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कोंडागांव में ब्लैक फंगस से संकुल समन्वयक की मौत

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Published : May 29, 2021, 10:51 AM IST

Updated : May 29, 2021, 2:35 PM IST

कोंडागांव जिले में ब्लैक फंगस (Black fungus in Kondagaon) का केस सामने आया है. आंखों में दर्द की शिकायत के बाद रायपुर के एम्स (AIIMS of Raipur) लाया गया. जहां उन्हें ब्लैक फंगस से संक्रमित बताया गया. एम्स में ही शख्स का इलाज चल रहा था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मृतक संकुल समन्वयक के पद पर पदस्थ थे.

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ब्लैक फंगस

कोंडागांव : जिले में ब्लैक फंगस(Black fungus in Kondagaon) से मौत का पहला मामला सामने आया है. माकड़ी ब्लॉक के एक व्यक्ति में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. 6 मई कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आंखों में दर्द की वजह से उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था जहां शख्स में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मृतक माकड़ी ब्लॉक के ठेमगांव में संकुल समन्वयक के पद पर पदस्थ था. 16 मई को कोरोना से रिकवर होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. आंख में तकलीफ बढ़ने के बाद एम्स में जांच के लिए कहा गया. जहां उनमें ब्लैक फंगस का पता चला. एम्स में ही उनका इलाज शुरू कर दिया गया था. इस दौरान उनकी मौत हो गई. जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ टीआर कुंवर ने इस बात की पुष्टि की है.

धमतरी में ब्लैक फंगस का पहला केस आया सामने

शरीर के अंदर रहते हैं फंगस

शरीर के अंदर पहले से ही फंगस मौजूद होते हैं, लेकिन बेहतर प्रतिरोधक क्षमता की वजह से यह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाते. जैसे ही हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है, तो शरीर के कुछ खास हिस्सों पर फंगस हमला करना शुरू कर देते हैं और मरीज को नुकसान पहुंचाते हैं.

ब्लैक फंगस की दवाइयों के आयात पर शुल्क में छूट : वित्त मंत्री

दवाइयों के आयात पर शुल्क

ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के आयात पर शुल्क में छूट का फैसला किया गया है. इसके साथ ही कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरण पर जीएसटी की दर में बदलाव नहीं किया गया है.

कोंडागांव : जिले में ब्लैक फंगस(Black fungus in Kondagaon) से मौत का पहला मामला सामने आया है. माकड़ी ब्लॉक के एक व्यक्ति में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है. 6 मई कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आंखों में दर्द की वजह से उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था जहां शख्स में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मृतक माकड़ी ब्लॉक के ठेमगांव में संकुल समन्वयक के पद पर पदस्थ था. 16 मई को कोरोना से रिकवर होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. आंख में तकलीफ बढ़ने के बाद एम्स में जांच के लिए कहा गया. जहां उनमें ब्लैक फंगस का पता चला. एम्स में ही उनका इलाज शुरू कर दिया गया था. इस दौरान उनकी मौत हो गई. जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ टीआर कुंवर ने इस बात की पुष्टि की है.

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शरीर के अंदर रहते हैं फंगस

शरीर के अंदर पहले से ही फंगस मौजूद होते हैं, लेकिन बेहतर प्रतिरोधक क्षमता की वजह से यह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाते. जैसे ही हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाती है, तो शरीर के कुछ खास हिस्सों पर फंगस हमला करना शुरू कर देते हैं और मरीज को नुकसान पहुंचाते हैं.

ब्लैक फंगस की दवाइयों के आयात पर शुल्क में छूट : वित्त मंत्री

दवाइयों के आयात पर शुल्क

ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के आयात पर शुल्क में छूट का फैसला किया गया है. इसके साथ ही कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरण पर जीएसटी की दर में बदलाव नहीं किया गया है.

Last Updated : May 29, 2021, 2:35 PM IST
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