कांकेर : नया शिक्षा सत्र शुरू होने में महज 4 दिन का समय शेष है, लेकिन पांचवीं और आठवीं को छोड़कर प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के नतीजे अब तक जारी नहीं हुए हैं. ऐसे में जिले के करीब 70 हजार बच्चे अपने नतीजों के इंतजार में बैठे हैं. शिक्षा विभाग हर साल नए-नए प्रयोग कर रहा है, जिसका खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं.
स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा प्रदेशभर के प्राथमिक और माध्यमिक क्लास के बच्चों के विषयवार नंबर ऑनलाइन एंट्री कर मंगवाए थे, पहले तो इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के विषयवार एंट्री में काफी समय लग गया और 16 मई तक एंट्री का ही काम चलता रहा, लेकिन इसके बाद भी एक महीना बीत जाने के बाद अब तक नतीजे जारी नहीं हो सके हैं. इससे पहले तक हर साल 30 अप्रैल तक नतीजे जारी कर दिए जाते थे, लेकिन इस बार स्कूल शिक्षा विभाग की नई नीति ने प्राथमिक और माध्यमिक के बच्चों को ही उलझन में डाल दिया है.
हर साल नया प्रयोग बना रहा शिक्षा का मजाक
स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा हर साल शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं, मानो बच्चों का एजुकेशन नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग की कोई प्रयोगशाला चल रही हो, इसके पहले भी आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं करने का नियम लाया गया था, जिसका बुरा प्रभाव शिक्षा के स्तर पर पड़ा, अब हर बच्चे के विषयवार नंबर ऑनलाइन मंगवाए गए, लेकिन इन सबका फायदा क्या है ये बताने वाला कोई नहीं है.
नतीजे के इंतजार में बैठे हैं 70 हजार से ज्यादा बच्चे
जिले में 70 हजार से ज्यादा बच्चे नतीजे आने के इंतजार में बैठे हैं, लेकिन अभी भी ये साफ नहीं है कि, नतीजे कब तक आएंगे. ऐसे में बच्चे अगली क्लास में बिना नतीजे के साथ बैठेंगे.
बोर्ड की तर्ज पर हुई थी परीक्षा
इस बार प्राथमिक और माध्यमिक की परीक्षा भी बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर आयोजित की गई थी और शासन के द्वारा सभी के लिए एक ही प्रश्न पत्र जारी किए गए थे. साथ ही संकुल स्तर पर कॉपियां बदलकर जंचवाई गई थीं, लेकिन शायद बिना तैयारी शासन का ये प्रयोग उनके लिए सिर दर्द बन गया है.
2 दिन में नतीजे जारी करने का दावा
जिला शिक्षा अधिकारी अर्जुन मेश्राम का कहना है कि, 'सभी स्कूलों को मार्कशीट जारी कर दी गई है, भानुप्रतापपुर और अंतागढ़ से कुछ जानकारी आना शेष है. दो से तीन दिन में नतीजे जारी कर दिए जाएंगे. अगर तीन दिन बाद भी नतीजे नहीं आते तो ऐसा पहली बार होगा कि नतीजे आए बिना ही नया सत्र शुरू हो गया हो और बच्चे दूसरी क्लास में बैठेंगे.