कोंडागांव: छत्तीसगढ़ शासकीय कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने 11 सूत्रीय मांग को लेकर बाइक रैली निकाली और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. छत्तीसगढ़ राज्य के 20 वें स्थापना दिवस पर राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर राज्य उत्सव तो नहीं मनाया बल्कि अपनी पहले की मांगों को लेकर दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हो गए. लंबित महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी किस्त की राशि, वार्षिक वेतन वृद्धि आदेश रिलीज करने, सभी संवर्ग की वेतन विसंगति सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी-अधिकारियों ने जमकर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने मांग पूरी नहीं होने पर आगामी साल 2021 जनवरी में अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के द्वारा आंदोलन का शंखनाद किया जा चुका है. संघ के जिलाध्यक्ष पीएल राणा ने बताया कि कोरोना वायरस की आड़ में सरकार ने कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान का एरियर, अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगा दी.
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11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन जारी
शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर सभी अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 2 और 3 नवंबर 2020 को दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करने की मांग को इस आंदोलन में पहले स्थान पर रखा गया है. इसके अलावा पुरानी पेंशन बहाली, कोरोना पीड़ित कर्मचारियों के लिए 1 महीने का अतिरिक्त वेतन, कोरोना से मौत होने पर 50 लाख रुपये का अनुदान सहित कुल 11 सूत्रीय मांगों को लेकर तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ आंदोलन कर रहा है.