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कांकेर: बेकाबू रफ्तार ले रही मुसाफिरों की जान - ड्राइवर

बस ड्राइवरों की के तेज रफ्तार ड्राइविंग की वजह से लगातार हादसे बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही मुसाफिर संचालकों की बदसलूकी से भी परेशान हैं.

बस की रफ्तार बनी हादसे की वजह
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Published : Jul 9, 2019, 2:00 PM IST

Updated : Jul 9, 2019, 2:48 PM IST

कांकेर: रायपुर-जगदलपुर में बस संचालकों की मनमानी से यहां रहने वाले लोग खासे परेशान हैं. हर रोज सड़कों पर दौड़ने वाली तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. इसके साथ ही बस संचालकों की ओर से यात्रियों से बदसलूकी की घटनाएं भी आम हो चुकी हैं.

बस की रफ्तार बनी हादसे की वजह

दो दिन पहले ही सड़क पर फर्राटा भर रही बस की चपेट में आने से आरक्षक की मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में खासा आक्रोश है. इसके बाद प्रशासन और पुलिस विभाग ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. प्रशासन और पुलिस ने बैठक कर बस संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर आगे से शहर के अंदर से गुजरने वाली बसों की रफ्तार पर लगाम लगाना होगा. पुलिस का कहना है कि अगर बस में सफर करने वाले यात्रियों से बदसलूकी नहीं थमी तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस आरक्षक की हुई थी मौत
दो दिन पहले बस स्टैंड के पास सकरी सड़क पर वाहन को ओवरटेक करने दौरान तेज रफ्तार बस ने पुलिस के आरक्षक को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश देखा गया था. गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया. शहर की सकरी सड़कों पर भी बस चालक अपनी टाइमिंग के चक्कर में 80-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बसे दौड़ते हैं, जिससे हर पल हादसे का खतरा बना रहता है.

अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
बस ड्राइवर टाइमिंग के चक्कर में न केवल सड़क पर चल रहे लोगों की बल्कि बस में सवार यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. इसे लेकर पब्लिक ने कई बार शिकायत की, लेकिन बस ड्राइवरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

रफ्तार बनती है हादसे की वजह
RTO की ओर से जिस तरह से हर 5 मिनट में बसों को परमिट जारी किया गया है, वह बसों की रफ्तार की वजह बन रही है. बस स्टैंड से बस सवारी लेकर निकलने के पहले ही दूसरी बस उसके पीछे आकर खड़ी हो जाती है, ऐसे में रास्ते पर यात्री बैठाने को लेकर भी दोनों में प्रतिस्पर्धा चलती रहती है, इस वजह से भी ड्राइवर तेज रफ्तार से बसें दौड़ते हैं और यही रफ्तार हादसे की वजह बनती है.

रफ्तार कम नहीं करते बस ड्राइवर
बस स्टैंड पहुंचने और वहां रुकने का भी समय तय रहता है जिसकी वजह से भी बस ड्राइवर शहर के बीच भी रफ्तार कम नहीं करते. बीते दो से तीन साल में NH-30 में बस दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका एक मात्र कारण बसों की रफ्तार है.

हादसे में जा रहीं जानें

  • कुछ महीने पहले भी केशकाल के पास एक तेज़ रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी, जिसमें एक CAF जवान की मौत हो गई थी.
  • बीते साल कुलगांव के पास एक बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई थी, जिसमें दर्जन भर लोग घायल हुए थे.
  • माकड़ी के पास भी कुछ महीने पहले एक बस ओवरटेक करने के प्रयास में गड्ढे में गिरने से बाल बाल बची थी. मात्र एक पेड़ के सहारे बस न रुकी होती तो बस में सवार 40 से 45 यात्रियों के जान पर बन आती.

लाइसेंस किए जाएंगे निरस्त
यातायात प्रभारी केजुराम रावत ने कहा कि 'बस संचालकों की बैठक कर उन्हें चेतावनी दी गई है अब अगर शिकायत मिलती है तो बसों की जब्त कर सीधा न्यायालय में पेश किया जाएगा और लापरवाही से बस चलाने वाले ड्राइवरों के लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी'.

कांकेर: रायपुर-जगदलपुर में बस संचालकों की मनमानी से यहां रहने वाले लोग खासे परेशान हैं. हर रोज सड़कों पर दौड़ने वाली तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. इसके साथ ही बस संचालकों की ओर से यात्रियों से बदसलूकी की घटनाएं भी आम हो चुकी हैं.

बस की रफ्तार बनी हादसे की वजह

दो दिन पहले ही सड़क पर फर्राटा भर रही बस की चपेट में आने से आरक्षक की मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में खासा आक्रोश है. इसके बाद प्रशासन और पुलिस विभाग ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. प्रशासन और पुलिस ने बैठक कर बस संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर आगे से शहर के अंदर से गुजरने वाली बसों की रफ्तार पर लगाम लगाना होगा. पुलिस का कहना है कि अगर बस में सफर करने वाले यात्रियों से बदसलूकी नहीं थमी तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस आरक्षक की हुई थी मौत
दो दिन पहले बस स्टैंड के पास सकरी सड़क पर वाहन को ओवरटेक करने दौरान तेज रफ्तार बस ने पुलिस के आरक्षक को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश देखा गया था. गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया. शहर की सकरी सड़कों पर भी बस चालक अपनी टाइमिंग के चक्कर में 80-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बसे दौड़ते हैं, जिससे हर पल हादसे का खतरा बना रहता है.

अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
बस ड्राइवर टाइमिंग के चक्कर में न केवल सड़क पर चल रहे लोगों की बल्कि बस में सवार यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. इसे लेकर पब्लिक ने कई बार शिकायत की, लेकिन बस ड्राइवरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

रफ्तार बनती है हादसे की वजह
RTO की ओर से जिस तरह से हर 5 मिनट में बसों को परमिट जारी किया गया है, वह बसों की रफ्तार की वजह बन रही है. बस स्टैंड से बस सवारी लेकर निकलने के पहले ही दूसरी बस उसके पीछे आकर खड़ी हो जाती है, ऐसे में रास्ते पर यात्री बैठाने को लेकर भी दोनों में प्रतिस्पर्धा चलती रहती है, इस वजह से भी ड्राइवर तेज रफ्तार से बसें दौड़ते हैं और यही रफ्तार हादसे की वजह बनती है.

रफ्तार कम नहीं करते बस ड्राइवर
बस स्टैंड पहुंचने और वहां रुकने का भी समय तय रहता है जिसकी वजह से भी बस ड्राइवर शहर के बीच भी रफ्तार कम नहीं करते. बीते दो से तीन साल में NH-30 में बस दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका एक मात्र कारण बसों की रफ्तार है.

हादसे में जा रहीं जानें

  • कुछ महीने पहले भी केशकाल के पास एक तेज़ रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी, जिसमें एक CAF जवान की मौत हो गई थी.
  • बीते साल कुलगांव के पास एक बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई थी, जिसमें दर्जन भर लोग घायल हुए थे.
  • माकड़ी के पास भी कुछ महीने पहले एक बस ओवरटेक करने के प्रयास में गड्ढे में गिरने से बाल बाल बची थी. मात्र एक पेड़ के सहारे बस न रुकी होती तो बस में सवार 40 से 45 यात्रियों के जान पर बन आती.

लाइसेंस किए जाएंगे निरस्त
यातायात प्रभारी केजुराम रावत ने कहा कि 'बस संचालकों की बैठक कर उन्हें चेतावनी दी गई है अब अगर शिकायत मिलती है तो बसों की जब्त कर सीधा न्यायालय में पेश किया जाएगा और लापरवाही से बस चलाने वाले ड्राइवरों के लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी'.

Intro:रायपुर - जगदलपुर मार्ग पर आवागमन का एक मात्र सहारा सड़क मार्ग है जिसके चलते यहां बस संचालकों की मनमानी से लोग खासे परेशान है , आय दिन बसों की रफ्तार की वजह से हादसे हो रहे है साथ ही बस संचालकों के द्वारा यात्रियों से दुर्व्यवहार की घटनाएं भी आम हो चुकी है , दो दिन पूर्व तेज़ रफ्तार बस की चपेट में आने से आरक्षक की मौत के बाद उपजे आम जनता के आक्रोश के बाद प्रशासन और पुलिस विभाग ने अब कड़ा रुख दिखाया है , प्रशासन और पुलिस के द्वारा बैठक आयोजित कर बस संचालकों को बसों की रफ्तार शहर के भीतर और यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार जैसी शिकायते मिलने पर अब कड़ी कार्यवाही की चेतवानी दी है । इसके साथ ही अब बसें मात्र बस स्टैंड के अलावा यातायात विभाग द्वारा चिन्हित जगहों में ही रुकेंगी अन्य जगह पर बस रोके जाने पर भी कार्यवाही की जाएगी।


Body:दो दिन पूर्व नए बस स्टैंड के पास सकरी सड़क पर वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर मे तेज़ रफ्तार बस ने एक पुलिस आरक्षक को ठोकर मार दी थी जिससे उसकी मौत हो गई थी , घटना के बाद लोगो मे काफी आक्रोश देखा गया था और शहर में चक्काजाम भी कर दिया गया था । शहर की सकरी सड़को पर भी बस चालक अपनी टाइमिंग के चक्कर मे 80-100 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बसे दौड़ते है जिससे हर पल हादसे का खतरा बना रहता है , बस चालक टाइमिंग के चक्कर मे ना केवल सड़क पर चल रहे लोगो की बल्कि बस में सवार यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहे है , इसको लेकर कई बार शिकायत यहां की जनता करती रही है लेकिन अब तक बस चालको के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नही होने से इनकी मनमर्ज़ी जारी थी , दो दिन पूर्व हुए हादसे के बाद जब लोगो के सब्र का बांध टूटा तब कही जाकर पुलिस और प्रशासन नींद से जागे है । हर 5 मिनट में बसों की टाइमिंग बन रही रफ्तार की वजह आरटीओ के द्वारा जिस तरह से हर 5मिनट में बसों को परमिट जारी किया गया है वह बसों की रफ्तार की वजह बन रही है , बस स्टैंड से बस सवारी लेकर निकलने के पहले ही दूसरी बस उसके पीछे आकर खड़ी हो जाती है , ऐसे में रास्ते मे यात्री बैठने भी दोनों में प्रतिस्पर्धा चलती रहती है , जिसके चलते बसों के चालक बेलगाम रफ्तार से बसे दौड़ते है और हादसे की वजह बनते है । इसके अलावा बस स्टेंड पहुचने और वहां रुकने भी इनकी समय तय रहता है जिसके चलते भी ये शहर के बीच भी रफ्तार कम नही करते है । कई हादसे दर्जनों लोग घायल बसों के हादसे की लिस्ट काफी लंबी है , बीते दो से तीन सालों में एनएच 30 में बस दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी गई है जिसका एक मात्र कारण इनकी रफ्तार है , कुछ महीने पहले भी केशकाल के पास एक तेज़ रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी , जिसमे एक सीएफ जवान की मौत हुई थी , बीते साल कुलगाँव के पास एक बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई थी जिसमे दर्जन भर लोग घायल हुए थे , माकड़ी के पास भी एक बस कुछ महीने पहले आगे चल रही वाहन को ओवरटेक करने के प्रयास में गड्ढे में गिरने से बाल बाल बची थी , मात्र एक पेड़ के सहारे बस न रुकी होती तो बस में सवार 40 से 45 यात्रियों के जान पर बन आ सकती थी।


Conclusion:शिकायत मिली तो जब्त कर न्यायालय में करेंगे पेश यातायात प्रभारी केजुराम रावत ने कहा कि बस संचालकों की बैठक कर उन्हें चेतावनी दी गई है अब अगर शिकायत मिलती है तो बसों की जब्त कर सीधा न्यायालय में पेश किया जाएगा। और लापरवाही पूर्वक बस चलाने वाले चालको के लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्यवाही की जाएगी। बाइट- केजुराम रावत यातयात प्रभारी
Last Updated : Jul 9, 2019, 2:48 PM IST
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