कांकेर: हर साल 10 सितंबर को खुदकुशी और उसकी रोकथाम के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. जिसकी शुरुआत साल 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य आत्महत्या को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना था. जिससे सुसाइड के मामलों में कमी आ सके.
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40 सेकंड में एक सुसाइड: विश्व में हर 40 सेकंड में कहीं ना कहीं एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है. उत्तर बस्तर कांकेर जिले की बात करे तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 2021 में 333 और 2022 में अब तक 232 ने आत्महत्या की है. डेढ़ साल में 565 लोगों ने खुदकुशी की है.
इन कारणों से बढ़ रहे आत्महत्या के आंकड़े: ज्यादातर आत्महत्या के मामले पारिवारिक विवाद के चलते सामने आते हैं. हालांकि कुछ लोग बीमारी से परेशान होकर सुसाइड कर लेते हैं. कई लोग कर्ज से और अपने व्यापार ना चलने से परेशान होकर आत्महत्या करते हैं. इस प्रकार की परेशानी होने के बाद मानसिक तनाव में आने के कारण सुसाइड के मामले सामने आते हैं. पुरुषों के द्वारा अधिक आत्महत्या के मामले सामने आए हैं. इस तरह के कदम उठाने के बाद परिवार को काफी परेशानी होती है.
कांकेर के स्वास्थ्य अधिकारी जेएल उइके कहते है कि कोई भी व्यक्ति सुसाइड के बारे में तभी सोचता है जब उन्हें जीने की कोई उम्मीद नजर नहीं आती. आत्महत्या का मामला दुखद तो है, लेकिन हर मामले में कुछ न कुछ रहस्य छिपा होता है. हालांकि हर मामले में एक समानता जरूर नजर आती रही है. वह निराशा की गहरी भावनाएं. कई बार लोग अपनी दिक्कतों से इतने तंग आ जाते हैं कि उन्हें आगे का कोई राह नजर नहीं आता है. उन्हें लगने लगता है कि वह जिंदगी और हालात से पैदा हुई चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएंगे.