कोंडागांव: बंधा तालाब में मरम्मत कार्य में अनियमितता का मामला सामने आया है. नगर पालिका कोंडागांव की ओर से बिना टेंडर के ही मरम्मत का काम शुरू करा दिया गया है. बताते हैं, तालाब के गहरीकरण और सफाई का काम 1 साल पहले पहले कोंडागांव के पूर्व कलेक्टर ने जनसहयोग के माध्यम से कराया था. तत्कालीन कलेक्टर ने तालाब के पानी को खाली कर जलकुम्भी और मिट्टी निकालते हुए गहरीकरण और सफाई का काम कराया था, साथ ही तालाब के चारों ओर गार्डन और फुटपाथ बनाने के लिए प्रस्ताव पास किए गए थे.
उसी प्रस्ताव पर बिना टेंडर के ही तालाब के चारों ओर फुटपाथ बनाते हुए गार्डेन बनाने का काम शुरू करा दिया गया है. इसकी जानकारी तब लगी जब मोहल्लेवासियों के घरों से नाली का पानी निकासी नहीं होने की जानकारी नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को दी गई. जिसके बाद मौके पर पहुंच कर नगर पालिका अध्यक्ष-उपाध्यक्ष ने जब काम के बारे में पड़ताल की तो अनियमितता का मामला सामने आया.
नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने सीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसी विशेष ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए तालाब का काम बिना किसी निविदा के ही शुरू करवा दिया गया है. उन्होंने बताया कि 2.5 करोड़ के इस कार्य की निविदा अभी जारी भी नहीं हुई है और नगर पालिका सीएमओ ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए सौंदर्यीकरण का काम मानसून से ठीक पहले शुरू करवा दिया है, जो जांच का विषय है.
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अधूरा पड़ा काम
मौके पर जांच करने पहुंचे अध्यक्ष को एक और अनियमितता देखने को मिली है. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना तालाब के एक छोर पर होनी थी, ताकि डीएन वार्ड और भेलवापदर वार्ड के नालियों का गंदा पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट कर तालाब में लाया जा सके. जिसकी लागत 40 लाख रुपये की थी और टेंडर भी हो चूका था, लेकिन आज भी काम अधूरा है अपूर्ण है, पूरे वार्डों का गंदा पानी तालाब में जमा हो रहा है.
शिकायत के बाद हुआ खुलासा
भेलवापदर वार्ड के पार्षद मंगल साहू ने बताया कि वार्डवासियों की ओर से लगातार शिकायतें आ रही थी. नालियों के पानी की निकासी नहीं हो पा रही थी. जिसको देखने वे तालाब घाट पर पहुंचे थे, जहां बिना किसी जानकारी के तालाब में काम चल रहा था. तब जाकर सीएमओ द्वारा की गड़बड़ी का पता चला.