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कोरबा: अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल के बंदी की मौत, हो सकती है न्यायिक जांच

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Published : Dec 19, 2020, 10:48 AM IST

कोरबा में तबीयत बिगड़ने के बाद सेंट्रल जेल के एक बंदी की मौत हो गई. बंदी की मौत जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. इस मौत की न्यायिक जांच कराई जा सकती है, क्योंकि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच कराए जाने का नियम है.

A prisoner of Korba jail died due to ill health
अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल के बंदी की मौत

कोरबा: जिला जेल में निरुद्ध बंदी की मौत हो गई. बंदी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मौत की न्यायिक जांच कराई जा सकती है, क्योंकि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच कराए जाने का नियम है.

A prisoner of Korba jail died due to ill health
अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल के बंदी की मौत
अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद था मृतक बंदीजेल प्रबंधन का कहना है कि बंदी अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद था. अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.बंदी का नाम राजू तिवारी (30 साल) था.

पढ़ें: दंतेवाड़ा: पलायन कर रहे ग्रामीणों को रोका, समझाइश देकर घर वापस भेजा

जानकारी के अनुसार, बालको चेकपोस्ट निवासी राजू तिवारी पिछले 23 माह से जिला जेल में बंदी था. परिजनों की मानें तो राजू को पहले से किसी भी तरह की बीमारी नहीं थी. परिजनों का शक है कि हार्ट अटैक से राजू की मौत हुई होगी. वे न्यायिक जांच की भी मांग कर रहे हैं. न्यायिक हिरासत के दौरान मौत के हर मामले की जांच दंडाधिकारी द्वारा कराई जाती है. इस मामले की भी ज्यूडिशियल जांच हो सकती है.

कोरबा: जिला जेल में निरुद्ध बंदी की मौत हो गई. बंदी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी, जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मौत की न्यायिक जांच कराई जा सकती है, क्योंकि ऐसे मामलों में न्यायिक जांच कराए जाने का नियम है.

A prisoner of Korba jail died due to ill health
अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल के बंदी की मौत
अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद था मृतक बंदीजेल प्रबंधन का कहना है कि बंदी अपहरण और दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद था. अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.बंदी का नाम राजू तिवारी (30 साल) था.

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जानकारी के अनुसार, बालको चेकपोस्ट निवासी राजू तिवारी पिछले 23 माह से जिला जेल में बंदी था. परिजनों की मानें तो राजू को पहले से किसी भी तरह की बीमारी नहीं थी. परिजनों का शक है कि हार्ट अटैक से राजू की मौत हुई होगी. वे न्यायिक जांच की भी मांग कर रहे हैं. न्यायिक हिरासत के दौरान मौत के हर मामले की जांच दंडाधिकारी द्वारा कराई जाती है. इस मामले की भी ज्यूडिशियल जांच हो सकती है.

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