कोरबा : लाॅकडाउन के दौरान कामकाज बंद होने से दूसरे राज्यों में गए प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं. जिले में लगभग 15 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौट आए हैं. इनमें से लगभग 10 हजार 686 प्रवासी श्रमिक जिले के अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटरों में क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर अपने घर लौट चुके हैं. जिले में प्रवासी मजदूरों के लिए 260 क्वॉरेंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं, जिनमें से 211 क्वॉरेंटाइन सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरी क्षेत्रों में 49 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये गए हैं ,जहां उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन पर रखा गया है.
इन सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का संचालन एवं नियंत्रण जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है. कोविड प्रोटोकाॅल और समय-समय पर शासन की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रुके अब तक 8 हजार 627 श्रमिकों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है, जिनमें से 8 हजार 176 श्रमिकों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. 282 प्रवासियों को जांच में कोरोना संक्रमित पाया गया है, जिन्हें इलाज के लिए कोरबा, रायपुर, बिलासपुर के कोविड अस्पतालों और एम्स रायपुर भेजा गया, जिनमें से ज्यादातर लोग ठीक भी हो चुके हैं.
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क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में रह रहे अस्वस्थ लोगों को इलाज और दवा मुहैया कराई जा रही है. संक्रमण की संभावना और लक्षण वाले व्यक्तियों के तत्काल सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है. बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से पहले से ही पीड़ित व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में 211 क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थापना
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक 77 क्वॉरेंटाइन सेंटर पाली विकासखंड में बनाए गए हैं. करतला विकासखंड में 40, कटघोरा विकासखंड में 36, कोरबा विकासखंड में 34 और पोंड़ीउपरोड़ा विकासखंड में 24 क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं. इन सभी क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अब तक लगभग 12 हजार प्रवासी श्रमिकों को ठहराया जा चुका है. इनमें से 7 हजार 790 श्रमिक क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर अपने घर जा चुके हैं. वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 4 हजार 161 श्रमिक रूके हैं. ग्रामीण क्षेत्रों के 211 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रुके लगभग 12 हजार प्रवासी श्रमिकों में से 6 हजार 247 का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 6 हजार की रिपोर्ट निगेटिव आई है. 189 प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिनका इलाज कोविड अस्पतालों में कराया गया है और इनमें से भी कई ठीक होकर घर वापस लौट चुके हैं. मजदूरों की स्किल मैपिंग कर जिले के सार्वजनिक उपक्रमों, निजी औद्योगिक संस्थानों, भवन निर्माण और अन्य क्षेत्रों में उन्हें काम दिलाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं.
सार्वजानिक उपक्रमों ने भी क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया
शहरी क्षेत्रों में 49 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. शहरी क्षेत्रों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए 10 और छात्रों, व्यापारियों, पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए 21 सेंटर स्थापित हैं. जिले में स्थित सार्वजनिक उपक्रमों ने भी अपने-अपने कामगारों और उनके परिजनों के बाहर से कोरबा लौटने पर क्वॉरेंटाइन के लिए 18 सेंटर बनाए गए हैं. इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अब तक 3 हजार 500 से अधिक लोग ठहर चुके हैं. इनमें से 2 हजार 900 लोग क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी कर वापस अपने घर जा चुके हैं. शहरी क्षेत्रों के क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अब 650 से अधिक लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया है. यहां रुके 2 हजार 374 प्रवासी श्रमिकों का कोरोना टेस्ट कराया गया है, जिसमें से 2 हजार 216 की रिपोर्ट निगेटिव आई है. 87 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.