दरअसल, 11 फरवरी को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव अरुण उरांव कोरबा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चर्चा की. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि हम जाति, लिंग और उम्र के हिसाब से प्रत्याशी तय नहीं करेंगे. जो सबसे योग्य उम्मीदवार होगा उसे लोकसभा का टिकट दिया जाएगा.
लेकिन अब केके यादव ने कोरबा पहुंचकर राष्ट्रीय महासचिव से ओबीसी कार्यकर्ताओं को लोकसभा कैंडिडेट के तौर पर उतारे जाने की बात कही है. बाद में जब उनसे अरुण उरांव के बयान का जिक्र किया गया तो उन्होंने कहा कि आबादी ओबीसी की ज्यादा है इसलिए उन्होंने ये बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा काम सुझाव देना और अपना मत रखना है, बाकी तो सारे फैसले दिल्ली से ही होंगे.
बता दें केके यादव लोकसभा चुनाव से पहले जिले में ओबीसी वर्ग के ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने आए थे. इस दौरान उनके साथ पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष कन्हैया राठौर, जिला कांग्रेस कमेटी के शहर अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री श्यामसुंदर सोनी मौजूद थे.