ETV Bharat / state

53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का व्यापारियों और सर्व समाज ने किया विरोध

author img

By

Published : Aug 17, 2021, 1:28 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 2:32 PM IST

53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने के प्रयास को लेकर नगर में विरोध दर्ज कराया गया. सोमवार को सर्व समाज के लोगों ने गोंडवाना भवन में एकत्रित होकर इसका जमकर विरोध किया. सभी ने एक मत से कहा कि यदि सरकार इस पर तत्काल रोक नहीं लगाएगी तो सर्व समाज बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा.

narayanpur-district
व्यपारियों और सर्व समाज का विरोध

कांकेर: बस्तर संभाग के जिलों के कई गांवों को दूसरे जिले में जोड़ने को लेकर कमिश्नर के द्वारा प्रस्तावित परिसीमन तैयार किया गया है. इसमें कांकेर जिले के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में जोड़ने की खबर फैलते ही राजनीति गर्मा गई है. क्षेत्र के व्यापारी और सर्व सामाज के लोग विरोध कर रहे हैं. गोंडवाना भवन में सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए और इस प्रस्तावित परिसीमन का विरोध किया. समाज की मांग है कि सरकार इस पर तत्काल रोक लगाए. ऐसा नहीं होने पर सर्व समाज ने आंदोलन की चेतावनी दी है. प्रस्तावित परिसीमन को लेकर 17 अगस्त को मुख्यमंत्री की वर्चुअल बैठक होने वाली थी. विरोध को देखते यह बैठक निरस्त किया गया.

कांकेर जिले के 53 गांव को नारायणपुर जिला में मिलाने के लिए प्रस्तावित किया गया है. ये वहीं गांव है जिसके आसपास रावघाट खदान क्षेत्र है. इसकी जानकारी मिलते ही समाज, प्रमुख व्यवसायी, युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों, भानुप्रतापपुर के गोंडवाना भवन में एकत्र हुए और रणनीति तैयार की गई.

व्यापारियों और सर्व समाज ने किया विरोध

गोंडवाना समाज के जिला अध्यक्ष मानक दरपट्टी ने कहा कि 'दल्ली राजहरा से रावघाट तक के आने वाले भविष्य का सपना क्षेत्रवासियों ने देखा था. हजारों किसानों ने अपनी जमीन को अधिग्रहण करने सहमति दी थी. ताकि आने वाले समय में उनकी पीढ़ी के लिए ये क्षेत्र जीवनदायिनी साबित हो. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने अपनी जमीन दी थी. लेकिन जिस तरह से बस्तर कमिश्नर और IG की तरफ से गुपचुप तरीके से प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. यह बहुत ही निंदनीय है. जिसका हम विरोध करते हैं. हम चेतावनी देते हैं कि बस्तर शांत है. उसे अशांत करने की स्थिति पैदा नहीं किया जाए. हम किसी भी हाल में होने नहीं होने देंगे'.

जशपुर में हाथियों का आतंक: शौच के लिए जा रहे युवक को कुचला, एक दिन पहले चलती बाइक से खींचकर महिला की ली थी जान

जिन 53 गांवों को नारायणपुर में शामिल किया जा रहा है उन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा होने पर मुख्यालय 100 से 120 किलोमीटर दूर पड़ता है. किसी भी काम के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ेगी. जिला मुख्यालय के चक्कर काटने में 2 से 3 दिन लग जाएंगे. दल्लीराजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने में क्षेत्र के लोगों ने अपनी जमीन दी है. जब उत्खनन का समय आ गया तो यहां के गांव को और रावघाट परियोजना को नारायणपुर जिले में शामिल करने का षड़यंत्र किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कांकेर जिले के 53 गांव को नारायणपुर में शामिल करने का प्रस्ताव निंदनीय है.

53 गांव को नारायणपुर में शामिल करने प्रस्ताव

रावघाट थाने के 25 गांव- मुरपाल, मड़पा, कोलर, पांढ़रगांव, कंदाड़ी, बैहासालेभाट, अजरेल, रेकाबेड़ा, फुलपाड़, छोटे जैतपुरी, डांगरा, गोटीन डांगरा, पलाकसा, भैंसगांव, कुम्हारी, आतुरबेड़ा, पोटेबेड़ा, निबरा, कोहका, छिंदभांट, वर्चे, कोगाली, ददमपारा, इरकादंड और चापनहूर शामिल है.

आमाबेड़ा थाने के 27 गांव- आलानार, तमोर्रा, कोटकोरो, पिपरा, बंडापाल, कोहबेड़ा, किसकोड़ो, मुल्ले, देवगांव, हुचाड़ी, कोटेकुरसई, राये, टेकापानी, गवाड़ी, चपई, गड़दा, कुदुरपाल, घोटिया, करमरी, कोंगेरा, मेचानार, तेलंगा, मातला-ब, पालरमेटा, बेरतानार, बुड़ाकुरसई और अलईनार शामिल है. जबकि तोड़ोकी थाने का एकमात्र गांव तालाबेड़ा भी शामिल है.

कांकेर: बस्तर संभाग के जिलों के कई गांवों को दूसरे जिले में जोड़ने को लेकर कमिश्नर के द्वारा प्रस्तावित परिसीमन तैयार किया गया है. इसमें कांकेर जिले के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में जोड़ने की खबर फैलते ही राजनीति गर्मा गई है. क्षेत्र के व्यापारी और सर्व सामाज के लोग विरोध कर रहे हैं. गोंडवाना भवन में सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए और इस प्रस्तावित परिसीमन का विरोध किया. समाज की मांग है कि सरकार इस पर तत्काल रोक लगाए. ऐसा नहीं होने पर सर्व समाज ने आंदोलन की चेतावनी दी है. प्रस्तावित परिसीमन को लेकर 17 अगस्त को मुख्यमंत्री की वर्चुअल बैठक होने वाली थी. विरोध को देखते यह बैठक निरस्त किया गया.

कांकेर जिले के 53 गांव को नारायणपुर जिला में मिलाने के लिए प्रस्तावित किया गया है. ये वहीं गांव है जिसके आसपास रावघाट खदान क्षेत्र है. इसकी जानकारी मिलते ही समाज, प्रमुख व्यवसायी, युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों, भानुप्रतापपुर के गोंडवाना भवन में एकत्र हुए और रणनीति तैयार की गई.

व्यापारियों और सर्व समाज ने किया विरोध

गोंडवाना समाज के जिला अध्यक्ष मानक दरपट्टी ने कहा कि 'दल्ली राजहरा से रावघाट तक के आने वाले भविष्य का सपना क्षेत्रवासियों ने देखा था. हजारों किसानों ने अपनी जमीन को अधिग्रहण करने सहमति दी थी. ताकि आने वाले समय में उनकी पीढ़ी के लिए ये क्षेत्र जीवनदायिनी साबित हो. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने अपनी जमीन दी थी. लेकिन जिस तरह से बस्तर कमिश्नर और IG की तरफ से गुपचुप तरीके से प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. यह बहुत ही निंदनीय है. जिसका हम विरोध करते हैं. हम चेतावनी देते हैं कि बस्तर शांत है. उसे अशांत करने की स्थिति पैदा नहीं किया जाए. हम किसी भी हाल में होने नहीं होने देंगे'.

जशपुर में हाथियों का आतंक: शौच के लिए जा रहे युवक को कुचला, एक दिन पहले चलती बाइक से खींचकर महिला की ली थी जान

जिन 53 गांवों को नारायणपुर में शामिल किया जा रहा है उन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा होने पर मुख्यालय 100 से 120 किलोमीटर दूर पड़ता है. किसी भी काम के लिए काफी दूरी तय करनी पड़ेगी. जिला मुख्यालय के चक्कर काटने में 2 से 3 दिन लग जाएंगे. दल्लीराजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने में क्षेत्र के लोगों ने अपनी जमीन दी है. जब उत्खनन का समय आ गया तो यहां के गांव को और रावघाट परियोजना को नारायणपुर जिले में शामिल करने का षड़यंत्र किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कांकेर जिले के 53 गांव को नारायणपुर में शामिल करने का प्रस्ताव निंदनीय है.

53 गांव को नारायणपुर में शामिल करने प्रस्ताव

रावघाट थाने के 25 गांव- मुरपाल, मड़पा, कोलर, पांढ़रगांव, कंदाड़ी, बैहासालेभाट, अजरेल, रेकाबेड़ा, फुलपाड़, छोटे जैतपुरी, डांगरा, गोटीन डांगरा, पलाकसा, भैंसगांव, कुम्हारी, आतुरबेड़ा, पोटेबेड़ा, निबरा, कोहका, छिंदभांट, वर्चे, कोगाली, ददमपारा, इरकादंड और चापनहूर शामिल है.

आमाबेड़ा थाने के 27 गांव- आलानार, तमोर्रा, कोटकोरो, पिपरा, बंडापाल, कोहबेड़ा, किसकोड़ो, मुल्ले, देवगांव, हुचाड़ी, कोटेकुरसई, राये, टेकापानी, गवाड़ी, चपई, गड़दा, कुदुरपाल, घोटिया, करमरी, कोंगेरा, मेचानार, तेलंगा, मातला-ब, पालरमेटा, बेरतानार, बुड़ाकुरसई और अलईनार शामिल है. जबकि तोड़ोकी थाने का एकमात्र गांव तालाबेड़ा भी शामिल है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 2:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.