कोंडागांव: जिले में एक बार फिर निजी स्कूलों के खिलाफ बच्चों के अभिभावकों ने मोर्चा खोल दिया है. अभिभावकों ने निजी स्कूलों पर ट्यूशन फीस के नाम पर मनमानी तरीके से फीस वसूली करने का आरोप लगाया है. छात्रों के परिजनों ने कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान बच्चों के अभिभावकों ने निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने को लेकर जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि कोंडागांव के सभी निजी स्कूल ट्यूशन फीस के नाम पर मनमानी वसूली कर रहे हैं, जो फीस स्ट्रक्चर हर वर्ष होती है, वही फीस इस वर्ष भी ली जा रही है, जबकि शासन-प्रशासन ने हर निजी स्कूल को केवल ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए गए हैं. इतना ही नहीं ट्यूशन फीस कितनी है, यह निर्धारण अब तक नहीं हो पाया है, जिसके कारण इन सभी निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस वसूल रहे हैं.
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वर्चुअल क्लास के नाम पर वसूली
अभिभावकों का कहना है कि न कोई वर्चुअल क्लास लगाई गई और न ही बच्चों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पढ़ाया गया. निजी स्कूल पढ़ाई के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप में यूट्यूब लिंक पोस्ट कर देते हैं. अब उसे बच्चा पढ़े न पढ़े ये स्कूल प्रबंधन की कोई जिम्मेदारी नहीं है, अगर हर वर्ष की फीस स्ट्रक्चर पर गौर किया जाए, तो इस वर्ष जो फीस का निर्धारण स्कूल प्रबंधन ने किया है. वह बस के फीस को छोड़कर पहले की तरह ही है.
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ट्यूशन फीस निर्धारण करने की मांग
अभिभावकों का कहना है कि अभी कोरोना संकट काल का दौर है. कोई भी इस वायरस से अछूता नहीं है, फिर वही फीस जो हर वर्ष ली जाती है. क्यों ली जा रही है, जबकि बच्चे स्कूल की किसी भी प्रकार की सुविधा-संसाधनों का उपयोग बिल्कुल भी नहीं कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने कोरोना संकट दौर के पहले नियमित रूप से स्कूल प्रबंधन के सभी नियम शर्तों को माना और फीस जमा किया है, लेकिन कोरोना संकट काल के दौर को देखते हुए एक उचित ट्यूशन फीस का निर्धारण सभी निजी स्कूलों को करना चाहिए.
कलेक्टर ने फिर दिया अभिभावकों को आश्वासन
मामले को कलेक्टर मीणा ने गंभीरता से लेते 2 दिनों में जांच कर निजी स्कूल प्रबंधकों की बैठक लेकर फीस निर्धारण करवाने की बात कही है. अभिभावकों ने मंगलवार को जनदर्शन में स्कूल फीस की मनमानी वसूली को लेकर गुहार लगाई थी, जिस पर कलेक्टर ने 3 दिवस के भीतर कार्रवाई करने की बात कही थी. अब तक कोई प्रतिक्रिया न होता देख निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों ने मोर्चा खोला था.