कांकेर: कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में छत्तीसगढ़ के कई स्टूडेंट्स राजस्थान के कोटा में फंसे हुए थे, जिन्हें वापस लाया गया है. वहीं बस्तर संभाग में रहने वाले स्टूडेंट्स को क्वॉरेंटाइन सेंटर में तय अवधि होने से पहले ही उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया. कांकेर के क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए इन स्टूडेंट्स के रूकने की व्यवस्था की गई थी. वहीं 7 दिनों में ही उन्हें जगदलपुर रवाना कर दिया गया है. इसके साथ ही कांकेर जिला प्रशासन समय से पहले स्टूडेंट्स को भेजने का कारण स्पष्ट नहीं कर पा रहा है.
बता दें कि ऐसे स्टूडेंट्स जो राजस्थान के कोटा में पढ़ाई के लिए गए हुए हैं, वह लॉकडाउन होने की वजह से वहां फंसे हुए थे. इन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने राज्य सरकार से अपने बच्चों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए मदद मांगी थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आपदा मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स को वापस लाने का जिम्मा लिया और राजधानी रायपुर से बसें कोटा भेजी गईं. जहां से प्रदेश के सभी बच्चों को लाया गया. वहीं इन स्टूडेंट्स के लिए प्रदेश के कई जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए, जहां इनके स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इन्हें 14 दिनों के लिए रखा जाना था.
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बस्तर के भानपुरी में मिले संदिग्ध
सोमवार को बस्तर जिले के भानपुरी में चैकिंग के दौरान दो लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं. IGM टेस्ट में कोरोना के लक्षण दिखने के बाद दोनों को संदिग्ध मानते हुए मेडिकल कॉलेज डिमरापाल लाया गया. वहीं टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद ही किसी बात की पुष्टि की जाएगी. फिलहाल दोनों को डिमरापाल अस्पताल में क्वॉरेंटाइन किया गया है. संदिग्धों में एक कोंडागांव जिले के कोरमेल गांव का रहने वाला है, दूसरा संदिग्ध अहमदाबाद का है जो इलाज के दौरान बाहर गया हुआ था.