कोरबा: जिले में नगर निगम (Korba nagar nigam) मानसून से पहले नालों की सफाई में जुट गया है. इसी कड़ी में सीतामढ़ी क्षेत्र के वैष्णो दरबार के पास वाले नाले की पहली बार सफाई की जा रही है. हालांकि इस सफाई के बाद भी बरसात में कई लोगों के घरों में नाले का पानी घुसने की संभावना है. स्थानीय लोगों ने निगम को सलाह दी है कि मैन्युअल सिस्टम से सफाई असरदार नहीं होगी. यहां पर पोकलेन (Pocklain) के जरिए कामकाज कराए जाने की जरूरत है.
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कोरबा के शहरी क्षेत्र में रह रहे लोगों के उपयोग में लाए जा रहे पानी की निकासी के लिए नालियां (drainage) बनाई गई हैं, जो आसपास के नालों से जुड़ी हुई हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में आबादी बढ़ने से इन नालियों के जरिए पानी निस्तारण में दबाव बढ़ रहा है. इन नालों की सफाई और उचित प्रबंधन की कमी के कारण यहां समय-समय पर पानी निकासी को लेकर समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं.
नाले की सफाई के लिए मैन्युअल सिस्टम उपयोगी नहीं
कोरबा के वार्ड क्रमांक-10 के सीतामढ़ी वैष्णो दरबार इलाके में इसी तरह की समस्या काफी समय से बनी हुई है. जिसके निवारण के लिए नगर निगम ने मैन्युअल सिस्टम से इस क्षेत्र के पास वाले नाले की सफाई का काम शुरू कर दिया है, लेकिन आसपास के रहवासियों का मानना है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पडे़गा. उनका कहना है कि बारिश आते ही वार्डवासियों के घरों में पानी घुसने की संभावना बनी हुई है.
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शहर के वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि सुजीत राठौर ने कहा कि पहली बार इस क्षेत्र के नाले की सफाई की जा रही है, लेकिन नाले की सफाई पोकलेन के जरिए तकनीकी माध्यम से कराई जानी चाहिए, तभी पानी के सही तरीके से निस्तारण होने की समस्या का समाधान हो सकेगा. उन्होंने कहा कि जिस नाले की सालों से सफाई नहीं हुई है, वहां जाहिर सी बात है अधिक मात्रा में गंदगी अटी पड़ी होगी, जिसे साफ करने के लिए मैन्युअल सिस्टम सार्थक विकल्प नहीं है, क्योंकि इस प्रणाली से नाले की सफाई सही ढंग से नहीं हो पाएगी. इस पूरे मामले में नगर निगम के अधिकारियों को लोगों के इस सुझाव पर अमल करने के बारे में जरूर विचार करना चाहिए.