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कांकेर में चावल के अभाव में बच्चों को नहीं मिला गरम भोजन

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन तक नसीब नहीं हो रहा हैं. सितम्बर माह से हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में चावल आवंटित नहीं हुआ हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Nov 13, 2022, 12:05 PM IST

कांकेर: कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले तीन महीनों से चावल का आवंटन नहीं होने से बच्चों का गरम भोजन नहीं मिल रहा है. जिसका सीधा असर बच्चों के उपस्थित के साथ सेहत पर असर पड़ रहा है. पखांजूर क्षेत्र आंगनबाड़ी केंद्रों में सितंबर महीने से चावल का वितरण नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के चुनाव में महिलाओं की भूमिका, जानिए कैसे बनती हैं गेम चेंजर

सरकार मासूमों को बेहतर स्वस्थ्य आहार और प्रारंभिक ज्ञान से जोड़ने के लिए "आंगनबाड़ी योजना" चलाई जाती हैं. इन आंगनबाड़ियों में शिशुओं के बेहतर भविष्य के लिए कई सारी योजनाएं चलायी जाती है लेकिन उन योजनाओं का जमीनी हकीकत कागजो में दिखाए गए दावों से बहुत अलग होती हैं.

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन तक नसीब नहीं हो रहा हैं. सितम्बर माह से हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में चावल आवंटित नहीं हुआ हैं. जिसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जैसे तैसे बचत चावल की सहायता से 2 महीने तक बच्चों को गर्म भोजन दिया गया. लेकिन अब बचत का चावल भी खत्म हो चुका हैं. जिससे अब इन आंगनबाड़ियों में बच्चों को दिया जाने वाला गर्म भोजन पिछले कई हफ्तों से बंद पड़ा हैं.



गर्म भोजन के न मिलने के चलते अब बच्चे आंगनबाड़ी नहीं आ रहे है. दो चार बच्चे आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं वो अपने साथ घर से खाना लेकर आ रहे हैं. प्रशासन की लापरवाही के चलते अब इन मासूम नैनिहालों का स्वस्थ और शिक्षा दोनों ही पिछड़ रहा हैं. सरकार इन मासूमों के बेहतर स्वस्थ्य और शिक्षा के बड़े बड़े दावे तो करती है. परंतु जमीनी स्तर पर इन मासूमों को पेट भरने वाले चावल तक नसीब नहीं हो रहे हैं.

कांकेर: कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले तीन महीनों से चावल का आवंटन नहीं होने से बच्चों का गरम भोजन नहीं मिल रहा है. जिसका सीधा असर बच्चों के उपस्थित के साथ सेहत पर असर पड़ रहा है. पखांजूर क्षेत्र आंगनबाड़ी केंद्रों में सितंबर महीने से चावल का वितरण नहीं हो रहा है.

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सरकार मासूमों को बेहतर स्वस्थ्य आहार और प्रारंभिक ज्ञान से जोड़ने के लिए "आंगनबाड़ी योजना" चलाई जाती हैं. इन आंगनबाड़ियों में शिशुओं के बेहतर भविष्य के लिए कई सारी योजनाएं चलायी जाती है लेकिन उन योजनाओं का जमीनी हकीकत कागजो में दिखाए गए दावों से बहुत अलग होती हैं.

कोयलीबेड़ा ब्लॉक के हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गर्म भोजन तक नसीब नहीं हो रहा हैं. सितम्बर माह से हरनगढ़ सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में चावल आवंटित नहीं हुआ हैं. जिसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा जैसे तैसे बचत चावल की सहायता से 2 महीने तक बच्चों को गर्म भोजन दिया गया. लेकिन अब बचत का चावल भी खत्म हो चुका हैं. जिससे अब इन आंगनबाड़ियों में बच्चों को दिया जाने वाला गर्म भोजन पिछले कई हफ्तों से बंद पड़ा हैं.



गर्म भोजन के न मिलने के चलते अब बच्चे आंगनबाड़ी नहीं आ रहे है. दो चार बच्चे आंगनबाड़ी पहुंच रहे हैं वो अपने साथ घर से खाना लेकर आ रहे हैं. प्रशासन की लापरवाही के चलते अब इन मासूम नैनिहालों का स्वस्थ और शिक्षा दोनों ही पिछड़ रहा हैं. सरकार इन मासूमों के बेहतर स्वस्थ्य और शिक्षा के बड़े बड़े दावे तो करती है. परंतु जमीनी स्तर पर इन मासूमों को पेट भरने वाले चावल तक नसीब नहीं हो रहे हैं.

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