कोंडागांवः 13 अप्रैल को जामपदर के रहने वाले अरुण खिलवारे के घर जो कबूतर मिला था. उसकी गुत्थी सुलझ गई है. दरअसल यह कबूतर तमिलनाडु से भटककर यहां आ गया था. कबूतर के पैरों में अंग्रेजी भाषा और अलग लिपि में कुछ लिखा हुआ था. इस तरह के टैग लगे संदिग्ध कबूतर पकड़े जाने की सूचना उन्होंने तत्काल कोंडागांव पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस ने कबूतर को अपने कब्जे में ले लिया था. जांच के बाद पता चला कि ये कबूतर भटककर यहां चला आया है.
पशु चिकित्सा अधिकारी से कबूतर के संबंध में राय मांगी गई. जिसके बाद अधिकारी ने बताया की कबूतर की प्रजाति रेसिंग होमर (Racing Homer) की है. मिली जानकारी के आधार पर पता चला कि इस कबूतर का उपयोग दक्षिण भारत में खेल (Racing) प्रतियोगिता में किया जाता है. यह बेहद खास प्रजाति के कबूतर होते हैं. इस प्रजाति के कबूतरों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वे तेजी से उड़ें और गंतव्य तक पहुंचकर वापस लौट सकें
कोंडागांव शहर के जामपदर में मिला जासूस कबूतर!
कबूतर भटक कर पहुंचा कोंडागांव
जांच के दौरान पता चला कि कबूतर के मालिक का नाम एन नागासेल्वम (N. Nagaselvum) और पिता का नाम नागाअर्जुन है. कोंडागांव (Pigeon reached kondagaon) जिला मुख्यालय से लगे जामपदर में सोमवार को ये कबूतर पकड़ा गया था. कबूतर के पैरों में रिंग लगा हुआ था. जिस पर विदेशी भाषा में कुछ लिखा हुआ था. जिसके बाद पुलिस ने पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ नीता मिश्रा को कबूतर के बारे में जांच करने को कहा. कबूतर के पैरों पर मिले स्टीकर और रिंग्स से पता चला कि ये तिरुवल्लुर, तमिलनाडु का है.