडाउन की वजह से पूरा नहीं हो पाया. अब बहुत जल्द पूरा करके शिक्षा विभाग को दे दिया जाएगा. स्कूल की हालत को देखकर यह समझ में नहीं आया कि स्कूल भवन आधा अधूरा होने के कारण अभी से जर्जर स्थिति में है, तो बनने के बाद स्कूल भवन की स्थिति क्या होगी यह समझ से परे है.