कोरबा : 25 दिसंबर को विश्व भर में प्रभु यीशु का जन्म दिवस मनाया जाता है. कोरबा के 50 से अधिक चर्च में हर्षोल्लास के साथ बड़ा दिन मनाया गया. प्रभु यीशु के जन्म दिवस पर ईसाई समाज ने विशेष सभा का आयोजन किया.जिसमें समाज के लोगों ने प्रार्थनाएं की. इस दौरान मसीह समाज के साथ ही अन्य वर्गों में प्रभु यीशु से जुड़े प्रसंग सुनाए गए. लोगों ने प्रभु यीशु के दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प भी लिया.
पूरे दिसंबर माह में चलता है उत्सव : चर्च ऑफ क्राइस्ट, निहारिका कोरबा के सदस्य अनुपम नाथ ने बताया कि क्रिसमस का पर्व वैसे तो एक दिसंबर से ही शुरू हो जाता है. घर-घर जाकर हम कैरोल सिंगिंग करते हैं. इसके बाद कैंप फायर का आयोजन भी होता है. प्रभु यीशु का जन्म रात के 12 बजे हुआ था. इसलिए रात को 12 बजे से मुख्य उत्सव की शुरुआत हुई.
'' हम धूमधाम से प्रभु यीशु का जन्म दिवस मना रहे हैं. पूरे विश्व में यह त्यौहार मनाया जाता है. हम लोगों से आह्वान करते हैं कि प्रभु यीशु के दिखाएगा मार्ग पर चलें, जो दुनिया में सिर्फ इसलिए आए थे. ताकि लोगों का उद्धार कर सकें.''- अनुपम नाथ, चर्च ऑफ क्राइस्ट, निहारिका कोरबा के सदस्य
आधी रात से शुरु हुआ उत्सव : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु यीशु ने चरनी में जन्म लिया था. जन्म का समय रात के 12 बजे का था. इसी वजह से 24 और 25 तारीख के दरमियानी रात को ही उत्सव शुरू हो जाता है. कैंप फायर में मसीह समाज के लोग नाच गाने के साथ प्रभु यीशु का जन्म दिवस मनाते हैं. कोरबा में रात 12 के बाद से ही उत्सव की शुरुआत हुई. आकर्षक आतिशबाजी और कई तरह के आयोजनों से गांव से लेकर शहर तक उत्सव सा माहौल दिखा.