कोंडागांव: केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत योजना के तहत हर गांव, पंचायत को ओडीएफ घोषित किया जाना था, जिसमें हर गांव खुले में शौच से मुक्त हो सकें. इसके लिए दिया जाने वाला फंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और सचिव ने प्रोत्साहन राशि हड़प ली है.
सरपंच और सचिव खुद डकार रहे प्रोत्साहन राशि
राशि न मिलने पर ग्रामीण भी शौचालय निर्माण में रूचि नहीं लेते, सरपंच और सचिव लोगों के अनपढ़ और जानकारी न होने का फायदा उठाकर, ग्रामीणों से शौचालय निर्माण का काम पूरा हुए बिना ही संतुष्टि प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कराकर गांव को ODF घोषित कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालय निर्माण के एवज में मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को सरपंच और सचिव डकार रहे हैं.
जांच के लिए भेजे गए अधिकारी
राजपुर ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने 25 जून 2019 को कोंडागांव के जिला पंचायत CEO को पत्र के जरिए पंचायत में शौचालय निर्माण अनियमितता और प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने की जानकारी दी थी.
मामले में संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत ने जनपद पंचायत बडे़राजपुर को जांच के लिए निर्देशित किया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए विकास विस्तार अधिकारी गजेंद्र सिंह नेताम और सहायक विकास विस्तार अधिकारी घनश्याम सोरी को जांच के लिए पंचायत भेजा गया.
अधिकारी जांच कर CEO को भेजेंगे रिपोर्ट
ग्रामीणों की शिकायत की जांच करने के लिए प्रशासन की टीम गांव पहुंची. जांच के दौरान टीम ने पाया कि, गांव में अधिकतर शौचालय य तो बने ही नहीं हैं या फिर अधूरे हैं. जांच अधिकारी ने बताया कि 'जांच में पाया कि ग्रामीणों ने जो शौचालय निर्माण संबंधी शिकायत की गई थी वह सही पाई गई है. इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत CEO कोंडागांव को आगे की कार्रवाई के लिए सौंपेंगे.