कांकेर: जिले के नरहरपुर तहसील के 12 गांव में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को पिछले 5 महीने से रेडी टू ईट पोषण आहार नहीं मिल रहा है. जिससे महिलाएं और बच्चों पर कुपोषण का खतरा मंडरा रहा है. सोमवार को दर्जनों की संख्या में शिशुवती और गर्भवती महिलाएं कलेक्टर के पास रेडी टू ईट ना मिलने की शिकायत लेकर पहुंची.
कई गांव में नहीं मिल रहा रेडी टू ईट: मितानिन कार्यक्रम में काम कर रहीं कुमुद्धि गोस्वामी ने बताया कि "हम लोग नरहरपुर ब्लॉक से हैं. हम मितानिन कार्यक्रम में काम करते हैं. हाल ही में हम लोगों की श्रीगुहान में एक बैठक थी, जहां गर्भवती और शिशुवती माताएं भी पहुंची थीं. उनसे पूछने पर उन्होंने जानकारी दी कि आसपास के गांव में रेडी टू ईट मिल रहा है. लेकिन हमारे गांव में नहीं मिल रहा है. ऐसे ही 12 गांव के ग्रामीणों को रेडी टू ईट नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि रूटीन जो खाना पीना है, वे वही खा रही हैं. शासन की योजना के अनुसार जो रेडी टू ईट महिलाओं को दिया जाता है, जो उन्हें नहीं मिल रहा है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल चल रही है. उस समय के बाद से अब तक रेडी टू ईट नहीं मिल रहा है."
रेडी टू ईट की सप्लाई ठप: महिलाओं का कहना है कि "ग्राम भर्रीटोला, ढेकुना, बनसागर सहित जिले के दर्जन भर गांव में रेडी टू इट की सप्लाई जनवरी महीने से नहीं हो रही है. जिस वजह से बच्चों और गर्भवती माताओं को मिलने वाला पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है. शासन का आदेश है आंगनबाड़ी केंद्रों में हफ्ते के तीसरे दिन बच्चों को रेडी टू ईट का नाश्ता करवाया जाए. लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में सप्लाई ठप पड़ी है. जिससे महिला और बच्चे प्रभावित हो रहे हैं."
अधिकारी ने झाड़ा पड़ला: महिला एवं बाल विकास अधिकारी हरिकीर्तन राठौर ने इस मामले में कहा कि "आज महिलाओं की शिकायत मिली है. बीज निगम से बात की जाएगी." हालांकि अधिकारी ने निराकरण की बात कहकर पल्ला तो झाड़ लिया, लेकिन 5 महीने से रेडी टू ईट नहीं मिल रहा है. इसके बाद भी अफसर ने किसी प्रकार का निराकरण नहीं किया. इस तरह से जिले में कुपोषण की जंग कैसे जीती जाएगी यह सोचने वाली बात है.