कोरबा: कोरोना संक्रमण काल में जब विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित हुई तो इस विपरित परिस्थिति में कुछ शिक्षकों ने अपने स्तर पर छात्रों को पढ़ाने का काम शुरू किया. इसमें कोरबा जिले की शिक्षिका इंदु डहरिया भी शामिल हैं. इंदु ने इंटरनेट की सुविधा को पढ़ाई के बीच बाधा नहीं बनने दिया और वाइस कॉल के जरिए बच्चों की क्लास लेनी शुरू कर दी. स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला ने कोरबा दौरे के दौरान इस नवाचार की जमकर तारीफ की. शुक्ला के लौटने पर सीएम भूपेश बघेल ने इस स्कूल की तारीफ करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी साझा किया.
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नो फोर-जी, नो इंटरनेट के बावजूद दे रही शिक्षा
पाली विकासखंड के मिडिल स्कूल रेकी में वाइस कॉल के जरिए शिक्षिका इंदु डहरिया बच्चों को पढ़ा रही हैं. अपने दौरे के दौरान प्रमुख सचिव ने शिक्षिका की तारीफ करते हुए उनके इस कार्य की जमकर सराहना की. सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट कर कहा कि बच्चों को मोबाइल और स्पीकर की सहायता से सामान्य फोन कॉल के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है. अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नो फोर-जी, नो इंटरनेट के बावजूद इस तरह के नवाचार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सराहा है और इसके लिए क्षेत्र के शिक्षकों को अपनी शुभकामनाएं दी है.
कोरबा जिला वनों से घिरा हुआ जिला है. वनों की बहुलता की वजह से कई ऐसे दुर्गम क्षेत्र मौजूद हैं, जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है. मोबाइल फोन के जरिए बात तक करने के लिए नेटवर्क का अभाव है. ऐसे में कुछ शिक्षक इस तरह शिक्षा की गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने फेसबुक पेज पर कोरबा जिले के नवाचारी शिक्षकों को अपनी शुभकामनाएं दी है.