कोंडागांव: विकासखंड विश्रामपुरी के ग्राम पंचायत ढोंढरा में 2020-21 के दौरान ग्राम पंचायत द्वारा तालाब निर्माण किया गया था. यह तालाब ग्राम पंचायत द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत हितग्राही संतु के निजी भूमि पर बनाया गया था. लेकिन आज की स्थिति में मौके पर किसी भी प्रकार का तालाब नहीं है. इस मामले को लेकर जब रोजगार सहायक महेश मरकाम से पूछा गया, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर बताया कि "हमने यहीं पर तालाब निर्माण किया था, लेकिन तालाब को किसी ने जमींदोज करके नया तालाब बना लिया है."
भूमि संरक्षण विभाग पर नियमों के खिलाफ काम करने का आरोप: भूमि संरक्षण विभाग कोंडागांव द्वारा ग्राम पंचायत ढोंढरा में तालाब बनाया जा रहा है. विभाग पहले से मनरेगा के तहत बने तालाब के स्थान पर अपना तालाब बना रहा है. एक काम कर रही सरकारी एजेंसी के तालाब को गायब कर दूसरे एजेंसी यानी भूमि संरक्षण विभाग द्वारा अपना नया तालाब बनाना नियम कानून के खिलाफ है. नियम यह है कि जहां पर तालाब निर्माण किया जाना है, उस स्थल पर पहले निर्माण कार्य या पेड़ पौधे नहीं होने चाहिए. यहां तक निजी भूमि भी नहीं होना चाहिए.
पुराने तालाब को समतल कर नया तालाब बनाने का आरोप: ग्रामीणों ने भी बताया "यहां तालाब और दर्जनों पेड़ पौधे थे और यहां पहले से तालाब बना हुआ था. मशीनों से पहले से बने तालाब को समतल किया गया और पेड़ पौधों को उखाड़ कर जंगलों में लगा दिया गया. उसके बाद स्थल का फोटो खींचा गया, ताकि विभाग के आला अधिकारियों को यह बताया जा सके कि यहां कोई पुराना तालाब या पेड़ पौधा नहीं था. उसके बाद ही भूमि संरक्षण विभाग ने तालाब बनाना शुरू किया."
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सवालों के घेरे में कृषि विभाग उपसंचालक और ग्राम पंचायत: तालाब निर्माण करने के लिए स्टीमेट बनाने से पूर्व उपसंचालक कृषि विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया. जिस पर उस जमीन पर पहले से कोई स्ट्रक्चर, पेड़ पौधे या निजी भूमि नहीं होने का प्रमाण पत्र तैयार किया गया. यहां उपसंचालक पर आरोप है कि नियम को दरकिनार करते हुए स्थल निरीक्षण का झूठा प्रमाण पत्र तैयार किया गया है. मनरेगा तहत निर्मित तालाब सहित दर्जनों जिंदा पेड़ पौधों को स्थल पर नहीं होना बताया है.
पंचायत द्वारा नियमों के अनदेखी के आरोप: किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य हेतु पंचायत से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना आवश्यक होता है. ग्राम पंचायत ढोंढरा के द्वारा 2020-21 में संतु के निजी भूमि में मनरेगा तहत तालाब का निर्माण किया था. लेकिन उक्त स्थल पर पहले से तालाब होने के बाद भी भूमि संरक्षण विभाग को किस आधार पर तालाब निर्माण करने की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, यह सवालों के घेरे में है. सरपंच सचिव ने भी नियम खिलाफ भूमि संरक्षण विभाग को तालाब निर्माण की अनुमति दी है.
अधिकारियों पर मिली भगत का आरोप: पूरे मामले में कृषि भूमि संरक्षण विभाग और ग्राम पंचायत ढोंढरा सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक पर मिली भगत का आरोप है. तालाब बनाने हेतु आए शासकीय पैसे का बंदरबांट करने का आरोप लगाया जा रहा है. अब देखना होगा मामला सामने आने के बाद शासन-प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहते हैं अधिकारी: उप संचालक कृषि कोंडागांव डी पी तांडे ने बताया कि "लघुत्तम सिंचाई तालाब योजना (MIT) के तहत ग्राम पंचायत ढोंडरा विकासखंड बडेराजपुर में तालाब बनाने का कार्य स्वीकृत हुआ है. परंतु इसमें किसी भी प्रकार का कार्य आदेश मेरे द्वारा अभी तक जारी नहीं किया गया है. ढोंडरा पंचायत में तालाब बनाने हेतु स्थल चयन संबंधित कार्य, सम्बंधित सर्वेयर एवं सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा किया गया था. जिसमें किसी भी प्रकार का पहले में कोई स्ट्रक्चर होने संबंधी मुझे कोई भी जानकारी नहीं दी गई थी."
"जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी": उप संचालक कृषि कोंडागांव डी पी तांडे ने बताया कि "ढोंडरा पंचायत में एमआईटी के तहत जो तालाब बनाया जा रहा है. यदि वह पूर्व में बनाए गए स्ट्रक्चर की जगह पर बनाया जा रहा है, तो वह गलत है. इस संबंध में जांच कर उचित कार्रवाई मेरे द्वारा की जाएगी."