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बिजली विभाग का उपभोक्ताओं  पर 65 करोड़ रुपये का बकाया, दर्ज हुआ FIR

कोरबा शहर में आम उपभोक्ताओं के साथ तमाम सरकारी विभाग पर करोड़ों का बिजली बिल बकाया है. जिसे न चुकाने पर विभाग ने बडे़ बकायेदारों के खिलाफ FIR दर्ज कराया है.

उर्जाधानी में 65 करोड़ का बिजली बिल का बकाया
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Published : Nov 22, 2019, 8:18 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 11:57 PM IST

कोरबाः ऊर्जाधानी कहे जाने वाले शहर में करोड़ों रुपये का बिजली का बिल बकाया है, जो विभाग के लिए सिरदर्द की वजह बना हुआ है. विभाग के मुताबिक शहर के 3 जोन में लगभग 65 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली का बिल बकाया है.

उर्जाधानी में 65 करोड़ का बिजली बिल का बकाया

विभाग इन बकाया बिल वसूली के लिए पूरा जोर लगा रहा है, बावजूद इसके वसूली नहीं हो पा रही है. विभाग के अधिकारियों ने परेशान होकर एक लाख से अधिक का बकाया बिल वाले 20 बड़े बकायेदारों के खिलाफ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मिलकर FIR दर्ज कराया है.

10 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर बकाया
शहर के तीन जोन दर्री, पाड़ीमार और तुलसी नगर के लगभग 10 हजार उपभोक्ता पर करोड़ों का रुपये का बिल बकाया है. विभाग ने बिल का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं का भी कनेक्शन काट दिया था, लेकिन उपभोक्ता अवैध तरीके से कनेक्शन जोड़ लिए हैं. विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराया है.

पढ़ेंः-सड़क निर्माण के दौरान नक्सलियों के लगाए कुकर बम में धमाका, 2 ग्रामीण घायल

लोग नहीं चुका रहे बिजली बिल
शहर के CSPDCL अभियंता ने बताया कि प्रदेश में बिजली बिल हाफ योजना लागू होने के बाद भी लोग योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि आम उपभोक्ताओं के अलावा कई सरकारी विभागो ने भी बिल का भुगतान नहीं किया है. जिले के सरकारी कार्यालयों पर करीब 2 करोड़ रुपये का बिल बकाया है.

कोरबाः ऊर्जाधानी कहे जाने वाले शहर में करोड़ों रुपये का बिजली का बिल बकाया है, जो विभाग के लिए सिरदर्द की वजह बना हुआ है. विभाग के मुताबिक शहर के 3 जोन में लगभग 65 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली का बिल बकाया है.

उर्जाधानी में 65 करोड़ का बिजली बिल का बकाया

विभाग इन बकाया बिल वसूली के लिए पूरा जोर लगा रहा है, बावजूद इसके वसूली नहीं हो पा रही है. विभाग के अधिकारियों ने परेशान होकर एक लाख से अधिक का बकाया बिल वाले 20 बड़े बकायेदारों के खिलाफ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से मिलकर FIR दर्ज कराया है.

10 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर बकाया
शहर के तीन जोन दर्री, पाड़ीमार और तुलसी नगर के लगभग 10 हजार उपभोक्ता पर करोड़ों का रुपये का बिल बकाया है. विभाग ने बिल का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं का भी कनेक्शन काट दिया था, लेकिन उपभोक्ता अवैध तरीके से कनेक्शन जोड़ लिए हैं. विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराया है.

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लोग नहीं चुका रहे बिजली बिल
शहर के CSPDCL अभियंता ने बताया कि प्रदेश में बिजली बिल हाफ योजना लागू होने के बाद भी लोग योजना का लाभ नहीं ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि आम उपभोक्ताओं के अलावा कई सरकारी विभागो ने भी बिल का भुगतान नहीं किया है. जिले के सरकारी कार्यालयों पर करीब 2 करोड़ रुपये का बिल बकाया है.

Intro:कोरबा। बिजली बिल का बकाया विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है। बात करें वर्तमान स्थिति की तो केवल कोरबा शहर के 3 जोन में 65 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया है। जिसकी वसूली के लिए विभाग पूरा जोर लगा रहा है, लेकिन बावजूद इसके वसूली नहीं हो पा रही है। त्रस्त होकर बिजली विभाग ने एक लाख रुपए से अधिक बकाया राशि वाले 20 बड़े बकायेदारों के नाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को सौंप दिया है। पत्र लिखकर बिजली विभाग ने पुलिस को इन बकायेदारों के खिलाफ FIR दर्ज करने का अनुरोध किया है।


Body:शहर के दर्री, पाड़ीमार और तुलसी नगर तीनो जोन को मिलाकर कुल बिजली के लगभग 1 लाख उपभोक्ता हैं।
ऐसे उपभोक्ता जो बिजली बिल नहीं चुका रहे हैं। उनके कनेक्शन डिस्कनेक्ट भी किए जा रहे हैं। लेकिन वह पुनः अवैध तरीके से कनेक्शन जोड़ लेते हैं।
ऐसे लोगों के खिलाफ बिजली चोरी का केस भी विभाग द्वारा दर्ज कराया जा रहा है। हैरानी वाली बात यह भी है कि प्रदेश में बिजली बिल हाफ योजना लागू होने के बाद भी, लोग बिल चुकता कर योजना का लाभ लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

सरकारी विभागों ने भी नहीं चुकाया बिल
बिजली बिल चुकाने के मामले में निजी उपभोक्ता ही नहीं सरकारी विभाग भी फिसड्डी साबित हुए हैं। सृष्टि नर्सिंग होम सहित शिक्षा, सिंचाई जैसे कई ऐसे विभागीय कनेक्शन हैं। जिन्होंने बिजली बिल नहीं चुकाया है। ऐसे सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का लगभग 2 करोड रुपए बकाया है।



Conclusion:अनाप-शनाप बिजली बिल भी बड़ी समस्या
कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिनके बिजली बिल में त्रुटियां हैं। इस त्रुटि के कारण उन्हें अनाप-शनाप बिजली बिल विभाग द्वारा भेजा जाता है। जिसके कारण उपभोक्ता बिल सुधार आने के लिए विभाग के चक्कर काटते रहते हैं। विभाग नियमित तौर पर मीटर रीडिंग करने में भी सफल नहीं रहा है। बिजली बिल चुकाने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है

बाइट।
राजेश ठाकुर, कार्यपालन अभियंता, सीएसपीडीसीएल, कोरबा शहर
Last Updated : Nov 22, 2019, 11:57 PM IST
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