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नियम के खिलाफ पदोन्नति को लेकर अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन - कांकेर न्यूज

कांकेर विधायक और संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी (MLA Shishupal Shorey) को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के सदस्यों ने ज्ञापन (memorandum) सौंपकर पदोन्नति में अनियमितता के खिलाफ जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि जिले में आरक्षित वर्गों के पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों को पदोन्नति (Promotion) दिया गया है. जिसकी जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.

Parliamentary Secretary Shishupal Shorey
संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी
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Published : Jun 15, 2021, 9:54 PM IST

कांकेरः छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के जिला अध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने विधायक शिशुपाल शोरी (MLA Shishupal Shorey) को ज्ञापन सौंपा है. जिलाध्यक्ष के साथ आए अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने विधायक को ज्ञापन (memorandum) सौंपकर अनियमितता के खिलाफ जांच की मांग की. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सेवक संघ ने संसदीय सचिव और विधायक शिशुपाल शोरी से यह शिकायत की है कि जिले में आरक्षित वर्गों के पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों को पदोन्नति दिया गया है. उनका आरोप है कि नियम विरुद्ध पदोन्नति दी गई है. ऐसे में जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

आंदोलन की चेतावनी

प्रदेश अध्यक्ष स्वदेश सिंह कोमरे ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST Category) के लोगों को पद्दोनती में आरक्षण (Reservation in promotion) नहीं मिल रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे चार चरणों में आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं. पहले चरण में सभी प्रतिनिधियों को आवेदन दिया जा रहा है. इसके बाद जून के अंतिम तिथि में मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा. तीसरे चरण में प्रदेशव्यापी वर्चुअल आंदोलन की जाएगी और इसके बाद भी कुछ नहीं होगा तो प्रदेश स्तरीय जनजाति वर्ग के लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. सवैधानिक रूप से वे आरक्षण में पदोन्नति का जो नियम है. उसे बहाल करने की मांग की जाएगी.

बीजापुरः ग्रामीणों ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

नियम विरुद्ध पदोन्नति के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जिलाध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने कहा कि जबतक उच्च न्यायालय (high Court) इस तरह आदेश को समाप्त नहीं कर देता. तबतक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरा जाना चाहिए. इसके साथ ही उक्त पदों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए. उनका कहना था कि जितने सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षित वर्ग (Reserved category) के पदों पर पदोन्नत किया गया है, उसे तत्काल पदोन्नति नियम 2003 एवं आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा के नियम 1998 और समय-समय पर जारी निर्देशों का उल्लंघन कर नियम विरुद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की. इस दौरान छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के उपाध्यक्ष राम प्रसाद नेताम, महेश मरकाम, शकुंतला ताराम, डॉक्टर एनके तारम मौजूद रहे. वहीं संसदीय सचिव और विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि अनुसूचित जनजाति सेवक के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा, वह पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे.

कांकेरः छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के जिला अध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने विधायक शिशुपाल शोरी (MLA Shishupal Shorey) को ज्ञापन सौंपा है. जिलाध्यक्ष के साथ आए अन्य अधिकारी कर्मचारियों ने विधायक को ज्ञापन (memorandum) सौंपकर अनियमितता के खिलाफ जांच की मांग की. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति सेवक संघ ने संसदीय सचिव और विधायक शिशुपाल शोरी से यह शिकायत की है कि जिले में आरक्षित वर्गों के पदों पर सामान्य वर्ग के लोगों को पदोन्नति दिया गया है. उनका आरोप है कि नियम विरुद्ध पदोन्नति दी गई है. ऐसे में जांच कर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

आंदोलन की चेतावनी

प्रदेश अध्यक्ष स्वदेश सिंह कोमरे ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग (ST Category) के लोगों को पद्दोनती में आरक्षण (Reservation in promotion) नहीं मिल रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे चार चरणों में आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं. पहले चरण में सभी प्रतिनिधियों को आवेदन दिया जा रहा है. इसके बाद जून के अंतिम तिथि में मुख्यमंत्री, राज्यपाल के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा. तीसरे चरण में प्रदेशव्यापी वर्चुअल आंदोलन की जाएगी और इसके बाद भी कुछ नहीं होगा तो प्रदेश स्तरीय जनजाति वर्ग के लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. सवैधानिक रूप से वे आरक्षण में पदोन्नति का जो नियम है. उसे बहाल करने की मांग की जाएगी.

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नियम विरुद्ध पदोन्नति के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जिलाध्यक्ष देवलाल दुग्गा ने कहा कि जबतक उच्च न्यायालय (high Court) इस तरह आदेश को समाप्त नहीं कर देता. तबतक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरा जाना चाहिए. इसके साथ ही उक्त पदों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए. उनका कहना था कि जितने सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को आरक्षित वर्ग (Reserved category) के पदों पर पदोन्नत किया गया है, उसे तत्काल पदोन्नति नियम 2003 एवं आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा के नियम 1998 और समय-समय पर जारी निर्देशों का उल्लंघन कर नियम विरुद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की. इस दौरान छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के उपाध्यक्ष राम प्रसाद नेताम, महेश मरकाम, शकुंतला ताराम, डॉक्टर एनके तारम मौजूद रहे. वहीं संसदीय सचिव और विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि अनुसूचित जनजाति सेवक के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा, वह पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे.

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