कोयलीबेड़ा ब्लॉक का पानीडोबर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. यहां नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना पर डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त फोर्स रवाना की गई थी. इसी दौरान गांव के नजदीक नक्सलियों के द्वारा मारे गए नक्सलियों की याद में स्मारक बना रखा था, जिसे जवानों ने जला दिया है.
फोर्स के बढ़ते दबाव
बता दें कि फोर्स के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं और ग्रामीणों को निशाना बना लगातार अपनी बौखलाहट दिखा रहे हैं. पुलिस द्वारा लगातार नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की जा रही है. इसके साथ ही भटके हुए युवाओं के परिजनों से भी अपने बच्चों को वापस बुलाने के लिए अभियान चला रखा है.
साथियों की याद में बनाते रहते है स्मारक
गौरतलब है कि नक्सली अक्सर अपने मारे गए साथियों की याद में इस तरह के स्मारक बनाते रहते हैं. इसके पहले भी इन इलाकों में कई बार नक्सलियों के द्वारा स्मारक बनाने के मामले सामने आते रहे हैं.
कांकेर : जवानों ने ध्वस्त किया नक्सलियों का स्मारक - Chhattisgarh news,
कांकेर : नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले पानीडोबर इलाके में डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी ने नक्सलियों द्वारा बनाए गए 10 फीट ऊंचे स्मारक को ध्वस्त कर दिया है.
कोयलीबेड़ा ब्लॉक का पानीडोबर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. यहां नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना पर डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त फोर्स रवाना की गई थी. इसी दौरान गांव के नजदीक नक्सलियों के द्वारा मारे गए नक्सलियों की याद में स्मारक बना रखा था, जिसे जवानों ने जला दिया है.
फोर्स के बढ़ते दबाव
बता दें कि फोर्स के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली बैकफुट पर हैं और ग्रामीणों को निशाना बना लगातार अपनी बौखलाहट दिखा रहे हैं. पुलिस द्वारा लगातार नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की जा रही है. इसके साथ ही भटके हुए युवाओं के परिजनों से भी अपने बच्चों को वापस बुलाने के लिए अभियान चला रखा है.
साथियों की याद में बनाते रहते है स्मारक
गौरतलब है कि नक्सली अक्सर अपने मारे गए साथियों की याद में इस तरह के स्मारक बनाते रहते हैं. इसके पहले भी इन इलाकों में कई बार नक्सलियों के द्वारा स्मारक बनाने के मामले सामने आते रहे हैं.
शैलेश ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार देश की पहली सरकार होगी जिसने पत्रकार सुरक्षा कानून लाने की पहल की कल की घटना से यह प्रमाणित हो गया है कि यह पहल कितनी आवश्यक थी कितनी जरूरी थी
शैलेश ने कहा कि निश्चित रूप से सरकार को बने एक महीना हुआ है लेकिन कल की घटना से स्पष्ट हो गया गया कि पत्रकार सुरक्षा कानून बहुत आवश्यक है हम इसके लाने के लिए संकल्पित है मंत्रिमंडल की होने वाली बैठक में इस बात को उठाया जाएगा और उस पर विचार किया जाएगा बजट सत्र के दौरान सदन में पत्रकार सुरक्षा का प्रस्ताव रखने पर विचार किया जा सकता है
बाइट शैलेश नितिन त्रिवेदी महामंत्री छत्तीसगढ़ कांग्रेस
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Conclusion: