कांकेर: कटघोरा वन परिक्षेत्र में बांस कटाई के मामले में अपने सीनियर अफसरों को फटकार लगाने वाले बीट गार्ड की हर तरफ लोग सराहना कर रहे हैं. इस मामले में ETV भारत ने नवनियुक्त संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी से बातचीत की. शिशुपाल शोरी ने इस मामले में जांच के पहले कुछ भी कहने को जल्दबाजी करना बताया है.
शिशुपाल शोरी ने कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी उन्हें नहीं है, लेकिन यदि वन विभाग के अधिकारी बिना आदेश के अवैध तरीके से कटाई करा रहे थे. उन्हें अगर बीट गार्ड ने रोककर फटकार लगाई है और कार्रवाई की है, तो उसकी तारीफ करनी चाहिए, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि कई बार कनिष्ठ कर्मचारी अपने अधिकारियों को फंसाने के लिए भी इस तरह की हरकत कर जाते हैं.
दोषी अधिकारी या कर्मचारी पर होगी कार्रवाई
शिशुपाल शोरी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. इसमें जो भी दोषी अधिकारी या कर्मचारी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी. शिशुपाल शोरी ने आगे कहा कि विभागीय जांच के आदेश हो चुके हैं. जल्द ही पूरा मामला साफ हो जाएगा. अगर रेंजर और डिप्टी रेंजर ने गलती की है, तो उनको बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही DFO ने मामले के मद्देनजर जांच के आदेश दिए हैं.
बांस कटाई मामला: DFO ने दिए जांच के आदेश, रेंजर का फोन बंद, बीट गार्ड ने साधी चुप्पी
बांस की कटाई को लेकर हुई कार्रवाई
बता दें कि शुक्रवार की सुबह बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे अपने क्षेत्र पहुंचे तो देखा कि बिना किसी वैधानिक आदेश के बांस की कटाई की जा रही है. फिर क्या था पहले तो बीट गार्ड ने मजदूरों से 11 नग कुल्हाड़ी, 365 नग बांस जब्त किया और फिर वन अधिनियम के तहत रेंजर, डिप्टी रेंजर, दूसरे बीट गार्ड रामकुमार यादव और 11 मजदूरों के खिलाफ केस भी बनाया.
बीट गार्ड शेखर रात्रे ने सीनियर को सिखाया कानून
इतना ही नहीं शेखर ने रेंजर मृत्युंजय सिंह और डिप्टी रेंजर को बिना आदेश बांस कटाई को लेकर खरी-खोटी सुनाई. ऐसा पहली बार हुआ होगा जब किसी कनिष्ठ ने अपने वरिष्ठ अधिकारी को ऐसा पाठ पढ़ाया होगा. बांस कटाई को लेकर जब सीनियर मृत्युंजय शर्मा नियम समझाने लगे तो बीट गार्ड शेखर रात्रे ने भी उन्हें कानून सिखा दिया.