केशकाल: कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बने पर्यटन स्थलों को और अधिक आकर्षित बनाने के लिए स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं. इस बीच वे गुरुवार को खालेमुरवेंड में लीमधारा पर्यटन स्थल और बांध का सुंदरीकरण करने को लेकर पूरे अधिकारियों के साथ स्थलों का निरीक्षण किया और सभी को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए.
केशकाल को बस्तर का प्रवेश द्वार कहा जाता है. केशकाल विकासखंड वैसे तो अपने सुरम्य पहाड़ियों एवं घाटियों के लिए जाना जाता है, लेकिन क्षेत्र में ऐसे अनजाने दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें बाहरी क्षेत्र के पर्यटक नहीं जानते. केशकाल में टापूओं के बीच बहती नदी का स्वरूप वास्तव में बहुत दर्शनीय होता है. केशकाल के संवेदनशील क्षेत्रों के झरनों को और भी आकर्षक बनाया जाएगा. इन सभी संभावनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से यहां पर्यटन सुविधा के साथ-साथ बहुआयामी गतिविधियां जैसे सांस्कृतिक क्रियाकलाप साहसिक खेल कूद, पक्षी अभ्यारण, नौकायन, बस्तर के सांस्कृतिक गतिविधियों को दर्शाने के लिए संग्रहालय, देशी स्वल्पाहार आदि केन्द्र प्रारंभ करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके.
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पर्यटन स्थल के लिए योजना
इसके अलावा यहां आसपास टाटामारी, पंचवटी, गोबराहीन (गढ़धनोरा) , मांझीनगढ़ जैसे पर्यटन स्थल भी जुड़े हुए हैं. इन स्थलों पर साल भर बाहरी और स्थानीय पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती है. इसके अलावा केशकाल के संवेदनशील क्षेत्र कुएमारी जहां कई प्राकृतिक झरने हैं, उन झरनों को भी जल्द ही पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी.
सुविधाओं को विस्तार देने की जरूरत
कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि जिले को पर्यटन नक्शे में उभारने के लिए इन क्षेत्रों में सुविधाओं को विस्तार देने की जरूरत है, ताकि देश दुनिया को इसकी जानकारी हो सके. इसके अलावा पर्यटन से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही उन्होने संबंधित विभागों को गाड़ियों की पार्किंग व्यवस्था के लिए शेड का निर्माण, रेस्टोरेंट, बच्चों का पार्क , बांध में वोटिंग की व्यवस्था ,स्वच्छ प्रसाधन कक्षों की व्यवस्था, संपूर्ण क्षेत्र में नारियल वृक्षारोपण और फैंसिग करवाने के लिए भी संबधित विभागों को निर्देश दिए और उन्होंने सम्पूर्ण कार्ययोजना का प्रस्ताव भेजने के लिए समय-सीमा भी तय कर दिया है.