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Chhattisgarh Election 2023 : कोंडागांव से पांचवी बार लता लड़ेंगी विधानसभा चुनाव, केशकाल से पहली बार मैदान में नीलकंठ टेकाम, जानिए चुनावी गणित ! - पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम

Chhattisgarh Election 2023 कोंडागांव विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री रह चुकी लता उसेंडी पर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है. पार्टी ने लता उसेंडी को एक बार फिर विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस का गढ़ मानी जानी वाली केशकाल विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी ने नए उम्मीदवार पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम को मौका दिया है.

Chhattisgarh Election 2023
लता उसेंडी लड़ेंगी विधानसभा चुनाव
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 11, 2023, 12:19 PM IST

Updated : Oct 11, 2023, 1:13 PM IST

लता उसेंडी ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होते ही चुनावी बिगुल बज चुका है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अभी तक अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है. बस्तर संभाग की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने नए प्रत्याशियों को उतारा है. वहीं चार प्रत्याशी पूर्व मंत्री रह चुके हैं, जिन पर फिर से पार्टी ने भरोसा जताया है.

लता को लगातार पांचवीं बार चुनावी मैदान में उतारा: कोंडागांव विधानसभा से पूर्व मंत्री रह चुकी लता उसेंडी पर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है. पार्टी ने लता उसेंडी को एक बार फिर विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. बीजेपी ने पूर्व मंत्री लता उसेंडी को लगातार पांचवीं बार चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले 2003 एवं 2008 के चुनाव में लता विजयी रही. जिसके बाद 2013 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में लता उसेंडी को कांग्रेस के मोहन मरकाम ने हराया था.

लता उसेंडी का राजनीतिक सफर: लता उसेंडी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1998 में की थी. 1998 में लता कांकेर में भाजपा की मंडल मंत्री रह चुकी हैं. 1999 में वह कोंडागांव नगर पालिका से पार्षद निर्वाचित हुईं. साल 2000 में कांकेर जिला में भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनीं. साल 2002 में कोंडागांव भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनी. साल 2003 में कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र से लता उसेंडी पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं. जिसके बाद साल 2004 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. साल 2005 से 2008 तक छत्तीसगढ़ शासन में बतौर मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग का स्वतंत्र प्रभार उनके पास रहा. 2008 में वह दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुई. बतौर कैबिनेट मंत्री उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, खेल व युवा कल्याण विभाग का प्रभार लता उसेंडी ने संभाला.

2013 के बाद राजनीति में किया संघर्ष: 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 से 2015 में लता छत्तीसगढ़ शासन में प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं. 2015 से 2018 तक छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष का कार्यभार भी उन्होंने संभाला. वहीं पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतारा. लेकिन कांग्रेस के मोहन मरकाम ने उन्हें फिर से हरा दिया. 2019 से 2021 तक लता छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहीं और साथ ही प्रदेश प्रभारी भी रहीं. साल 2022 में राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बनीं. वर्तमान में अभी भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर वे पदस्थ हैं. इस बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कोंडागांव विधानसभा से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है.

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नीलकंठ टेकाम ने कांग्रेस पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

ॉकेशकाल से चुनावी मैदान में नीलकंठ टेकाम: केशकाल विधानसभा से इस बार बीजेपी ने नए उम्मीदवार पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम को मौका दिया है. नीलकंठ टेकाम ने सरकारी नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी. अब पहली बार केशकाल विधानसभा से नीलकंठ टेकाम चुनाव लड़ रहे हैं. केशकाल विधानसभा में लगातार दो बार से कांग्रेस के संतराम नेताम का कब्जा रहा है.

नीलकंठ टेकाम का सफर: नीलकंठ टेकाम साल 1990 से 1993 तक शासकीय महाविद्यालय बड़वानी मध्य प्रदेश में सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र के रूप सेवा दे चुके हैं. साल 1994 से 2008 तक राज्य प्रशासनिक सेवा के जिये सीईओ जनपद पंचायत, एसडीएम, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम के पद पर मध्य प्रदेश के धार, बड़वानी और छत्तीसगढ़ के बस्तर, दुर्ग, दंतेवाड़ा, बिलासपुर जिले में काम कर चुके हैं. साल 2008 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में संयुक्त सचिव राजस्व, संयुक्त सचिव जल संसाधन, संयुक्त सचिव तकनीकी शिक्षा के पद पर भी उन्होंने काम किया है. साल 2017 से 2020 तक कोंडागांव में कलेक्टर के पद पर भी सेवाएं दी हैं. जिसके बाद वीआरएस लेकर राजनीति में प्रवेश किया है.

लता उसेंडी ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना

कोंडागांव: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होते ही चुनावी बिगुल बज चुका है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अभी तक अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है. बस्तर संभाग की 12 सीटों में से 8 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने नए प्रत्याशियों को उतारा है. वहीं चार प्रत्याशी पूर्व मंत्री रह चुके हैं, जिन पर फिर से पार्टी ने भरोसा जताया है.

लता को लगातार पांचवीं बार चुनावी मैदान में उतारा: कोंडागांव विधानसभा से पूर्व मंत्री रह चुकी लता उसेंडी पर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है. पार्टी ने लता उसेंडी को एक बार फिर विधानसभा चुनाव का टिकट दिया है. बीजेपी ने पूर्व मंत्री लता उसेंडी को लगातार पांचवीं बार चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले 2003 एवं 2008 के चुनाव में लता विजयी रही. जिसके बाद 2013 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में लता उसेंडी को कांग्रेस के मोहन मरकाम ने हराया था.

लता उसेंडी का राजनीतिक सफर: लता उसेंडी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1998 में की थी. 1998 में लता कांकेर में भाजपा की मंडल मंत्री रह चुकी हैं. 1999 में वह कोंडागांव नगर पालिका से पार्षद निर्वाचित हुईं. साल 2000 में कांकेर जिला में भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनीं. साल 2002 में कोंडागांव भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष बनी. साल 2003 में कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र से लता उसेंडी पहली बार विधायक निर्वाचित हुईं. जिसके बाद साल 2004 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. साल 2005 से 2008 तक छत्तीसगढ़ शासन में बतौर मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग का स्वतंत्र प्रभार उनके पास रहा. 2008 में वह दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुई. बतौर कैबिनेट मंत्री उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग, समाज कल्याण विभाग, खेल व युवा कल्याण विभाग का प्रभार लता उसेंडी ने संभाला.

2013 के बाद राजनीति में किया संघर्ष: 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 से 2015 में लता छत्तीसगढ़ शासन में प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं. 2015 से 2018 तक छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष का कार्यभार भी उन्होंने संभाला. वहीं पार्टी ने 2018 विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतारा. लेकिन कांग्रेस के मोहन मरकाम ने उन्हें फिर से हरा दिया. 2019 से 2021 तक लता छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहीं और साथ ही प्रदेश प्रभारी भी रहीं. साल 2022 में राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बनीं. वर्तमान में अभी भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर वे पदस्थ हैं. इस बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें कोंडागांव विधानसभा से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है.

CG BJP Candidates Second List: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 64 सीटों पर बीजेपी की दूसरी लिस्ट, 15 पूर्व मंत्रियों सहित 3 सांसदों को टिकट, 5 सीटों पर मंथन जारी
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नीलकंठ टेकाम ने कांग्रेस पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप

ॉकेशकाल से चुनावी मैदान में नीलकंठ टेकाम: केशकाल विधानसभा से इस बार बीजेपी ने नए उम्मीदवार पूर्व आईएएस नीलकंठ टेकाम को मौका दिया है. नीलकंठ टेकाम ने सरकारी नौकरी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी. अब पहली बार केशकाल विधानसभा से नीलकंठ टेकाम चुनाव लड़ रहे हैं. केशकाल विधानसभा में लगातार दो बार से कांग्रेस के संतराम नेताम का कब्जा रहा है.

नीलकंठ टेकाम का सफर: नीलकंठ टेकाम साल 1990 से 1993 तक शासकीय महाविद्यालय बड़वानी मध्य प्रदेश में सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र के रूप सेवा दे चुके हैं. साल 1994 से 2008 तक राज्य प्रशासनिक सेवा के जिये सीईओ जनपद पंचायत, एसडीएम, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम के पद पर मध्य प्रदेश के धार, बड़वानी और छत्तीसगढ़ के बस्तर, दुर्ग, दंतेवाड़ा, बिलासपुर जिले में काम कर चुके हैं. साल 2008 से भारतीय प्रशासनिक सेवा में संयुक्त सचिव राजस्व, संयुक्त सचिव जल संसाधन, संयुक्त सचिव तकनीकी शिक्षा के पद पर भी उन्होंने काम किया है. साल 2017 से 2020 तक कोंडागांव में कलेक्टर के पद पर भी सेवाएं दी हैं. जिसके बाद वीआरएस लेकर राजनीति में प्रवेश किया है.

Last Updated : Oct 11, 2023, 1:13 PM IST
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