केशकाल: बस्तर का प्रवेश द्वार कहलाने वाले केशकाल विकासखंड का कुएंमारी झरना अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और मनमोहक जलप्रपातों के लिए प्रदेशभर में जाना जा रहा है. इसे देखने के लिए इन दिनों कोंडागांव जिले के साथ-साथ अन्य जिलों से भी हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. कुएंमारी झरना बरसात में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. साथ ही इस झरने की देखरेख की पूरी जिम्मेदारी ग्रामीणों ने उठाई है. यहां आने वाले सैलानियों की सुरक्षा में भी ग्रामीण रहते हैं, ताकि पर्यटकों को किसी तरह की समस्या न हो.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 155 किलोमीटर का सफर तय कर केशकाल में बसे कुएंमारी जलप्रपात का लुत्फ उठा सकते हैं. यहां आने के लिए ट्रेन और फ्लाइट की सुविधा नहीं है, बस से केशकाल पहुंचने के बाद छोटी गाड़ियों के माध्यम से पर्यटक मनोरम झरने के बीच परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. यहां पहुंचने के लिए नेशनल हाई-वे से 3 किलोमीटर अंदर बटराली गांव तक पहुंचना पड़ता है. बटराली से लगभग 22 किलोमीटर दूर कुएंमारी गांव में कुएंमारी झरना स्थित है.
2 साल पहले झरने के बारे में लोगों को पता चला
कुएंमारी जलप्रपात का लुत्फ उठाने के बाद आप लगभग 8-10 किलोमीटर के क्षेत्र में घूम सकते हैं. यहां 4 से 5 और जलप्रपात है जिसका भी आप लुत्फ उठा सकते हैं, हां इस दौरान ध्यान रखने वाली बात यह है कि किसी भी एक जलप्रपात के पास ज्यादा देर न रूकें. कुएंमारी झरना चारों ओर से जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है और रात में यहां रूकने की कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए समय रहते ही आप सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं. इन जलप्रपातों के बारे में 2 साल पहले ग्रामीणों के अलावा अन्य किसी को जानकारी नहीं थी. स्थानीय पत्रकारों के द्वारा कुएंमारी झरने की खबर सामने आई, इसके बाद से यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है.
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ग्रामीणों ने बनाई समिति
समिति के सदस्य गणेश कुमार ने बताया कि झरना देखने आने वाले पर्यटकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गांव के 37 युवाओं की एक समिति बनाई गई है, जिनका काम जलप्रपात के आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई का ध्यान रखना है. यदि झरने में नहाते वक्त कोई व्यक्ति चोटिल होता है तो तत्काल उसे कुएंमारी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाता है. साथ ही यदि पर्यटक आस-पास के क्षेत्र में घूमना चाहें तो उन्हें गाइड भी किया जाता है.