कांकेर: प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक नरवा, गरुवा घुरवा और बाड़ी के तहत गांव-गांव में गौठान का निर्माण करवाया गया है. एक तरफ जहां देख-रेख के अभाव में शहर में बने गौठान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं, तो वहीं नरहरपुर ब्लॉक के श्रीगुहान गांव की गौठान आदर्श गौठान की मिसाल पेश कर रहा है. ग्राम पंचायत की पहल और महिला समूह की मेहनत से गौठान में कई तरह की सब्जियां उगाई जा रही हैं, जो ग्रामीण महिलाओं की आय का साधन बन चुका है. गौठान की 8 एकड़ जमीन में से 5 एकड़ में हरा कद्दू, लौकी, भिंडी, बैगन, बरबट्टी, टमाटर, जिमी कांदा, हल्दी, मक्का और करेला लगाया गया है.
बिहान कार्यक्रम से मिली मदद
बिहान कार्यक्रम के तहत महिलाओं को आजीविका से जोड़ने ग्राम पंचायत ने इसकी शुरुआत की. मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देकर ग्राम पंचायत ने पहले जमीन तैयार करवाई. ग्राम पंचायत की तरफ से बोर खनन भी करवाया गया है ताकि पानी की कोई कमी ना हो इसके साथ ही जिला पंचायत की तरफ से भी बोर की स्वीकृति दी गई है.
गौठान के साथ-साथ खेती भी
गोठान की 8 एकड़ जमीन में से 3 एकड़ में गौठान और 5 एकड़ में चारागाह है. चाराागाह की इसी जमीन पर अलग-अलग तरह की सब्जियां लगाई गई हैं. करीब ढाई एकड़ जमीन में सिर्फ कद्दू की खेती की गई है. गांव की ही महिला समूह ने यहां सब्जियां उगाईं और खुद ही इसकी देखरेख भी कर रही हैं. समूह की महिलाएं ही गांव के बाजारों में जाकर इन सब्जियों को बेचती हैं. गौठान में मक्का भी लगाया गया है, जिससे मक्के के साथ ही गोठान में रखे जाने वाले मवेशियों के चारे के भी काम आ रहा है.
लॉकडाउन का पड़ा असर
महिलाओं ने काफी मेहनत कर यहां सब्जियां लगाई हैं और इसकी देखभाल भी कर रही है लेकिन कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से 2 एकड़ में लगाए गए कद्दू खेत में ही पड़े हैं, जिसे लेकर यहां काम करने वाली महिलाएं चिंतित हैं.
लॉकडाउन के इस समय में श्रीगुहान पंचायत ने एक मिसाल पेश की है, जिससे अन्य गांव के पंचायत भी सीख लेकर इस कोरोना संकट के दौर में ग्रामीणों के लिए आय का साधन जुटा सकते हैं.