पखांजूर/ कांकेर: जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक के सभी प्राइमरी स्कूलों में परीक्षा में प्रश्नपत्र कम मिलने का मामला सामने आया है. सोमवार को शासकीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हुई थी. सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर परीक्षा देने सभी छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे, लेकिन जब टीचरों ने परीक्षा शुरू करने के लिए लिफाफे में बंद प्रश्नपत्रों को खोला तो, पाया की प्रश्नपत्र छात्रों की संख्या के हिसाब से कम हैं.
बच्चों को भुगतना पड़ा खामियाजा
टीचर ने प्रश्नपत्र कम होने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को दी, जिसके बाद अधिकारियों ने प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी करा कर कमी पूर्ति करने को कहा. लेकिन कुछ स्कूलों के आस-पास फोटोकॉपी करने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ये भी न हो सका. जिसके बाद स्कूल के टीचरों को ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा लेने का निर्देश दिया गया. जिसकी वजह से परीक्षा देने में निर्धारित समय से ज्यादा देर हो गई. जिसका खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ा.
सभी विषयों के प्रश्नपत्र में कमी
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह सरपे ने बताया कि जिले से ही हर लिफाफे में प्रश्नपत्र कम आया है. सोमवार से परीक्षा होने की वजह से तत्काल प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी कर कमी को पूरा किया गया है. जिस स्कूलों में फोटोकॉपी करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख कर ब्लैंक पेपर पर छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेने का आदेश दिया गया है. सभी विषय के प्रश्नपत्र कम आए हैं, इसलिए बाकी के सभी विषयों की परीक्षा भी इसी प्रकार से ली जाएगी.
छात्र-छात्राओं का पूरा ब्योरा
गौर करने की बात ये है कि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा में प्रश्नपत्र बनाने की जिम्मेदारी SCERT निभा रहा है. जबकि पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या शाला प्रवेश के वक्त सभी का ब्योरा खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा विभाग को भेजते हैं. जब सभी दर्ज छात्र-छात्राओं का ब्योरा शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध है तो प्रश्नपत्र कैसे कम पड़ सकते हैं ?