कोंडागांव: छत्तीसगढ़ शासन की पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने प्रदेश में शराब दुकान खोलने को लेकर भुपेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसा लगता है घर-घर शराब पहुंचाने का ठैका भुपेश सरकार ने लिया है. इस दौरान पूर्व मंत्री के साथ कोंडागांव भाजपा जिला संगठन प्रभारी श्रीनिवास राव मद्दी, जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा, गोपाल दीक्षित मौजूद थे.
भूपेश सरकार को समझ आई सिर्फ शराब दुकानें खोलने की बात
जनजीवन को धीरे-धीरे पटरी पर लाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा था कि कुछ खास श्रेणियों के कारोबार को छोड़कर, बाकि सभी कारोबार नियम और शर्तों के साथ शुरू कर सकते हैं. साथ ही यह भी मंशा थी कि इससे कुछ लोगों का रोजगार शुरू हो जाएगा, जिससे लोगों की परेशानी कम हो जाएगी. दुर्भाग्य की बात है कि केंद्र के उस औपचारिक निर्देश में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को केवल मदिरा की दुकान खोलने का निर्देश समझ आया. प्रदेशभर में आवश्यक कार्य ठप पड़े हुए हैं. मरीजों का इलाज़ केन्द्रीय एम्स के भरोसे चल रहा, तो राहत आदि कार्यों में स्वयंसेवी संस्थायें जुटी हुई है. इन सबको पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस सरकार ने सिर्फ शराब की दुकान खोलना मुनासिब समझा.
घर घर शराब पहुंचाने वाली पहली सरकार
लता उसेंडी ने कहा कि केंद्र के निर्देश के बाद भी बिहार-गुजरात आदि राज्यों में शराब बंद हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में इसे मौके की तरह लपक लिया. CAA और NPR में केन्द्रीय निर्णयों के खिलाफ कागज़ नहीं दिखाने की बात करने वाले सीएम भुपेश बघेल इस मामले में पूरी तरह खुद को केंद्र विश्वासपात्र होने का भ्रम फैलाने लगे हैं. सीएम यह झूठ फैलाने में लग गए कि केंद्र ने उन्हें मानो शराब बेचने के लिए नियुक्त किया हो. बात यहीं खत्म नहीं होती कि बघेल सरकार ने दुकानें खोली, बल्कि घर-घर शराब पहुंचाने वाली देश की पहली सरकार बन गई है. एक स्वतंत्र सर्वेक्षण के हवाले से लता ने बताया कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को पहले भी शराब की खपत वाला नंबर-1 राज्य बना दिया था. लता ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ऐसा कृत्य कांग्रेस की वह सरकार कर रही है, जिसने गंगाजल उठाकर प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया था. तत्कालिक कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने शराबबंदी को लेकर कई आंदोलन भी किए थे.
राहुल गांधी पर बोला हमला
उन्होंने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि अगर घोषणा-पत्र पर अमल नहीं किया, तो वे सीएम बदल देंगे. अभी अमल करने की बात तो दूर, घर-घर शराब पहुचाने का जिम्मा सीएम भूपेश बघेल ने ले लिया है. इससे दुर्भाग्यजनक और क्या हो सकता है कि छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश में जहां का बजट अब 1 लाख करोड़ से ऊपर हो गया है. इस रकम में आखिर 4 - 4.5 हज़ार करोड़ इतने ज्यादा नहीं होते कि इसके लिए पूरे प्रदेश का भविष्य ही अंधकारमय कर दिया जाए. बिहार जैसे राज्य जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, फिर भी शराब के राजस्व का मोह छोड़ दिया. तो छत्तीसगढ़ में इतने से राजस्व मात्र के लिए प्रदेश के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है.
प्रदेश का भविष्य चौपट कर रही कांग्रेस
लता ने कहा कि सवाल केवल राजस्व का नहीं है, शासकीय राजस्व तो महज़ एक बहाना है. असली सवाल इनके अपने लोगों और कोचियों की जेबें भरने का है. शराब के आधे पैसे सीधे अपनी जेब में डाल लेने का है. वैध-अवैध धंधों से शराब की कमाई कर अपना और पार्टी का कोष भरने का है. भाजपा का यह स्पष्ट आरोप है कि ये लोग दलगत और उससे भी बड़े निजी लाभ के लिए कोरोना की कतार में प्रदेश को धकेल रहे हैं, यह सबसे निंदनीय है. कोरोना महामारी के संकट में प्रदेश से कुछ सकारात्मक संकेत आ रहे थे. पिछले 47 दिन से यहां शराब की दुकानें बंद थी. जिससे घर में लोग शांति से रह रहे थे. लोग धीरे-धीरे इस मानसिकता में आ भी गए थे कि अब शराब नहीं पीना है, लेकिन अपने निजी स्वार्थ के लिए कांग्रेस के लोगों ने एक हाथ आया मौका गंवा दिया. प्रदेश को फिर से नशा की अंधेरी सुरंग में धकेल दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
भाजपा सरकार की तारीफ
उन्होंने पिछली भाजपा सरकार की तरीफ करते हुए कहा कि भाजपा ने वादा तो नहीं किया था, लेकिन फिर भी भाजपा सरकार ने धीरे-धीरे दुकानें बंद करना शुरू कर दिया था. हम प्रदेश को शराब मुक्त कर देने की तरफ बढ़ रहे थे. कांग्रेस सरकार की ग़लत नीतियों के कारण ही प्रदेश में विकास कार्यों का अकाल है, रोजी-रोटी का संकट है. लता ने कहा कि आज कोरोना के चलते कई लोग बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में जिन लोगों को शराब की आदत हैं, वो शराब खरीदने के लिए पैसे कैसे जुटाएंगे. इसके लिए फिर घरेलू हिंसा सहित अन्य अपराध इतने बढ़ जाएंगे कि सोच कर ही हड्डियां सिहर उठती है.
प्रदेश में कुछ हुआ तो भुपेश बघेल होंगे जिम्मेदार
लता उसेंडी कहा कि शराब दुकानों में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, जिस तरह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. 144 और महामारी क़ानून समेत अन्य कानूनों को खुद सरकार तोड़ रही है. या तोड़ने को बढ़ावा दे रही है. ऐसे में भीड़ इकठ्ठा होने के कारण बड़े स्तर पर संक्रमण फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. प्रदेश में अगर कुछ अनहोनी हुई तो इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे. उन्होंने प्रदेश सरकार ने निवेदन किया है कि शराब दुकानें खोलने के फैसले पर फिर से विचार करें. कोई भी राजस्व प्रदेश के नौजवानों के भविष्य और पारिवारिक शान्ति से ज्यादा कीमती नहीं हो सकता है. साथ ही शराब को घर घर पहुंचाने के फैसले को वास लीजिए. ऐसा नहीं करने पर भाजपा लोकआन्दोलन खड़ा करने समेत हर संभावित विकल्पों को अपनाने में पीछे नहीं हटेगी.
बताया प्रधानमंत्री का उद्देश्य
लता उसेंडी ने प्रधानमंत्री को लेकर कहा कि देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन जारी है. पहले चरण की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'जान है तो जहान है' इसी ध्येय वाक्य को लेकर सब काम कर रहे हैं. वहीं दूसरे चरण की घोषणा के दौरान कहा था कि 'जान भी और जहान भी'. वहीं अब तीसरे चरण में कहा कि 'जान बची तो लाखों पाए'. इन्ही ध्येय वाक्यों के साथ सभी लोग काम कर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. पहले चरण में एकमात्र प्राथमिकता जान बचाने की थी. देश-दुनिया ने पहले कभी इस तरह के हालात नहीं देखे थे. जब पूरी दुनिया एक साथ एक ही चुनौती से जूझ हमारे प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व की ही ताकत थी कि आज दुनिया भर में अपनी क्षति न्यूनतम है. जहां दुनिया के सबसे विकसित और समृद्ध कहे जाने वाले अमेरिका और इटली जैसे देशों में हाहाकार मचा हुआ है, भारत बाकि देशों की अपेक्षा न्यूनतम क्षति के साथ इस महामारी का सामना कर रहा है. अगर कुछ समुदाय विशेष की समस्या नहीं होती, तो हालात और बेहतर होते. अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्थिति नियंत्रण में होगी.