ETV Bharat / state

ऑटो संघ ने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनियों को सौंपा ज्ञापन, राहत की मांग - submitted memorandum to Finance Companies

कोरबा में लॉकडाउन के कारण लंबे समय से आर्थिक परेशानी से जूझ रहे ऑटो चालक संघ ने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनी को ज्ञापन सौंप राहत की मांग की है.

Auto Union demands relief
ऑटो संघ ने की राहत मांग
author img

By

Published : Jun 18, 2020, 9:05 PM IST

कोरबा: कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे ऑटो चालक संघ ने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनी को ज्ञापन सौंप राहत की मांग की है. जिला ऑटो संघ का कहना है, कि चालक न तो फाइनेंस कंपनी की किश्त चुकाने में सक्षम है और न ही बच्चों के स्कूल की फीस जमा करने की स्थिती में है. लिहाजा उन्हें कुछ महीनों की मोहलत दी जाए, जिससे उनके ऊपर ज्यादा बोझ न पड़े.

ऑटो संघ ने सरकार और कंपनियों से मांगी राहत

लॉकडाउन खुलने के बाद भी ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिती नहीं सुधरी है. कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक रहे लॉकडाउन में ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. जिसके कारण वे फाइनेंस कंपनियों के किश्त नहीं चुका पा रहे हैं. साथ ही परिवार चलाने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

दिसंबर तक राहत की मांग
संघ का कहना है कि लॉकडाउन ने उनकी आर्थिक स्थिती को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है. ट्रेन और बस सेवा बंद होने के कारण यात्री नहीं आ रहे हैं और उन्हें सवारी नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद शहर के भीतर दिन भर में एक-दो सवारी मिल जाती है, जिससे वे जैसे-तैसे परिवार का पेट भर रहे हैं, लेकिन ऐसी स्तिथि में ऑटो का किश्त और स्कूल का फीस भर पाना नामुमकिन है. जिसके कारण उन्होंने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनियों को ज्ञापन सौंप दिसंबर तक राहत देने की मांग की है.

पढ़ें:-बालोद: ऑटो चलाने की मिली परमिशन, लेकिन नहीं मिल रही सवारी, कैसे होगा गुजारा?

जिला प्रशासन पर टिकी उम्मीद
जिला ऑटो संघ के सचिव पकंज तिवारी ने इस विषय पर कहा कि फाइनेंस कंपनियों ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है. अब उनकी उम्मीद कलेक्टर पर टिकी हुई है. उन्होंने बताया कि लगातार लॉकडाउन के कारण उन्हें लम्बे समय तक घर में रहना पड़ा था और ऑटो के आलावा उनके पास आय का दूसरा कोई साधना नहीं है. लॉकडाउन के दौरान उनकी जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है. अब उनके सामने परिवार चलाने की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. ऑटो चालकों ने जिला प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद जताई है.

कोरबा: कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे ऑटो चालक संघ ने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनी को ज्ञापन सौंप राहत की मांग की है. जिला ऑटो संघ का कहना है, कि चालक न तो फाइनेंस कंपनी की किश्त चुकाने में सक्षम है और न ही बच्चों के स्कूल की फीस जमा करने की स्थिती में है. लिहाजा उन्हें कुछ महीनों की मोहलत दी जाए, जिससे उनके ऊपर ज्यादा बोझ न पड़े.

ऑटो संघ ने सरकार और कंपनियों से मांगी राहत

लॉकडाउन खुलने के बाद भी ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिती नहीं सुधरी है. कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय तक रहे लॉकडाउन में ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. जिसके कारण वे फाइनेंस कंपनियों के किश्त नहीं चुका पा रहे हैं. साथ ही परिवार चलाने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं.

दिसंबर तक राहत की मांग
संघ का कहना है कि लॉकडाउन ने उनकी आर्थिक स्थिती को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है. ट्रेन और बस सेवा बंद होने के कारण यात्री नहीं आ रहे हैं और उन्हें सवारी नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में मिली छूट के बाद शहर के भीतर दिन भर में एक-दो सवारी मिल जाती है, जिससे वे जैसे-तैसे परिवार का पेट भर रहे हैं, लेकिन ऐसी स्तिथि में ऑटो का किश्त और स्कूल का फीस भर पाना नामुमकिन है. जिसके कारण उन्होंने कलेक्टर और फाइनेंस कंपनियों को ज्ञापन सौंप दिसंबर तक राहत देने की मांग की है.

पढ़ें:-बालोद: ऑटो चलाने की मिली परमिशन, लेकिन नहीं मिल रही सवारी, कैसे होगा गुजारा?

जिला प्रशासन पर टिकी उम्मीद
जिला ऑटो संघ के सचिव पकंज तिवारी ने इस विषय पर कहा कि फाइनेंस कंपनियों ने उनकी मांग को ठुकरा दिया है. अब उनकी उम्मीद कलेक्टर पर टिकी हुई है. उन्होंने बताया कि लगातार लॉकडाउन के कारण उन्हें लम्बे समय तक घर में रहना पड़ा था और ऑटो के आलावा उनके पास आय का दूसरा कोई साधना नहीं है. लॉकडाउन के दौरान उनकी जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है. अब उनके सामने परिवार चलाने की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है. ऑटो चालकों ने जिला प्रशासन से राहत मिलने की उम्मीद जताई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.