कोरबा: छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के मौके पर रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके की मौजूदगी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतरेंगा में बोट क्लब और रिसोर्ट का विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-शुभारंभ किया. बता दें कि सतरेंगा को मॉडर्न टूरिस्ट प्लेस के तौर पर विकसित किया गया है. जोकि अब एक खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में राज्य और देश भर के पर्यटकों के लिए पर्यटन का एक नया केंद्र होगा.
जिला पंचायत सभाकक्ष में सांसद ज्योत्सना महंत ने शिलालेख से पर्दा हटाकर सतरेंगा में विकसित किए गए पर्यटन सुविधाओं को औपचारिक रूप से प्रदेश वासियों को समर्पित किया. सांसद महंत ने कहा कि कोरबा जिले को सतरेंगा से अब एक नई पहचान मिलेगी. सतरेंगा में पर्यटन को बढ़ावा देने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा. सांसद महंत ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई भी दी. राज्योत्सव के इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों करने वाली विभूतियों को राज्य अलंकरण सम्मान प्रदान किए गए. साथ ही पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों को शौर्य सम्मान से भी नवाजा गया.
इसलिए खास है सतरेंगा
सतरेंगा को प्राकृतिक महादेव दर्शन केंद्र के नाम से भी जाना जाता है. सतरेंगा में पहाड़ी है वह प्राकृतिक शिवलिंग जैसा प्रतीत होता है. जिसके कारण ही सतरेंगा को पहले से ही महादेव प्रकृति दर्शन केंद्र के तौर पर जाना और पहचाना जाता है. सतरेंगा को माडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए आधारभूत सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से किया गया है. इसे की काम अब भी बाकी हैं. सतरेंगा में स्थानीय युवाओं को टूरिज्म के जरिए रोजगार से जोड़ने के लिए फूड प्लाजा के साथ-साथ स्थानीय कलाकृतियों की बिक्री के लिए दुकानों का निर्माण भी किया गया है.
क्रूज चलाने की तैयारी
सतरेंगा में पर्यटकों के रुकने और खाने-पीने की सुविधा के साथ ही आसपास के क्षेत्र में पैदल घूमकर प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने के लिए रास्ते आदि का काम भी अब तेजी से किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अब सतरेंगा से बुका तक क्रूज चलाने की तैयारी कर रही है. साथ ही सतरेंगा के रेस्टहाउस के सामने अपार जलराशि के बीच स्थित द्वीपों के नजारे को ध्यान में रखते हुए यहां पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वॉइंट भी बनाया गया है. सेल्फी प्वॉइंट पर सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं. इस सेल्फी प्वॉइंट पर खड़े होकर पर्यटक सतरेंगा के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ मीठी यादें अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे. पर्यटक सतरेंगा को रात में भी देख सकें इसलिए सौर ऊर्जा चलित हाई मास्ट लाइट भी लगाई जा रही है.
कोरबा: महिला RPF को ट्रेनों की सुरक्षा का जिम्मा, महिलाओं के लिए 'मेरी सहेली अभियान' की शुरूआत
पर्यावरण को संरक्षित करने का भी प्रयास
सतरेंगा पर्यटन स्थल में प्रवेश के लिए पार्किंग स्थल के पास बांस से आकर्षक प्रवेश द्वार बनाया जाएगा. इस प्रवेश द्वार पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति और हस्तशिल्प की छाप होगी. परिसर में लगे पेड़ों पर उनके स्थानीय और वानस्पतिक नाम भी लिखे जाएंगे. पेड़ों के विभिन्न भागों के उपयोग और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के साथ सामाजिक ताने-बाने में उनकी उपयोगिता को भी अंकित किया जाएगा.
लोकनृत्य और वाटर स्पोर्ट्स का उठा सकेंगे लुफ्त
सतरेंगा में जलराशि के किनारे आकर्षक ओपन थियेटर भी बनाया गया है. यहां पर्यटकों को छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति से रुबरू होने का मौका मिलेगा. पर्यटक हर शाम यहां कैंप फायर के दौरान छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों और लोकगीतों का लुफ्त उठा सकेंगे. सतरेंगा में वाटर स्पोर्ट्स का भी लुत्फ उठाया जा सकेगा. छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने इसके लिए जरूरी सामान और आवश्यक स्पीड बोट समेत जेटबोट आदि की व्यवस्था की जा रही है.
इस तरह पहुंच सकते हैं सतरेंगा
सतरेंगा कोरबा जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है. यहां तक पहुंचने के लिए कोरबा से बाल्को रोड जाना होगा. जहां गांव चुईया के बाद कोरबा देवपहरी रोड में आगे बढ़ते हुए सतरेंगा तक पहुंचा जा सकता है. बालकों के बाद से ही घाटी वाला रास्ता शुरू हो जाता है. पहाड़ी क्षेत्रों से होते हुए घने जंगलों का मनोरम दृश्य भी रास्ते में पड़ता है. सतरेंगा पहुंचने पर बांगो डैम के डुबान क्षेत्र का पानी दूर-दूर तक फैला हुआ दिखाई देता है. जो कि आंखों को सुकून देने वाला नजारा है. सतरेंगा के इस सुंदर नजारे सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं.