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कोरबा में कोयला घोटाला सामने आया, क्या डीजल पर भी है ED की नजर!

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Published : Oct 20, 2022, 8:05 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 5:21 PM IST

Diesel theft racket in Korba छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दबिश से एक बड़ा कोयला घोटाला उजागर हुआ. इसके केंद्र में कोरबा जिले का कोयला है. बीजेपी से जुड़े जनप्रतिनिधियों और मजदूर नेताओं का आरोप है कि कोयला घोटाला की तरह ही कोरबा जिले में डीजल का गोरखधंधा चल रहा है. यदि ठोस कार्रवाई की जाए तो कोयला घोटाला की तरह ही एक बड़ा डीजल घोटाला सामने आएगा.

कोरबा में डीजल चोरी
कोरबा में डीजल चोरी

कोरबा: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन कटघोरा विधानसभा के पूर्व विधायक हैं. कटघोरा में ही कुसमुंडा, दीपका और गेवरा की कोयला खदानें शामिल हैं. यह देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक हैं. लखनलाल देवांगन का कहना है कि'' जिस तरह प्रदेश में ईडी ने एक बड़ा कोयला घोटाला उजागर किया है, इसी तरह ठोस कार्रवाई करें तो डीजल चोरी का भी एक बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है. प्रदेश सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है.''

क्या डीजल पर भी है ED की नजर

डीजल चोरी में करोड़ों का अवैध कारोबार का आरोप: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन ने यह भी कहा कि ''नियमित अंतराल पर पुलिस डीजल चोरों को पकड़ती भी है. लेकिन यह एक तरह से दिखावे की कार्रवाई होती है. खानापूर्ति करने के लिए बेहद कम मात्रा में डीजल पकड़ा जाता है. जबकि सुनियोजित तरीके से संरक्षण में डीजल का गोरखधंधा चल रहा है. जिस तरह कोयले के कारोबार में 1 से 2 करोड़ रुपए रोज पहुंचाए जाते थे. डीजल चोरी में भी प्रतिदिन करोड़ों का अवैध कारोबार हो रहा है.''

श्रमिक संगठन कई बार कर चुके हैं शिकायत: श्रमिक संगठन सीटू के महासचिव और एसईसीएल कर्मचारी वीएम मनोहर ने बताया कि "खासतौर पर नाइट शिफ्ट में जब एसईसीएल कर्मी खदान में काम करते हैं, तब उन्हें चोरों से खतरा रहता है. खदानों में डीजल चोरी की घटनाएं लगातार जारी हैं. कई बार कर्मचारियों से उनका आमना सामना हो जाता है और मारपीट की घटनाएं हुई हैं. हमने प्रबंधन को भी अवगत कराया है. राज्य शासन को भी अवगत कराते हुए पत्राचार किया है. हालांकि त्रिपुरा राइफल्स के आने के बाद डीजल चोरी की घटनाएं कुछ कम जरूर हुई है. लेकिन यह पूरी तरह से बंद कभी नहीं रहीं. कई बार तो पुलिस से शिकायत करने के बाद भी संबंधितों पर कार्रवाई नहीं हो पाती. कहीं ना कहीं डीजल चोरी के अवैध कारोबार को संरक्षण तो मिलता है.''

वायरल वीडियो से चर्चा में रहा कोरबा: मई 2022 में एक वीडियो खूब चर्चा में रहा. इस वीडियो में डीजल चोर कैंपर वाहन के जरिए कोयला खदान के भीतर सुरक्षाकर्मियों को कुचलने का प्रयास करते नजर आए. भाजपा नेता ओपी चौधरी ने इसे ट्वीट किया था. ओपी ने ट्वीट में लिखा था कि "मैंने पहले संस्थागत कोयला चोरी में फर्जी वीडियो बनाया और उसे वायरल किया, लेकिन आज का वीडियो पहले से ही वायरल था. आज हम सिस्टम में नहीं हैं. सिस्टम तो सरकार के पास है. फॉरेंसिक जांच करके सच्चाई सामने लाने की जिम्मेदारी सरकार की है. कोयले के संगठित चोरी के खिलाफ आवाज उठाना जनसरोकार का विषय है. इसलिए मैं उसे सामने लाया हूं. अभी जो वीडियो पोस्ट कर रहा हूं. वह माफिया द्वारा संचालित संगठित डीजल चोरी का वीडियो है. जिसमें डीजल चोर बेखौफ होकर जवानों को ही दबाने की बात करते हैं. उन्हें कुचलने की कोशिश करते हैं. जवान जान बचाकर भाग रहे हैं. वीडियो के साथ पीछे से आ रही आवाज चिंतनीय है."

जब सुरक्षा नहीं तो करोड़ों खर्च करने का क्या औचित्य: राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा का कहना है कि ''एसईसीएल ने कुछ समय पहले त्रिपुरा राइफल्स को सुरक्षा देने के लिए खदानों में तैनात किया. लेकिन अब हम देख रहे हैं कि इनकी नाक के नीचे से डीजल चोरी की घटनाएं हो रही हैं. डीजल, कोयला और लोहे की चोरी कोरबा जिले में अब एकदम आम बात हो चुकी है. जब सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें खदानों में नियुक्त करने का कोई औचित्य नहीं है. इनकी सेवाएं भी वापस की जानी चाहिए.''

क्या कहती है पुलिस: दीपका थाना क्षेत्र में ही दीपका, गेवरा खदान संचालित हैं. दीपका टीआई अनिल पटेल का कहना है कि "डीजल चोरी के संबंध में हमें जैसे ही सूचना मिलती है, त्वरित कार्रवाई करते हैं. हाल फिलहाल में डीजल चोरी की घटनाओं में काफी हद तक कमी आई है. यह पूरी तरह से बंद है. कुछ डीजल चोर लावारिस हालत में वाहन को छोड़कर भाग गए थे. जिन्हें जप्त किया गया है. प्रयास यही रहता है कि ऐसे मामले में ठोस कार्रवाई की जाए.''

लगातार मुस्तैदी बढ़ाई गई: एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीष चंद्र का कहना है कि "खदान के भीतर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अब काफी मुस्तैदी बढ़ा दी गई है. सीआईएसएफ के साथ ही त्रिपुरा राइफल्स के जवान भी खदान के चप्पे चप्पे पर तैनात रहते हैं. जब कभी भी प्रबंधन को किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों की सूचना मिलती है, ठोस कार्रवाई की जाती है.''

कोरबा: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन कटघोरा विधानसभा के पूर्व विधायक हैं. कटघोरा में ही कुसमुंडा, दीपका और गेवरा की कोयला खदानें शामिल हैं. यह देश की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक हैं. लखनलाल देवांगन का कहना है कि'' जिस तरह प्रदेश में ईडी ने एक बड़ा कोयला घोटाला उजागर किया है, इसी तरह ठोस कार्रवाई करें तो डीजल चोरी का भी एक बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है. प्रदेश सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है.''

क्या डीजल पर भी है ED की नजर

डीजल चोरी में करोड़ों का अवैध कारोबार का आरोप: भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन ने यह भी कहा कि ''नियमित अंतराल पर पुलिस डीजल चोरों को पकड़ती भी है. लेकिन यह एक तरह से दिखावे की कार्रवाई होती है. खानापूर्ति करने के लिए बेहद कम मात्रा में डीजल पकड़ा जाता है. जबकि सुनियोजित तरीके से संरक्षण में डीजल का गोरखधंधा चल रहा है. जिस तरह कोयले के कारोबार में 1 से 2 करोड़ रुपए रोज पहुंचाए जाते थे. डीजल चोरी में भी प्रतिदिन करोड़ों का अवैध कारोबार हो रहा है.''

श्रमिक संगठन कई बार कर चुके हैं शिकायत: श्रमिक संगठन सीटू के महासचिव और एसईसीएल कर्मचारी वीएम मनोहर ने बताया कि "खासतौर पर नाइट शिफ्ट में जब एसईसीएल कर्मी खदान में काम करते हैं, तब उन्हें चोरों से खतरा रहता है. खदानों में डीजल चोरी की घटनाएं लगातार जारी हैं. कई बार कर्मचारियों से उनका आमना सामना हो जाता है और मारपीट की घटनाएं हुई हैं. हमने प्रबंधन को भी अवगत कराया है. राज्य शासन को भी अवगत कराते हुए पत्राचार किया है. हालांकि त्रिपुरा राइफल्स के आने के बाद डीजल चोरी की घटनाएं कुछ कम जरूर हुई है. लेकिन यह पूरी तरह से बंद कभी नहीं रहीं. कई बार तो पुलिस से शिकायत करने के बाद भी संबंधितों पर कार्रवाई नहीं हो पाती. कहीं ना कहीं डीजल चोरी के अवैध कारोबार को संरक्षण तो मिलता है.''

वायरल वीडियो से चर्चा में रहा कोरबा: मई 2022 में एक वीडियो खूब चर्चा में रहा. इस वीडियो में डीजल चोर कैंपर वाहन के जरिए कोयला खदान के भीतर सुरक्षाकर्मियों को कुचलने का प्रयास करते नजर आए. भाजपा नेता ओपी चौधरी ने इसे ट्वीट किया था. ओपी ने ट्वीट में लिखा था कि "मैंने पहले संस्थागत कोयला चोरी में फर्जी वीडियो बनाया और उसे वायरल किया, लेकिन आज का वीडियो पहले से ही वायरल था. आज हम सिस्टम में नहीं हैं. सिस्टम तो सरकार के पास है. फॉरेंसिक जांच करके सच्चाई सामने लाने की जिम्मेदारी सरकार की है. कोयले के संगठित चोरी के खिलाफ आवाज उठाना जनसरोकार का विषय है. इसलिए मैं उसे सामने लाया हूं. अभी जो वीडियो पोस्ट कर रहा हूं. वह माफिया द्वारा संचालित संगठित डीजल चोरी का वीडियो है. जिसमें डीजल चोर बेखौफ होकर जवानों को ही दबाने की बात करते हैं. उन्हें कुचलने की कोशिश करते हैं. जवान जान बचाकर भाग रहे हैं. वीडियो के साथ पीछे से आ रही आवाज चिंतनीय है."

जब सुरक्षा नहीं तो करोड़ों खर्च करने का क्या औचित्य: राष्ट्रीय स्तर के श्रमिक नेता दीपेश मिश्रा का कहना है कि ''एसईसीएल ने कुछ समय पहले त्रिपुरा राइफल्स को सुरक्षा देने के लिए खदानों में तैनात किया. लेकिन अब हम देख रहे हैं कि इनकी नाक के नीचे से डीजल चोरी की घटनाएं हो रही हैं. डीजल, कोयला और लोहे की चोरी कोरबा जिले में अब एकदम आम बात हो चुकी है. जब सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षा नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें खदानों में नियुक्त करने का कोई औचित्य नहीं है. इनकी सेवाएं भी वापस की जानी चाहिए.''

क्या कहती है पुलिस: दीपका थाना क्षेत्र में ही दीपका, गेवरा खदान संचालित हैं. दीपका टीआई अनिल पटेल का कहना है कि "डीजल चोरी के संबंध में हमें जैसे ही सूचना मिलती है, त्वरित कार्रवाई करते हैं. हाल फिलहाल में डीजल चोरी की घटनाओं में काफी हद तक कमी आई है. यह पूरी तरह से बंद है. कुछ डीजल चोर लावारिस हालत में वाहन को छोड़कर भाग गए थे. जिन्हें जप्त किया गया है. प्रयास यही रहता है कि ऐसे मामले में ठोस कार्रवाई की जाए.''

लगातार मुस्तैदी बढ़ाई गई: एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीष चंद्र का कहना है कि "खदान के भीतर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अब काफी मुस्तैदी बढ़ा दी गई है. सीआईएसएफ के साथ ही त्रिपुरा राइफल्स के जवान भी खदान के चप्पे चप्पे पर तैनात रहते हैं. जब कभी भी प्रबंधन को किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों की सूचना मिलती है, ठोस कार्रवाई की जाती है.''

Last Updated : Oct 21, 2022, 5:21 PM IST
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