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कैसी है ये शिक्षा व्यवस्था: छमाही परीक्षा के प्रश्नपत्र में हुई कमी, बच्चों को भुगतना पड़ा खामियाजा - kanker pakhanjur school news

कांकेर के पखांजूर में शिक्षा विभाग की अंधेरगर्दी स्कूली बच्चों के भविष्य पर भारी पड़ रही है. यहां के कई स्कूलों में परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों की कमी हो गई. इलाके के कई स्कूलों में कई क्लास के लिए सिर्फ 1 प्रश्न पत्र की कॉपी पहुंची. ऐसे में छात्र-छात्राएं फोटो स्टेट कॉपी के जरिए परीक्षा देने को मजबूर रहे.

kanker school news
बच्चों को भुगतना पड़ा खामियाजा
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Published : Dec 9, 2019, 10:30 PM IST

पखांजूर/ कांकेर: जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक के सभी प्राइमरी स्कूलों में परीक्षा में प्रश्नपत्र कम मिलने का मामला सामने आया है. सोमवार को शासकीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हुई थी. सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर परीक्षा देने सभी छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे, लेकिन जब टीचरों ने परीक्षा शुरू करने के लिए लिफाफे में बंद प्रश्नपत्रों को खोला तो, पाया की प्रश्नपत्र छात्रों की संख्या के हिसाब से कम हैं.

परीक्षा में प्रश्नपत्र में हुई कमी

बच्चों को भुगतना पड़ा खामियाजा
टीचर ने प्रश्नपत्र कम होने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को दी, जिसके बाद अधिकारियों ने प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी करा कर कमी पूर्ति करने को कहा. लेकिन कुछ स्कूलों के आस-पास फोटोकॉपी करने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ये भी न हो सका. जिसके बाद स्कूल के टीचरों को ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा लेने का निर्देश दिया गया. जिसकी वजह से परीक्षा देने में निर्धारित समय से ज्यादा देर हो गई. जिसका खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ा.

सभी विषयों के प्रश्नपत्र में कमी
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह सरपे ने बताया कि जिले से ही हर लिफाफे में प्रश्नपत्र कम आया है. सोमवार से परीक्षा होने की वजह से तत्काल प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी कर कमी को पूरा किया गया है. जिस स्कूलों में फोटोकॉपी करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख कर ब्लैंक पेपर पर छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेने का आदेश दिया गया है. सभी विषय के प्रश्नपत्र कम आए हैं, इसलिए बाकी के सभी विषयों की परीक्षा भी इसी प्रकार से ली जाएगी.

छात्र-छात्राओं का पूरा ब्योरा
गौर करने की बात ये है कि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा में प्रश्नपत्र बनाने की जिम्मेदारी SCERT निभा रहा है. जबकि पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या शाला प्रवेश के वक्त सभी का ब्योरा खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा विभाग को भेजते हैं. जब सभी दर्ज छात्र-छात्राओं का ब्योरा शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध है तो प्रश्नपत्र कैसे कम पड़ सकते हैं ?

पखांजूर/ कांकेर: जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक के सभी प्राइमरी स्कूलों में परीक्षा में प्रश्नपत्र कम मिलने का मामला सामने आया है. सोमवार को शासकीय स्कूलों में अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हुई थी. सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर परीक्षा देने सभी छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचे, लेकिन जब टीचरों ने परीक्षा शुरू करने के लिए लिफाफे में बंद प्रश्नपत्रों को खोला तो, पाया की प्रश्नपत्र छात्रों की संख्या के हिसाब से कम हैं.

परीक्षा में प्रश्नपत्र में हुई कमी

बच्चों को भुगतना पड़ा खामियाजा
टीचर ने प्रश्नपत्र कम होने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी को दी, जिसके बाद अधिकारियों ने प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी करा कर कमी पूर्ति करने को कहा. लेकिन कुछ स्कूलों के आस-पास फोटोकॉपी करने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ये भी न हो सका. जिसके बाद स्कूल के टीचरों को ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा लेने का निर्देश दिया गया. जिसकी वजह से परीक्षा देने में निर्धारित समय से ज्यादा देर हो गई. जिसका खामियाजा यहां पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ा.

सभी विषयों के प्रश्नपत्र में कमी
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह सरपे ने बताया कि जिले से ही हर लिफाफे में प्रश्नपत्र कम आया है. सोमवार से परीक्षा होने की वजह से तत्काल प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी कर कमी को पूरा किया गया है. जिस स्कूलों में फोटोकॉपी करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख कर ब्लैंक पेपर पर छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेने का आदेश दिया गया है. सभी विषय के प्रश्नपत्र कम आए हैं, इसलिए बाकी के सभी विषयों की परीक्षा भी इसी प्रकार से ली जाएगी.

छात्र-छात्राओं का पूरा ब्योरा
गौर करने की बात ये है कि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा में प्रश्नपत्र बनाने की जिम्मेदारी SCERT निभा रहा है. जबकि पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या शाला प्रवेश के वक्त सभी का ब्योरा खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा विभाग को भेजते हैं. जब सभी दर्ज छात्र-छात्राओं का ब्योरा शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध है तो प्रश्नपत्र कैसे कम पड़ सकते हैं ?

Intro:पखांजूर से देबाशीष बिस्वास की रिपोर्ट.

ऐंकर - कोयलीबेड़ा ब्लाक के सभी प्राथमिक शालाओं में प्रश्नपत्र कम मिलने की मामला सामने आया है।बतादे की आज दिनांक से शासकीय स्कूलों में छमाही परीक्षा सुरु हुई हैं सुबह 9 बजे निर्धारित समय पर परीक्षा देने सभी छात्र छात्राएं स्कूल भी पहुंचे।मगर जब शिक्षकों द्वारा छात्रों की परीक्षा लेने लिफाफों में बंद प्रश्नपत्र उत्तर पुस्तिका खोला गया तो स्कूल में दर्ज छात्रों से कम पाया गया।शिक्षक द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी को प्रश्नपत्र कम होने के सूचना मिलने पर अधिकारियों द्वारा तत्काल प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी कर प्रश्नपत्रों की कमी पूर्ति किया गया है बही जहा जहा स्कूलों के आस पास फोटोकॉपी करने की व्यवस्था नहीं है उन स्कूलों के शिक्षकों को क्लास में ब्लाक बोर्ड में लिख कर छात्रों को ब्लेंक पेपर पर परीक्षा लेने को आदेशित किया गया है इस प्रक्रिया में परीक्षा देने की निर्धारित समय से घंटो देर हो गई,इसका खामियाजा शासकीय स्कूलों में पड़ने वाले छात्र छात्राओं को भुगतना पड़ा है।Body:सोचने वाली बात तो ये है कि छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय स्कूलों में पड़ने वाले छात्र छात्राओं की परीक्षा में उपयोग करने वाले प्रश्नपत्र बनाने का जिम्मेदारी S C E R T निभा रहे हैं जबकि पूरे छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की दर्ज शंख्या खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जिला शिक्षा विभाग में शाला प्रवेश के दौरान सम्पूर्ण छात्र छात्राओं की व्योरा भेजा गया है जब सम्पूर्ण दर्ज छात्र छात्राओं की व्योरा शिक्षा विभाग के पास उपलब्ध हैं तो प्रश्नपत्रों कैसे कम पड़ सकते हैं सारे बातो से विभाग की लापरवाही ही उजागर हो गया है

बहि खंड शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंग सरपे ने बताया कि जिले से ही हर लिफाफे में प्रश्नपत्र कम आया है आज से ही परीक्षा होने के चलते तत्काल प्रश्नपत्रों को फोटोकॉपी कर कमी को पूरा किया गया है एवं जिस स्कूलों में फोटोकॉपी करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है बहा ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख कर ब्लेंक पेपर पर छात्र छात्राओं की परीक्षा लेने की आदेश दिया गया है।सभी बिषय की प्रश्नपत्रों कम आया है बाकी के सभी विषयों की परीक्षा भी इस प्रकार से लिया जायेगा।
Conclusion:अव देखने वाली बात तो ये होगी कि अभी तो अर्धवार्षिक परीक्षा लिया जा रहा है लापरवाह शिक्षा विभाग बार्षिक परीक्षा में भी यही गलती दोहराते है या बार्षिक परीक्षा में बाटे जाने वाले प्रश्नपत्रों को दर्ज छात्र छात्राओं के आंकड़े पर बनाया जाता हैं क्योंकि प्रश्नपत्रों को सुरक्षित रखने के लिए बंद लिफाफे में ही स्कूल तक भेजा जाता हैं।


बाइट - राम बाई नायक(हेडमास्टर प्राथमिक शाला पखांजूर कैम्प)साड़ी में है महिला।

बाइट - सतीश कैमरों(प्रभारी हेडमास्टर प्राथमिक शाला pv55)ब्लाक सफेद चेक शार्ट

बाइट - अर्जुन सिंह सरपे(खंड शिक्षा अधिकारी कोयलीबेड़ा) सफेद शार्ट पर ब्लाक कोट

रिपोर्टर - देबाशीष बिस्वास पखांजूर 7587849010,6266609661

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