कांकेर: धान खरीदी केंद्र में हुए फड़ मुंशी नियुक्ति को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी देखने को मिल रही है. ग्रामीणों ने अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है.
बांदे लैम्प्स समिति के रेंगवाही धान खरीदी केंद्र में प्रभारी को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखने को मिली. ग्रामीणों की मांग है कि स्थानीय लोगों को फड़ का प्रभार दिया जाए. जिससे स्थानीय किसानों को फायदा मिल सके.
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गुपचुप तरीके की गई नियुक्ति: ग्रामीण
सहकारी समिति के CEO ने फड़ वितरण लिस्ट जारी की थी. जिसमें दिलीप बैरागी को रेंगावाही धान खरीदी केंद्र का मुंशी बनाया गया. जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है. ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से नियुक्ति की है. ग्रामीणों ने इसके विरोध में जमकर हंगामा किया.
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किसानों के साथ ठगी का आरोप
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते साल की धान खरीदी की राशि किसानों को अब तक नहीं मिली है. ग्रामीणों का आरोप है कि फड़ मुंशी ने किसानों के साथ ठगी कर अपना जेब भरने का काम किया था. जिसके चलते ग्रामीण इस बार बाहरी व्यक्ति को फड़ का प्रभार देने से नाराज हैं.
1 दिसंबर से धान खरीदी
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने वाली है. सरकार ने इस बार 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है. इसे लेकर सरकार ने अपनी ओर से तैयारियां पूरी कर ली है. साथ ही धान खरीदी केंद्रों में फड़ प्रभारियों की नियुक्ति भी की जा रही है.