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कांकेर : धान खरीदी में हो रही दिक्कतों से किसान हो रहे परेशान, सरकार को दी चेतावनी

धान बेचने में हो रही परेशानियों को लेकर किसानों ने प्रदेश सरकार को प्रदर्शन की चेतावनी दी है.

farmers of Kanker towards the state government.
प्रदेश सरकार को किसानों की चेतावनी
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Published : Dec 16, 2019, 11:36 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 11:53 PM IST

कांकेर : धान खरीदी केंद्र में हो रही असुविधाओं को लेकर किसानों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी है. किसानों का कहना है कि धान खरीदी की लिमिट नहीं बढ़ाने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. जानकारी के मुताबिक धान खरीदी केंद्र में परिवहन से लेकर धान बेचने तक किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में आधे से ज्यादा धान परलकोट क्षेत्र से खरीदा जाता है.

धान खरीदी में हो रही दिक्कतों से किसान हो रहे परेशान

किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हर धान खरीदी केंद्र में खरीदी की लिमिट बहुत कम कर दी है. सोमवार सुबह पखांजूर आदिम जाति सेवा सहकारिता समिति की संचालित इन्द्रप्रस्थ धान खरीदी केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया. समिति प्रबंधक संतराम वर्मा जब इन्द्रप्रस्थ खरीदी केंद्र पहुंचे तो किसानों ने प्रबंधक को घेरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

1 दिसंबर से खरीदी शुरू की गई है और सप्ताह में शनिवार और रविवार के अवकाश के बाद 5 दिन 395 क्विंटल धान लिमिट के अनुसार खरीदी की जाती है. ऐसे में 30 हजार क्विंटल के रकबा की खरीदी 392 क्विंटल रोजाना के हिसाब से हो पाना लगभग नामुमकिन है.

पहले 1000 क्विंटल थी लिमिट
पिछले साल की लिमिट 1000 क्विंटल के हिसाब से तय की गई थी, लेकिन इस साल 30 हजार के रकबे वाले खरीदी केंद्र में रोजाना 392 क्विंटल खरीदी का लिमिट तय कर दी गई है, जिसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि धान को कब तक घर में रख सकते हैं इसी धान के पैसे से बच्चों की पढ़ाई की फीस, बेटी की शादी की जाती है.

कांकेर : धान खरीदी केंद्र में हो रही असुविधाओं को लेकर किसानों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी है. किसानों का कहना है कि धान खरीदी की लिमिट नहीं बढ़ाने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. जानकारी के मुताबिक धान खरीदी केंद्र में परिवहन से लेकर धान बेचने तक किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले में आधे से ज्यादा धान परलकोट क्षेत्र से खरीदा जाता है.

धान खरीदी में हो रही दिक्कतों से किसान हो रहे परेशान

किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने हर धान खरीदी केंद्र में खरीदी की लिमिट बहुत कम कर दी है. सोमवार सुबह पखांजूर आदिम जाति सेवा सहकारिता समिति की संचालित इन्द्रप्रस्थ धान खरीदी केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया. समिति प्रबंधक संतराम वर्मा जब इन्द्रप्रस्थ खरीदी केंद्र पहुंचे तो किसानों ने प्रबंधक को घेरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.

1 दिसंबर से खरीदी शुरू की गई है और सप्ताह में शनिवार और रविवार के अवकाश के बाद 5 दिन 395 क्विंटल धान लिमिट के अनुसार खरीदी की जाती है. ऐसे में 30 हजार क्विंटल के रकबा की खरीदी 392 क्विंटल रोजाना के हिसाब से हो पाना लगभग नामुमकिन है.

पहले 1000 क्विंटल थी लिमिट
पिछले साल की लिमिट 1000 क्विंटल के हिसाब से तय की गई थी, लेकिन इस साल 30 हजार के रकबे वाले खरीदी केंद्र में रोजाना 392 क्विंटल खरीदी का लिमिट तय कर दी गई है, जिसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि धान को कब तक घर में रख सकते हैं इसी धान के पैसे से बच्चों की पढ़ाई की फीस, बेटी की शादी की जाती है.

Intro:ऐंकर - धान खरीदी केंद्र में किसानों ने दी राज्य सरकार को चेतावनी।रोजाना खरीदी की लिमिट नही बढ़ाने पर करेंगे विरोध प्रदर्शन।धान खरीदी केंद्र में धान बेचने को लेकर किसानों की परेशानी बढ़ी।बतादे की कांकेर जिले के आधे से ज्यादा धान परलकोट क्षेत्र से शासन द्वारा खरीदी किया जाता है।इस वर्ष अति बारिश होने के चले किसान पहले ही परेशान हैं एवं किसानों को धान के फसल में बोहत घाटे हुए हैं वही किसान हितैषी भूपेश बघेल की सरकार ने धान खरीदी 15 दिन लेट से सुरु किया जिसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ा है।Body:बतादे के राज्य सरकार ने हर धान खरीदी केंद्र में खरीदी का लिमिट बोहत कम कर दिया है आज सुबह पखांजूर आदिम जाति सेवा सहकारिता समिति द्वारा संचालित इन्द्रप्रस्थ धान खरीदी केंद्र में किसानों ने जमकर हंगामा किया।समिति प्रबंधक संतराम वर्मा जब इन्द्रप्रस्थ खरीदी केंद्र पहुंचे तो किसानों ने प्रबंधक को घेर कर बुरा भला बताते हुए विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।इन्द्रप्रस्थ में कुल किसानों के8 रकबा करिवन 30,000 क्विंटल की है एवं 1 दिसंबर से खरीदी शुरू किया गया है एवं हप्ताह में शनिवार एवं रविवार के अवकाश के बाद 5 दिन 395 क्विंटल धान लिमिट के अनुसार खरीदी किया जाता हैं 30,हजार क्विंटल की रकबा की खरीदी 392 क्विंटल रोजाना के हिसाब से 4 से 5 माह तक खरीदी करने पर 30 हजार क्विंटल की खरीदी किया जा सकता है।

रोजाना पिछले साल की लिमिट 1000 क्विंटल के हिसाव से किया गया था मगर इस वर्ष किसान हितैषी भूपेश बघेल की सरकार ने 30 हजार के रकवा बाले खरीदी केंद्र में रोजाना 392 क्विंटल खरीदी का लिमिट दिया है जिसके चलते किसानों की परेशानियां बढ़ा दी है किसानों का कहना है कि धान को कब तक घर में रख सकते हैं इसी धान के पैसे से बच्चों की पढ़ाई का फीस बेटी की शादी एवं रवि फसल में मक्का की खेती किया जाता हैं अगर राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी की लिमिट बढ़ाया नहीं जाएगा तो किसान मजबूर हो कर धरना प्रदर्शन चक्का जाम करने में मजबूर होगी।

वही धान खरीदी लिमिट मामले में पखांजूर समिति प्रबंधक संतराम वर्मा ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियम अनुसार ही खरीदी किया जायेगा,अगर राज्य सरकार खरीदी की लिमिट बढ़ाती हैं तो तत्काल खरीदी का लिमिट बढ़ा दिया जाएगा।अभी तो कंप्यूटर की खरीदी साफ्टवेयर में लिमिट से 10 ग्राम धान भी ज्यादा खरीदी नही किया जा सकता है।Conclusion:अव देखने वाली बात ये होगी कि किसान हितैषी भूपेश बघेल की सरकार किसानों के मेहनत की धान का फसल खरीदी का लिमिट बढ़ाता है या नहीं।

बाइट - निरंजन पांडे(किसान)सफेद दोपट्टा गले में

बाइट - शसान मंडल(किसान)चेक शार्ट गले मे ताबीज लटक रहा है

बाइट - निमाई बाइन(किसान)चेक शार्ट

बाइट - इंद्रजीत बिस्वास(फड़ प्रभारी इन्द्रप्रस्थ)चॉकलेटी रंग के शार्ट

बाइट - संतराम वर्मा(समिति प्रबंधक)आसमानी रंग में सफेद लाइनिंग शार्ट

रिपोर्टर - देबाशीष बिस्वास पखांजूर 7587849010,6266609661
Last Updated : Dec 16, 2019, 11:53 PM IST
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