धमतरी : राजनीतिक रूप से काफी जागरूक माने जाने वाले धमतरी के विधानसभा क्षेत्र कुरूद में राजनीतिक गर्मी बढ़ी रहती है. जिसके चलते दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप मढ़ते नजर आते है.एक बार फिर कुरुद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता के एक पत्र ने उबाल ला दिया है.उस पत्र में स्वीकृत विकास कार्यों को निरस्त करने की कृषि मंत्री से मांग की है, जिसे लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है. भाजपा ने उस पत्र की तीखी निंदा की है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे झूठा बताया है.
चिट्ठी के बाद बयानबाजी
कांग्रेस के नवनियुक्त ब्लॉक अध्यक्ष आशीष शर्मा ने प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को एक पत्र लिखा है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लगभग 24 ग्राम पंचायतों में स्वीकृत विकास कार्यों को निरस्त किया जाए. पत्र में कहा गया है कि यह सभी गांव भाजपा सरपंचों के हैं, लिहाजा कांग्रेस नेता ने स्वीकृत कार्यो को कांग्रेस समर्थित पंचायतों में किये जाने की मांग की है.जैसे ही इस पत्र की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक हुई. दोनों दलों के नेताओं में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
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क्षेत्र में विकास कार्य के लिए पूर्व मंत्री और कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने लगभग 4 करोड़ की स्वीकृत कराया है. कांग्रेस नेता के इस पत्र की खबर सार्वजनिक हो जाने के बाद जहां एक ओर भाजपा तीखे हमले के मूड में दिखाई दे रही है.वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अंदरूनी धड़े में भी इस पत्र को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं देखी जा रही है.
कांग्रेस पर आरोप
इस मामले मे भाजपा जिला उपाध्यक्ष रविकांत चंद्राकर ने कहा है कि कांग्रेस के नेता पूरी तरह सत्ता के मद में चूर हैं. कांग्रेस अपनी परंपरा का निर्वहन पूरी तरह कर रही है, क्योंकि जब-जब क्षेत्र में बड़े-बड़े विकास कार्य स्वीकृत होते है तो कांग्रेस उन विकास कार्यों को रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे रचती है.
'पूरे प्रदेश का हो रहा विकास'
भाजपा के आरोप बाद कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अशीष शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में समूचे छत्तीसगढ़ में विकास और खुशहाली देखा जा रही है. बिना किसी पूर्वागस्त से ग्रसित हमारी सरकार समूचे प्रदेश में जहां भाजपा का विधायक भी हैं वहां भी राशि आवंटित कर रही है.
बहरहाल कुरूद विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. आरोप प्रत्यारोप के साथ नेता अपने अपने सरपंचों को हक दिलाने के लिए लड़ाई शुरू कर दी है. ऐसे में देखना होगा कि अब ये लड़ाई किस स्तर तक पहुंचती है.