कांकेर : धान खरीदी केंद्र में हो रही असुविधाओं को लेकर किसानों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी है. किसानों का कहना है कि धान खरीदी की लिमिट नहीं बढ़ाने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. जानकारी के मुताबिक धान खरीदी केंद्र में परिवहन से लेकर धान बेचने तक किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में आधे से ज्यादा धान परलकोट क्षेत्र से खरीदा जाता है.
किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हर धान खरीदी केंद्र में खरीदी की लिमिट बहुत कम कर दी है. सोमवार सुबह पखांजूर आदिम जाति सेवा सहकारिता समिति की संचालित इन्द्रप्रस्थ धान खरीदी केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया. समिति प्रबंधक संतराम वर्मा जब इन्द्रप्रस्थ खरीदी केंद्र पहुंचे तो किसानों ने प्रबंधक को घेरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
1 दिसंबर से खरीदी शुरू की गई है और सप्ताह में शनिवार और रविवार के अवकाश के बाद 5 दिन 395 क्विंटल धान लिमिट के अनुसार खरीदी की जाती है. ऐसे में 30 हजार क्विंटल के रकबा की खरीदी 392 क्विंटल रोजाना के हिसाब से हो पाना लगभग नामुमकिन है.
पहले 1000 क्विंटल थी लिमिट
पिछले साल की लिमिट 1000 क्विंटल के हिसाब से तय की गई थी, लेकिन इस साल 30 हजार के रकबे वाले खरीदी केंद्र में रोजाना 392 क्विंटल खरीदी का लिमिट तय कर दी गई है, जिसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि धान को कब तक घर में रख सकते हैं इसी धान के पैसे से बच्चों की पढ़ाई की फीस, बेटी की शादी की जाती है.