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चिरायु योजना ने लौटाई मासूमों के चेहरे की हंसी

स्वास्थ्य विभाग जिले के गांव-गांव में पहुंचकर कैंप लगा कर अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित बच्चों की काउंसलिंग कर अच्छी और निशुक्ल स्वास्थ्य सुविधा दिलाने में मदद करता है.

स्वास्थ्य विभाग की टीम.
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Published : Jul 12, 2019, 9:16 AM IST

कोंडागांव: रमन सरकार की महत्वकांक्षी योजना रही चिरायु आज जिले के 100 से अधिक बच्चों के लिए नया जीवन लेकर आई है. इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग अबतक हृदय से संबंधित रोगों से ग्रसित कई बच्चों का इलाज किया जा चुका है.

इन बच्चों का कराया जाएगा इलाज, देखें इनकी समस्याएं.

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के जरिए स्वास्थ्य विभाग जिले के गांव-गांव में पहुंचकर कैंप लगा रहा है. यहां विभाग ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करता है जो हार्ट डिजीज, क्बल फुट, क्लेफ्ट लिप और बर्न कांट्रेक्टर बीमारी से जुझ रहे हैं. जिला अस्पताल से लेकर प्रदेश के बड़े अस्पतालों में भी इन बच्चों का इलाज कराया जाता है.

डॉक्टर आशीष मसीह बताते हैं कि इस योजना के जरिए अब तक जिले के तकरीबन 100 से 200 बच्चों का इलाज कराया जा चुका है. काउंसलिंग किए बच्चों को शासन द्वारा चयनित अस्पताल में लेकर जाया जाता है. अभी वर्तमान में विभाग जिले के 6 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए राजधानी लेकर जा रहा है. यहां 2 बच्चों के हृदय रोग की, 3 बच्चों की बर्न कांट्रेक्चर और 1 बच्चे के क्लब फुट का इलाज कराया जाएगा.

कोंडागांव: रमन सरकार की महत्वकांक्षी योजना रही चिरायु आज जिले के 100 से अधिक बच्चों के लिए नया जीवन लेकर आई है. इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग अबतक हृदय से संबंधित रोगों से ग्रसित कई बच्चों का इलाज किया जा चुका है.

इन बच्चों का कराया जाएगा इलाज, देखें इनकी समस्याएं.

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के जरिए स्वास्थ्य विभाग जिले के गांव-गांव में पहुंचकर कैंप लगा रहा है. यहां विभाग ऐसे बच्चों की काउंसलिंग करता है जो हार्ट डिजीज, क्बल फुट, क्लेफ्ट लिप और बर्न कांट्रेक्टर बीमारी से जुझ रहे हैं. जिला अस्पताल से लेकर प्रदेश के बड़े अस्पतालों में भी इन बच्चों का इलाज कराया जाता है.

डॉक्टर आशीष मसीह बताते हैं कि इस योजना के जरिए अब तक जिले के तकरीबन 100 से 200 बच्चों का इलाज कराया जा चुका है. काउंसलिंग किए बच्चों को शासन द्वारा चयनित अस्पताल में लेकर जाया जाता है. अभी वर्तमान में विभाग जिले के 6 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए राजधानी लेकर जा रहा है. यहां 2 बच्चों के हृदय रोग की, 3 बच्चों की बर्न कांट्रेक्चर और 1 बच्चे के क्लब फुट का इलाज कराया जाएगा.

Intro:

स्वास्थ्य विभाग के चिरायु योजना से कई बच्चों को लाभ मिल रहा है ,इस योजना के डॉक्टर आशीष मसीह ने बताया कि अब तक जिले में 100 से भी अधिक बच्चों को चिरायु योजना का फायदा मिल चुका है।

Body:जिले में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत गांवों में ,मोहल्लों में, स्कूलों में, आंगनबाड़ियों में ,हाट बाजारों में ,चिरायु की अलग-अलग टीम द्वारा कैंप लगाकर बच्चों की काउंसलिंग की जाती है जिसमें हार्ट डिजीज ,क्लब फुट ,क्लेफ्ट लिप या कटे-फटे होंठ व बर्न कांट्रेक्चर के मरीजों को चिन्हित कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए प्रदेश के बड़े अस्पतालों में भर्ती कर ऑपरेशन के द्वारा उन्हें ठीक किया जाता है। चिरायु टीम द्वारा 2014 से 2019 तक जिले में लगभग 100 से 200 से भी ज्यादा मरीजों को इलाज कर ठीक किया जा चुका है और यह बच्चे अब बेहतर जीवन जी रहे हैं।


बाइट_डॉ आशीष मसीहConclusion:चिरायु कार्यक्रम के डॉक्टर आशीष मसीह ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत अब तक जिले में 100 से 200 बच्चों के जन्मजात रोग जैसे हृदय के रोग ,कटे-फटे होंठ ,क्लब फुट या पैर में विकृति ,व बर्न कॉन्ट्रैक्चर के मरीजों का इलाज किया जा चुका है और वे आज एक सामान्य जीवन जी रहे हैं।
इस कार्यक्रम में बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए शासन द्वारा चयनित अस्पतालों में भेजा जाता है और इसमें इलाज का पूरा खर्च शासन द्वारा ही किया जाता है। आज चिरायु कार्यक्रम से सैकड़ों बच्चों की मुस्कान लौट आई है ।
आज भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चिरायु के द्वारा जिले के 6 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए राजधानी रायपुर के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया जा रहा है जिसमें 2 मरीज ह्रदय रोग वाले ,3 बर्न कॉन्ट्रैक्चर के मरीज और एक पैर में विकृति का मरीज है ।
चिरायु कार्यक्रम द्वारा जिले के सुदूर क्षेत्रों में लगातार कैंप लगाकर व कॉउंसलिंग द्वारा सैकड़ों मासूमों की ज़िंदगी को संवारा जा रहा है ।
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