कोंडागांव: कोंडागांव पुलिस अधीक्षक के समक्ष 4 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. नक्सली केशकाल थाना क्षेत्र के धुर नक्सल प्रभावित ग्राम माड़गांव के रहने वाले हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 2 महिला नक्सली भी शामिल है. उन्होंने बताया कि चारों को नक्सली बलपूर्वक गांव से लेकर गए थे. सरेंडर कर चुके नक्सलियों के मुताबिक वह नक्सलवाद की खोखली विचारधाराओं से तंग आकर खुद को पुलिस की शरण में ले आए हैं और समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया है. वे खुद अपने ग्राम माड़गांव वापस आ गए और 9 अगस्त को गांव के अन्य रहवासियों की मदद से इन्हें कोंडागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कराया गया.
कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने उन्हें प्रोत्साहन राशि देकर समझाइश भी दी है. पूछताछ के दौरान चारों ने बताया किया उन्हें बीते महीने 12 जुलाई को ग्राम माड़गांव से नक्सली किसकोडो, एलजीएस कमांडर लखमू और अन्य 7 नक्सली गांव से बलपूर्वक धमकाकर अपने साथ ले गए थे.
इस दौरान उन्हें नक्सलियों ने हथियार चलाने, बम बनाने और अन्य नक्सल संबंधित प्रशिक्षण दिया गया. जबरदस्ती उन्हें नक्सल संबंधी भड़काउ वीडियो, साहित्य आदि के माध्यम से अपने साथ शामिल करने का प्रयास किया गया. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों और विकास कार्यों से प्रभावित होकर इन नौजवानों ने नक्सलियों का साथ छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया है.
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नक्सलियों की टूटी कमर
बता दें कि बस्तर रेंज में सुरक्षाबलों के चलाये जा रहे एंटी नक्सल अभियान से नक्सलियों की कमर टूट गई है. पुलिस के लोन वर्राटू अभियान और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर लगातार नक्सली सरेंडर कर रहें है.