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कोंडागांव: कभी यहां गूंजता था पक्षियों का कलरव, अनदेखी ने इस जगह को वीरान कर दिया

कोंडागांव शहर के डोंगरीपारा पहाड़ी पर वन विभाग द्वारा लाखों खर्च कर पर्यावरण वाटिका बनाई गई थी, जो देखरेख और अनदेखी के अभाव में उजड़ गई है.

पर्यावरण वाटिका, डोंगरीपारा.
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Published : Jul 17, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 5:13 PM IST

कोंडागांव: वन विभाग की लापरवाही और अनदेखी की वजह से डोंगरीपारा पहाड़ी पर बनी पर्यावरण वाटिका अब सिर्फ कागजों में बची है. वन विभाग ने लाखों रुपए खर्च करके इस पर्यावरण वाटिका का निर्माण किया गया ताकि लोगों को एक जंगल सफारी सा अनुभव यहां मिल सके. लेकिन अब हाल पहले से एकदम उलट है. जो जगह पर्यटकों से गुलजार रहती थी, वो वीरान है.

वीडियो

पर्यावरण वाटिका में कई पिंजरे और लोहे के जालियों के बाउंड्री बनाई गई ताकि इन पिंजरों व घेरों के अंदर पशु-पक्षियों को रखा जा सके और यह पर्यावरण वाटिका के आकर्षण का केंद्र बन सके. इसके लिए यहां तोता, मैना, मोर, हिरण, बारहसिंघा, शुतुरमुर्ग जैसा दिखने वाला ऐमू और भी कई पशु पक्षी मंगवा कर उन्हें यहां रखा गया.

  • कुछ दिनों तक तो सब ठीक था शहरवासी और बाहर से भी लोग यहां घूमने आने लगे, यहां रखे गए पशु पक्षी और जानवर यहां आकर्षण का केंद्र बने रहे. बच्चों के लिए झूले बगीचे भी संवारे गए पर धीरे-धीरे वन विभाग की बाकी योजनाओं की ही तरह यह योजना भी अनदेखी व देखरेख के अभाव में बर्बाद हो गई.
  • आज आलम यह है कि पिंजरे तो हैं पर उनमें पशु पक्षियों की जगह झाड़ियां उग आई हैं. झाड़ियों की वजह से पिंजरा और घेरा अटा पड़ा है. लोहे के बनाए गए दरवाजे, गेट्स और घेरे कबाड़ हो चुके हैं. लाखों की लागत से लगाए गए पानी सप्लाई के लिए पाइप व वाटर टैंक कबाड़ हो चुके हैं.
  • साज-सज्जा के लिए लगाई गई मूर्तियां व कलाकृतियां भी खंडित हो चुकी है वाच टावर का क्षेत्र शराबियों का अड्डा बन चुका है.

अधिकारी ने ETV भारत से क्या कहा

  • इस बारे में जब ETV भारत ने कोंडागांव वन मंडल अधिकारी बीएस ठाकुर से चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि पहाड़ी के नीचे और चारों ओर की बसाहट में जो लोग निवास करते हैं वे लगातार पहाड़ी के वन क्षेत्र पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं. इसके लिए वे फेंसिंग किए हुए बाउंड्री को भी तोड़ देते हैं जिसके कारण बाहर से कुत्ते बिल्ली और भी कई प्रकार के हिंसक जानवर यहां प्रवेश करते गए.
  • अधिकारी का कहना है कि यहां रखे गए जानवरों को, पशु पक्षियों को नुकसान पहुंचाया गया और कुछ लोग जानवरों को या तो चुरा कर ले गए या उनके द्वारा मार दिया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे अब यहां एक भी पशु-पक्षी नहीं बचे हैं.
  • उन्होंने कहा कि इस पर्यावरण वाटिका को फिर से संवारा जाएगा. इसके लिए पहाड़ी के चारों ओर पक्की बाउंड्री बनाई जाएगी और फिर से नए पशु पक्षी जानवर यहां लाए जाएंगे, पेड़- पौधे लगाए जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि पानी की व्यवस्था की जाएगी, चारों ओर चौकसी बढ़ाई जाएगी और इसे लोगों के लिए एक आदर्श पर्यावरण वाटिका बनाया जाएगा.

कोंडागांव: वन विभाग की लापरवाही और अनदेखी की वजह से डोंगरीपारा पहाड़ी पर बनी पर्यावरण वाटिका अब सिर्फ कागजों में बची है. वन विभाग ने लाखों रुपए खर्च करके इस पर्यावरण वाटिका का निर्माण किया गया ताकि लोगों को एक जंगल सफारी सा अनुभव यहां मिल सके. लेकिन अब हाल पहले से एकदम उलट है. जो जगह पर्यटकों से गुलजार रहती थी, वो वीरान है.

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पर्यावरण वाटिका में कई पिंजरे और लोहे के जालियों के बाउंड्री बनाई गई ताकि इन पिंजरों व घेरों के अंदर पशु-पक्षियों को रखा जा सके और यह पर्यावरण वाटिका के आकर्षण का केंद्र बन सके. इसके लिए यहां तोता, मैना, मोर, हिरण, बारहसिंघा, शुतुरमुर्ग जैसा दिखने वाला ऐमू और भी कई पशु पक्षी मंगवा कर उन्हें यहां रखा गया.

  • कुछ दिनों तक तो सब ठीक था शहरवासी और बाहर से भी लोग यहां घूमने आने लगे, यहां रखे गए पशु पक्षी और जानवर यहां आकर्षण का केंद्र बने रहे. बच्चों के लिए झूले बगीचे भी संवारे गए पर धीरे-धीरे वन विभाग की बाकी योजनाओं की ही तरह यह योजना भी अनदेखी व देखरेख के अभाव में बर्बाद हो गई.
  • आज आलम यह है कि पिंजरे तो हैं पर उनमें पशु पक्षियों की जगह झाड़ियां उग आई हैं. झाड़ियों की वजह से पिंजरा और घेरा अटा पड़ा है. लोहे के बनाए गए दरवाजे, गेट्स और घेरे कबाड़ हो चुके हैं. लाखों की लागत से लगाए गए पानी सप्लाई के लिए पाइप व वाटर टैंक कबाड़ हो चुके हैं.
  • साज-सज्जा के लिए लगाई गई मूर्तियां व कलाकृतियां भी खंडित हो चुकी है वाच टावर का क्षेत्र शराबियों का अड्डा बन चुका है.

अधिकारी ने ETV भारत से क्या कहा

  • इस बारे में जब ETV भारत ने कोंडागांव वन मंडल अधिकारी बीएस ठाकुर से चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि पहाड़ी के नीचे और चारों ओर की बसाहट में जो लोग निवास करते हैं वे लगातार पहाड़ी के वन क्षेत्र पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं. इसके लिए वे फेंसिंग किए हुए बाउंड्री को भी तोड़ देते हैं जिसके कारण बाहर से कुत्ते बिल्ली और भी कई प्रकार के हिंसक जानवर यहां प्रवेश करते गए.
  • अधिकारी का कहना है कि यहां रखे गए जानवरों को, पशु पक्षियों को नुकसान पहुंचाया गया और कुछ लोग जानवरों को या तो चुरा कर ले गए या उनके द्वारा मार दिया गया, जिसके कारण धीरे-धीरे अब यहां एक भी पशु-पक्षी नहीं बचे हैं.
  • उन्होंने कहा कि इस पर्यावरण वाटिका को फिर से संवारा जाएगा. इसके लिए पहाड़ी के चारों ओर पक्की बाउंड्री बनाई जाएगी और फिर से नए पशु पक्षी जानवर यहां लाए जाएंगे, पेड़- पौधे लगाए जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि पानी की व्यवस्था की जाएगी, चारों ओर चौकसी बढ़ाई जाएगी और इसे लोगों के लिए एक आदर्श पर्यावरण वाटिका बनाया जाएगा.
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कोंडागांव शहर के डोंगरीपाड़ा पहाड़ी पर वन विभाग द्वारा लाखों खर्च कर पर्यावरण वाटिका बनाया गया पर देखरेख व अनदेखी के चलते यह पर्यावरण वाटिका अब उजड़ चुका है







Body:कोंडागांव जिला मुख्यालय में डोंगरीपारा पहाड़ी पर वन विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च करके पर्यावरण वाटिका का निर्माण किया गया ताकि लोगों को एक जंगल सफारी सा अनुभव यहां मिल सके , इसके लिए यहां कई पिंजरे व लोहे के जालियों के बाउंड्री बनाए गए ताकि इन पिंजरों व घेरो के अंदर पशु पक्षियों को रखा जा सके और यह पर्यावरण वाटिका के आकर्षण का केंद्र बन सके। इसके लिए यहां तोता-मैना ,मोर ,हिरण ,बारहसिंघा, शुतुरमुर्ग जैसा दिखने वाला ऐमू और भी कई पशु पक्षी मंगवा कर उन्हें यहां रखा गया।
कुछ दिनों तक तो सब ठीक था शहरवासी और बाहर से भी लोग यहां घूमने आने लगे, यहां रखे गए पशु पक्षी और जानवर यहां आकर्षण का केंद्र बने रहे, बच्चों के लिए झूले बगीचे भी संवारे गए, पर धीरे-धीरे वन विभाग की बाकी योजनाओं की ही तरह यह योजना भी अनदेखी व देखरेख के अभाव में बर्बाद हो गया।
आज आलम यह है कि पिंजरे तो हैं पर उनमें पशु पक्षियों की जगह झाड़ झरोखे उग आए हैं, खरपतवारों से पिंजरा और घेरा अटा पड़ा है, लोहे के बनाए गए दरवाजे, गेट्स व घेरे कबाड़ हो चुके हैं, लाखों की लागत से लगाए गए पानी सप्लाई के लिए पाइप व वाटर टैंक कबाड़ हो चुके हैं। साज-सज्जा के लिए लगाए गए मूर्तियां व रॉट आयरन की कलाकृतियां भी खंडित हो चुकी है वाच टावर का क्षेत्र शराबियों का अड्डा बन चुका है।

बाइट_बी एस ठाकुर, वनमंडलाधिकारी कोंडागांव


Conclusion:इस बारे में जब हमारी टीम ने कोंडागांव वन मंडल अधिकारी बीएस ठाकुर से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि पहाड़ी के नीचे और चारों ओर की बसाहट में जो लोग निवास करते हैं वे लगातार पहाड़ी के वन क्षेत्र पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं इसके लिए वे फेंसिंग किए हुए बाउंड्री को भी तोड़ देते हैं जिसके कारण बाहर से कुत्ते बिल्ली और भी कई प्रकार के हिंसक जानवर यहां प्रवेश करते गए व यहां रखे गए जानवरों को पशु पक्षियों को नुकसान पहुंचाए और कुछ लोग भी बाउंड्री की गई क्षेत्रों से घुसपैठ कर यहां के जानवरों को या तो चुरा कर ले गए या उनके द्वारा मार दिया गया जिसके कारण धीरे-धीरे अब यहां एक भी पशु-पक्षी नहीं बचे हैं ,

उन्होंने कहा कि इस पर्यावरण वाटिका को फिर से संवारा जाएगा। इसके लिए पहाड़ी के चारों ओर पक्की बाउंड्री बनाई जाएगी और फिर से नए पशु पक्षी जानवर यहां लाए जाएंगे ,पेड़- पौधे लगाए जाएंगे , पानी की व्यवस्था की जाएगी, चारों ओर चौकसी बढ़ाई जाएगी और इसे लोगों के लिए एक आदर्श पर्यावरण वाटिका बनाया जाएगा।
Last Updated : Jul 17, 2019, 5:13 PM IST
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