कांकेर: रायपुर-जगदलपुर में बस संचालकों की मनमानी से यहां रहने वाले लोग खासे परेशान हैं. हर रोज सड़कों पर दौड़ने वाली तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. इसके साथ ही बस संचालकों की ओर से यात्रियों से बदसलूकी की घटनाएं भी आम हो चुकी हैं.
दो दिन पहले ही सड़क पर फर्राटा भर रही बस की चपेट में आने से आरक्षक की मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में खासा आक्रोश है. इसके बाद प्रशासन और पुलिस विभाग ने अपना रुख कड़ा कर लिया है. प्रशासन और पुलिस ने बैठक कर बस संचालकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर आगे से शहर के अंदर से गुजरने वाली बसों की रफ्तार पर लगाम लगाना होगा. पुलिस का कहना है कि अगर बस में सफर करने वाले यात्रियों से बदसलूकी नहीं थमी तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस आरक्षक की हुई थी मौत
दो दिन पहले बस स्टैंड के पास सकरी सड़क पर वाहन को ओवरटेक करने दौरान तेज रफ्तार बस ने पुलिस के आरक्षक को टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. घटना के बाद से लोगों में काफी आक्रोश देखा गया था. गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर हंगामा किया. शहर की सकरी सड़कों पर भी बस चालक अपनी टाइमिंग के चक्कर में 80-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बसे दौड़ते हैं, जिससे हर पल हादसे का खतरा बना रहता है.
अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
बस ड्राइवर टाइमिंग के चक्कर में न केवल सड़क पर चल रहे लोगों की बल्कि बस में सवार यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. इसे लेकर पब्लिक ने कई बार शिकायत की, लेकिन बस ड्राइवरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
रफ्तार बनती है हादसे की वजह
RTO की ओर से जिस तरह से हर 5 मिनट में बसों को परमिट जारी किया गया है, वह बसों की रफ्तार की वजह बन रही है. बस स्टैंड से बस सवारी लेकर निकलने के पहले ही दूसरी बस उसके पीछे आकर खड़ी हो जाती है, ऐसे में रास्ते पर यात्री बैठाने को लेकर भी दोनों में प्रतिस्पर्धा चलती रहती है, इस वजह से भी ड्राइवर तेज रफ्तार से बसें दौड़ते हैं और यही रफ्तार हादसे की वजह बनती है.
रफ्तार कम नहीं करते बस ड्राइवर
बस स्टैंड पहुंचने और वहां रुकने का भी समय तय रहता है जिसकी वजह से भी बस ड्राइवर शहर के बीच भी रफ्तार कम नहीं करते. बीते दो से तीन साल में NH-30 में बस दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसका एक मात्र कारण बसों की रफ्तार है.
हादसे में जा रहीं जानें
- कुछ महीने पहले भी केशकाल के पास एक तेज़ रफ्तार बस अनियंत्रित होकर पलट गई थी, जिसमें एक CAF जवान की मौत हो गई थी.
- बीते साल कुलगांव के पास एक बस अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई थी, जिसमें दर्जन भर लोग घायल हुए थे.
- माकड़ी के पास भी कुछ महीने पहले एक बस ओवरटेक करने के प्रयास में गड्ढे में गिरने से बाल बाल बची थी. मात्र एक पेड़ के सहारे बस न रुकी होती तो बस में सवार 40 से 45 यात्रियों के जान पर बन आती.
लाइसेंस किए जाएंगे निरस्त
यातायात प्रभारी केजुराम रावत ने कहा कि 'बस संचालकों की बैठक कर उन्हें चेतावनी दी गई है अब अगर शिकायत मिलती है तो बसों की जब्त कर सीधा न्यायालय में पेश किया जाएगा और लापरवाही से बस चलाने वाले ड्राइवरों के लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी'.