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कैंसर पीड़ित मां को बचाने नन्हा कैलाश पहुंचा कलेक्ट्रेट, पिता भी छोड़ चुके हैं साथ

15 साल का कैलाश छोटी सी उम्र में दुखों का पहाड़ लिए जी रहा है. मां को कैंसर है, जिसके इलाज के लिए वह दर-दर मदद के लिए भटक कहा है.

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Published : Oct 18, 2019, 11:54 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 2:19 PM IST

मदद मांगने कलेक्ट्रेट पहु़ंचा कैलाश

कोरबा: इसे नियति का खेल कहें, या फिर त्रासदी. 15 साल के कैलाश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. जिले के वनांचल क्षेत्र करतला ब्लॉक के ग्राम ढोंढातराई के रहने वाले कैलाश के सिर से हाल ही में पिता का साया उठ गया और अब मां कैंसर की बीमारी से जूझ रही है.

मदद मांगने कलेक्ट्रेट पहु़ंचा कैलाश

ऐसी परिस्थिति में उसकी पढ़ाई भी छूट गई है. वह कक्षा 9वीं का छात्र है. अब वह हर उस दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, जहां से उसे मां को कैंसर से मुक्त कराने की उम्मीद मिल जाए, थोड़ी मदद मिल जाए.

फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा कैलाश
कैलाश के परिवार में अब केवल दो ही सदस्य हैं, एक कैलाश स्वयं और उसकी कैंसर पीड़ित मां सुकवाराबाई (40 वर्ष ). कैलाश अपने जीजा श्यामलाल पटेल के साथ फरियादी आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था. इसके पहले उसे सिविल सर्जन से जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है, जिसमें प्रमाणित है कि उसकी मां कैंसर से पीड़ित हैं.

सरकारी प्रक्रियाओं से अंजान है कैलाश
सरकार की संजीवनी योजना से कैंसर पीड़ित मरीजों को डेढ़ लाख तक की सहायता मिलने का प्रावधान है, लेकिन यह सहायता लेने के लिए कई विभागों के चक्कर काटने होते हैं. सामान्य व्यक्ति प्रक्रिया में उलझ कर रह जाता है और सहायता नहीं मिल पाती है. 15 साल का कैलाश सरकारी प्रक्रियाओं से अंजान है.

स्कूल भी छूटा
कैलाश ने बताया कि ' वह सहायता के लिए कलेक्ट्रेट आया है, लेकिन फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. मां की बीमारी दिनों-दिन बढ़ रही है. इसी चिंता में स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी है. अब मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया है. मां को इलाज के लिए रायपुर लेकर जाना है, लेकिन इसका कोई प्रबंध तक नहीं हो पाया है.'

पढ़ें- रंग ला रही है ETV भारत की अपील: कुम्हारों के लिए छग में जो हो रहा है, वो हर जगह होना चाहिए

कैलाश के जीजा ने बताया पूरा हाल
कैलाश के साथ उसके जीजा भी विभागों के चक्कर काट रहे हैं. जिन्होंने बताया कि, 'कैलाश के पिता की मृत्यु भी कुछ माह पहले ही हुई है. वह भी कैलाश की मां के कैंसर को लेकर बेहद परेशान थे. एक दिन उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दम तोड़ दिया.' उन्होंने कहा कि, 'हमें सहायता चाहिए, जिससे कैलाश की मां का इलाज हो सके.'

कोरबा: इसे नियति का खेल कहें, या फिर त्रासदी. 15 साल के कैलाश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. जिले के वनांचल क्षेत्र करतला ब्लॉक के ग्राम ढोंढातराई के रहने वाले कैलाश के सिर से हाल ही में पिता का साया उठ गया और अब मां कैंसर की बीमारी से जूझ रही है.

मदद मांगने कलेक्ट्रेट पहु़ंचा कैलाश

ऐसी परिस्थिति में उसकी पढ़ाई भी छूट गई है. वह कक्षा 9वीं का छात्र है. अब वह हर उस दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, जहां से उसे मां को कैंसर से मुक्त कराने की उम्मीद मिल जाए, थोड़ी मदद मिल जाए.

फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा कैलाश
कैलाश के परिवार में अब केवल दो ही सदस्य हैं, एक कैलाश स्वयं और उसकी कैंसर पीड़ित मां सुकवाराबाई (40 वर्ष ). कैलाश अपने जीजा श्यामलाल पटेल के साथ फरियादी आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था. इसके पहले उसे सिविल सर्जन से जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है, जिसमें प्रमाणित है कि उसकी मां कैंसर से पीड़ित हैं.

सरकारी प्रक्रियाओं से अंजान है कैलाश
सरकार की संजीवनी योजना से कैंसर पीड़ित मरीजों को डेढ़ लाख तक की सहायता मिलने का प्रावधान है, लेकिन यह सहायता लेने के लिए कई विभागों के चक्कर काटने होते हैं. सामान्य व्यक्ति प्रक्रिया में उलझ कर रह जाता है और सहायता नहीं मिल पाती है. 15 साल का कैलाश सरकारी प्रक्रियाओं से अंजान है.

स्कूल भी छूटा
कैलाश ने बताया कि ' वह सहायता के लिए कलेक्ट्रेट आया है, लेकिन फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. मां की बीमारी दिनों-दिन बढ़ रही है. इसी चिंता में स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी है. अब मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया है. मां को इलाज के लिए रायपुर लेकर जाना है, लेकिन इसका कोई प्रबंध तक नहीं हो पाया है.'

पढ़ें- रंग ला रही है ETV भारत की अपील: कुम्हारों के लिए छग में जो हो रहा है, वो हर जगह होना चाहिए

कैलाश के जीजा ने बताया पूरा हाल
कैलाश के साथ उसके जीजा भी विभागों के चक्कर काट रहे हैं. जिन्होंने बताया कि, 'कैलाश के पिता की मृत्यु भी कुछ माह पहले ही हुई है. वह भी कैलाश की मां के कैंसर को लेकर बेहद परेशान थे. एक दिन उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दम तोड़ दिया.' उन्होंने कहा कि, 'हमें सहायता चाहिए, जिससे कैलाश की मां का इलाज हो सके.'

Intro:कोरबा। इसे नियति का खेल कहें, या फिर त्रासदी। 15 साल के कैलाश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। कैलाश जिले के वनांचल क्षेत्र करतला ब्लॉक के ग्राम ढोंढातराई में रहता है। जिसके सिर से हाल ही में पिता का साया उठ गया, और मां कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है। कैलाश वैसे तो 9वीं कक्षा का छात्र है। लेकिन इन परिस्थितियों में उसके स्कूल की पढ़ाई छूट गयी है। अब वह हर उस दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। जहां से उसे ममां को कैंसर से मुक्त कराने की उम्मीद मिल जाए।Body:कैलाश के परिवार में अब केवल दो ही सदस्य हैं कैलाश स्वयं व कैंसर पीड़ित मां सुकवारा बाई।जिनकी उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच है। कैलाश अपने जीजा श्यामलाल के साथ फरियादी आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था। इसके पहले वह सिविल सर्जन से जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर चुका है। जिसमें प्रमाणित किया गया है कि कैलाश की मां सुकवारा बाई कैंसर से पीड़ित है। सरकार के संजीवनी योजना से कैंसर पीड़ित मरीजों को डेढ़ लाख तक की सहायता मिलने का प्रावधान है। लेकिन यह सहायता लेने के लिए कई विभागों के चक्कर काटने होते हैं ।सामान्य व्यक्ति प्रक्रिया में उलझ कर रह जाता है। सहायता नहीं मिल पाती है। 15 साल का कैलाश सरकारी प्रक्रियाओं से अनजान है।
जिसने बताया कि सहायता के लिए कलेक्ट्रेट आया है, लेकिन फिलहाल कोई उम्मीद दिख नहीं रही है। मां की बीमारी दिनों-दिन बढ़ रही है। इसी चिंता में स्कूल की पढ़ाई भी छोड़ दी है। अब मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया है। मां को इलाज के लिए रायपुर लेकर जाना है, लेकिन इसका कोई प्रबंधक तक नहीं हो सकता है।Conclusion:कैलाश के साथ उसके जीजा श्याम लाल पटेल भी विभागों के चक्कर काट रहे हैं। जिन्होंने बताया कि कैलाश के पिता की मृत्यु भी कुछ महीने पहले ही हुई है। वह भी कैलाश की मां के कैंसर को लेकर बेहद परेशान थे। शराबी तो नहीं थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से शराब पीना शुरू कर दिया था। एक दिन उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उन्होंने भी दम तोड़ दिया कैलाश के पिता की मृत्यु कैसे हुई इस सवाल का जवाब वह ठीक से नहीं दे पाए। आगे श्याम लाल ने कहा कि हमें सहायता चाहिए जिससे कि कैलाश की मां का इलाज हो सके।

बाईट- 1.कैलाश टोपी पहने हुए
2.कैलाश के जीजा श्याम लाल
विजुअल- आवेदन, कलेक्ट्रेट पहुचे कैलाश, श्यामलाल व साथी
Last Updated : Oct 18, 2019, 2:19 PM IST
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