कोरबा: एसईसीएल की अनुषंगी रेल कॉरिडोर (Subsidiary Rail Corridor Company) कंपनी छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा रेल्वे साईडिंग से 15 नवंबर को कोयले से भरा पहला रेक रवाना किया गया है. यह डिस्पैच छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) के माड़वा पॉवर हाऊस को किया गया. एसईसीएल इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान रहा है. कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है.
2019 में रखी गई थी परियोजना के नींव, 3000 करोड़ रुपए का निवेश
सीईआरएल एसईसीएल (CERL SECL) के माण्ड-रायगढ़ कोलफील्ड्स से कोयले के त्वरित निष्कासन के उद्देश्य से विकसित की जा रही है. जिसमें लगभग 3055 करोड़ रूपये का पूजीगत निवेश किया जा रहा है. वर्ष 2019 में प्रोजेक्ट के खरसिया-कोरीछापर लाईन से माल ढुलाई आरंभ किया जा चुका है. लेकिन यह पहली दफा है जब रेलवे लाइन से कोयला डिस्पैच किया गया. कोयले से भरे रेलवे का पहला रैक डिस्पैच किए जाने को न सिर्फ एसईसीएल बल्कि कोल इंडिया लिमिटेड भी बड़ी उपलब्धि मान रहा है. कोयला उत्पादन की दिशा में एसईसीएल के एक नये अध्याय की शुरुआत हुई है.
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फिलहाल 3 रैक प्रतिदिन डिस्पैच की क्षमता
छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड मिनीरत्न (Chhattisgarh East Rail Limited Miniratna) उपक्रम एसईसीएल की सबसिडियरी कंपनी है. जिसे बतौर स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीव्ही) पीपीपी मॉडल पर विकसित की गई है. इस कॉरिडोर के रूट की कुल लंबाई लगभग 130 किमी है. जिसमें खरसिया से धरमजयगढ़ की मेन लाइन, तीन फीडर लाईन सहित घरघोड़ा से डोंगा मउआ तक के कनेक्टिंग लाइन शामिल हैं. जिसके जरिए रायगढ़ क्षेत्र के गारे पेलमा ब्लॉक की खदाने रेल नेटवर्क से जुड़ी है. प्रोजेक्ट के खरसिया से धरमजयगढ़ की मेन लाइन (74किमी.) की कमीशनिंग की जा चुकी है. बाकि परियोजना 30 सितम्बर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य कंपनी ने निर्धारित किया है. घरघोड़ा रेल्वे साईडिंग से कोयले के रेक की ढुलाई आरंभ होने से कोल डिस्पैच की क्षमता में लगभग 3 रैक प्रतिदिन का इजाफा होगा.