ETV Bharat / state

नारायणपुर जिला में शामिल करने की मांग, कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा - kanker news

कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने शनिवार को 8 पंचायतों के 68 गांवों को नारायणपुर जिला में शामिल करने को लेकर अंतागढ़ में धरना-प्रदर्शन किया.

Villagers of Koylibeda area opened front
कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
author img

By

Published : Aug 21, 2021, 11:05 PM IST

कांकेर : आदिवासी बाहुल्य कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने शनिवार को अंतागढ़ में धरना-प्रदर्शन (Protest) किया. उनकी मांग है कि 18 पंचायतों के 68 गांवों को नारायणपुर जिला में शामिल किया जाये. क्योंकि कोयलीबेड़ा से कांकेर जिला मुख्यालय करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है. जबकि नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी महज 65 किलोमीटर है. नारायणपुर जिले में शामिल होने से यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने जाने का खर्च कम पड़ेगा और समय की बचत होगी.

कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

नारायणपुर में शामिल होने के कई फायदे गिनाए

धरना-प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने नारायणपुर जिला में शामिल होने के कई फायदे गिनाए. कहा कि पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण कोयलीबेड़ा इलाके में आज तक आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक कॉलेज तक नहीं खोला गया है. अंदरूनी गांवों में हालत और भी खराब है. बरसात के दिनों में ज्यादातर गांव अलग थलग हो जाता है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आवाज अनसुनी कर दी गई, तो उग्र आंदोलन करेंगे. इसकी जवाबदेही सरकार की होगी.

चार दिन पहले भी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे ग्रामीण

बता दें कि चार दिन पहले ही कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा अंतर्गत 18 पंचायतों के 68 गांव के जनप्रतिनिधि एकजुट होकर कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. वहां इन सभी ने 68 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल करने की पुरजोर मांग की थी.

कांकेर : आदिवासी बाहुल्य कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने शनिवार को अंतागढ़ में धरना-प्रदर्शन (Protest) किया. उनकी मांग है कि 18 पंचायतों के 68 गांवों को नारायणपुर जिला में शामिल किया जाये. क्योंकि कोयलीबेड़ा से कांकेर जिला मुख्यालय करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है. जबकि नारायणपुर जिला मुख्यालय की दूरी महज 65 किलोमीटर है. नारायणपुर जिले में शामिल होने से यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने जाने का खर्च कम पड़ेगा और समय की बचत होगी.

कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

नारायणपुर में शामिल होने के कई फायदे गिनाए

धरना-प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने नारायणपुर जिला में शामिल होने के कई फायदे गिनाए. कहा कि पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण कोयलीबेड़ा इलाके में आज तक आदिवासी बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक कॉलेज तक नहीं खोला गया है. अंदरूनी गांवों में हालत और भी खराब है. बरसात के दिनों में ज्यादातर गांव अलग थलग हो जाता है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आवाज अनसुनी कर दी गई, तो उग्र आंदोलन करेंगे. इसकी जवाबदेही सरकार की होगी.

चार दिन पहले भी कलेक्ट्रेट पहुंचे थे ग्रामीण

बता दें कि चार दिन पहले ही कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा अंतर्गत 18 पंचायतों के 68 गांव के जनप्रतिनिधि एकजुट होकर कांकेर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. वहां इन सभी ने 68 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल करने की पुरजोर मांग की थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.